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पापा की उम्मीद ,मेरा कंधे पर मेरा बेटा |

पापा की उम्मीद ,मेरा कंधे पर मेरा बेटा | हर मां बाप अपनी औलाद को इतने लाड प्यार से बडा करते है| हर शौक अपने साथ पूरा करते है|    नजर एक जगह से दूसरी जगह जाती है  उसकी नजर भी हमारे उपर रहती है|   मां बाप हमारे सबसे बडे भगवान है|  आज इस काहानी मे आज मेरे पापा की उम्मीद ,सोच व लगन पर कलम लिखता हू,    पापा औ मेरे पापा ?? जब मे बचपन मे था |कया कया उममीदे जागा करती थी|   बोला करते  थे हमेशा कंधे  पर पड के ,,,, पापा ,कंधा तोड दिया चल नीचे पड😁😁,   अब मेरा बेटा मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा | जब कंधे पर खडा हो गया | ओर मुझे कहने लगा | देखो पापा, मे तुमसे बडा हो गया |    कया मजाक ओर कया हंसी थी | मेरे पापा ने मुझे कहा | बेटा इस खुबशुरत गलतफहमि को भले ही जकडे रखना|   मगर मेरा बेटा मेरा हाथ पकडे रखना|  जिस दिन ये हाथ छुट जाऐगा | उस दिन बेटा तेरा ये रंगीन सपना भी पूरा हो जाऐगा|    अब मेरे पापा मेरे को मुझे समझाते है|  दुनिया वासतव मे उतनी हसीन नही|  देख बेटा ये रंगीन सपना ना टूट जाऐ, देख तेरे पाल तले जमी नही है| अभी कंधा का सहारा है,   बाप तो खुश है इस बात से की बेटा

मेरे_पापा_की_औकात💚💚💙💙

*मेरे_पापा_की_औकात* पाँच दिन की छूट्टियाँ बिता कर जब ससुराल पहुँची तो पति घर के सामने स्वागत में खड़े थे। अंदर प्रवेश किया तो छोटे से गैराज में चमचमाती गाड़ी खड़ी थी स्विफ्ट डिजायर! मैंने आँखों ही आँखों से पति से प्रश्न किया तो उन्होंने गाड़ी की चाबियाँ थमाकर कहा:-"कल से तुम इस गाड़ी में कॉलेज जाओगी प्रोफेसर साहिबा!" "ओह माय गॉड!!'' ख़ुशी इतनी थी कि मुँह से और कुछ निकला ही नही। बस जोश और भावावेश में मैंने तहसीलदार साहब को एक जोरदार झप्पी देदी और अमरबेल की तरह उनसे लिपट गई। उनका गिफ्ट देने का तरीका भी अजीब हुआ करता है। सब कुछ चुपचाप और अचानक!! खुद के पास पुरानी इंडिगो है और मेरे लिए और भी महंगी खरीद लाए। 6 साल की शादीशुदा जिंदगी में इस आदमी ने न जाने कितने गिफ्ट दिए। गिनती करती हूँ तो थक जाती हूँ। ईमानदार है रिश्वत नही लेते । मग़र खर्चीले इतने कि उधार के पैसे लाकर गिफ्ट खरीद लाते है। लम्बी सी झप्पी के बाद मैं अलग हुई तो गाडी का निरक्षण करने लगी। मेरा फसन्दीदा कलर था। बहुत सुंदर थी। फिर नजर उस जगह गई जहाँ मेरी स्कूटी खड़ी रहती थी। हठात! वो जगह त