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जून, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एक माँ की सच्ची दर्द भरी कहानी घटना! एक मां की दुखभरी कहानी सच मे रो जाओगे

एक माँ की सच्ची दर्द भरी कहानी घटना एक काहानी ऐसी ही है जो कि ऐसी पर थोडी अलग है वो भी देखे .. Click Here यदि काहॎनी  सुन के आंखो मे आंसू ना आये तो आप अपनी मां को बोल देना मां तुम मुझे पंसद नही हो !           😪😴😓🤤😥     मेरी माँ की सिर्फ एक ही आँख थी और इसीलिए मैं उनसे बेहद नफ़रत करता था | वो फुटपाथ पर एक छोटी सी दुकान चलाती थी |   उनके साथ होने पर मुझे शर्मिन्दगी महसूस होती थी | एक बार वो मेरे स्कूल आई और मै फिर से बहुत शर्मिंदा हुआ | वो मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है ? अगले दिन स्कूल में सबने मेरा बहुत मजाक उड़ाया | मैं चाहता था मेरी माँ इस दुनिया से गायब हो जाये | मैंने उनसे कहा, 'माँ तुम्हारी दूसरी आँख क्यों नहीं है? तुम्हारी वजह से हर कोई मेरा मजाक उड़ाता है |   तुम मर क्यों नहीं जाती ?' माँ ने कुछ नहीं कहा | पर, मैंने उसी पल तय कर लिया कि बड़ा होकर सफल आदमी बनूँगा ताकि मुझे अपनी एक आँख वाली माँ और इस गरीबी से छुटकारा मिल जाये | उसके बाद मैंने म्हणत से पढाई की | माँ को छोड़कर बड़े शहर आ गया | यूनिविर्सिटी की डिग्री ली | शादी की | अपना

सबको खुश नही किया जा सकता ?

सबको खुश नही किया जा सकता ?   एक बार की बात है| एक परिवार एक दिन गांव से बाहर गधे को खरीदने के लिये बाजार गये |   वहाँ उनहोने एक गधा पसन्द किया | फिर वो गधा लेकर घर की तरफ आने लगे |    तभी वो एक कस्बे को पार करने वाले थे | ओर आवाज आई |   हा हा हा !!!!   !!!!   कितने पागल लोग है | गधा होते हुऐ भी पैदल चल रहे है| तभी वो सोचे की चलो गधे के उपर बैठकर चलते है|   ___ __ फिर अगले गांव पहुचने वाले थे तब गांव वाले बोले देखो देखो कैसे बेचारे गधे को बेहाल कर रखा है|    तभी वो सभी वही उतर गये | फिर उनहोने अपने साथ बच्चे को गधे के उपर बैठा दिया|   फिर चौक से आवाज आई | देखो देखो बेचारा बूढा तो पैदल रहा है| वो हटठा कटठा गधे की सवारी कर रहा है|    फिर वो बच्चा उतर गया ओर बुढढे को बिठा दिया |   जैसे जैसे अगले कस्बे मे गये तो बोला कि बुढढा कितना सवारथी है|  कि उसका बैटा तो पैदल चल रहा है| ओर सभी पैदल चले जा रहे है|   अभी वो सब परेशान थे |   अत: उन्होने सुझाव किया कि गधे को हम उठा के लेकर चलते है| फिर उनहोने गधे की टाँगे बाधकर गधे को उठा लिया |   गाव मे जैसे ही घूसे सब हसने लगे |

हर जगह का प्यार हर जगह की जीत !! तो कया है 💕प्यार😍

हर जगह का प्यार हर जगह की जीत !! तो कया है 💕प्यार😍 नमस्कार दोस्तों ,   आज की इस काहानी मे आपको बताऊगा की प्यार कया होता है | कैसे प्यार जताते है ,कैसे प्यार मे झगडा होता है |   कया प्यार करना चहिऐ | इस काहानी को मैने बहुत बार सोचा फिर मैने सोचा कि लिख दू |  अंत मे फिर ये काहानी आप सब के साथ मिल बाट कर बताऊगा|  मेरे परिवार ओर मेरे साथी -सहपाठी !!     प्यार दो ओर दो से जयादा लोगो का बंधन है | ये कोई लडका - लडकी ,पति -पत्नी ,भाई -बहन ओर नाते  -संबंधी के बीच होता है |   प्यार कया होता हे ये मे शुरुआत अपने माता-पिता से शुरु करता हूँ कि जब कोई छोटा सा इगडा हो ओर बात आ जाऐ उनके बेटा -बेटी पर तब बहुत ही मजा आता है |   पापा बोलते हे कि मेरा बेटा है ओर मम्मी बोलती है कि मेरा बेटा है |   आपस मे बहुत बार तक बहस चलती है | पर बेटा कया बोले????   अब बात आ जाती है कि मां को अपनी काहानी बताने की कि मैने पेट मे रखकर इसे पाला पोसा है |  ऐसे ही नही हुआ ठीक है ना!!   फिर पापा कहाँ कम रहते हे पापा बोलते है कि मेरे बिना ओर कर के दिखाओ | अब हंसी रूकती नही |  अब मां कया बोले ??  मां

मजदूर हरि की कहानी !!

 मजदूर हरि की कहानी !! ये काहानी आपको रुला देगी प्रणाम सभी को ,                                   नमस्कार दोस्तों मैं अनिल हटरिया आज आपके लिए नई कहानी लेकर आया हूँ | यह कहानी है हरि नाम के एक मजदूर की, हरि की उम्र तकरीबन 7 साल थी |  हरि रामपुर नामक के गांव में रहता था| रामपुर उस समय काफी खुशहाल गावँ था|  गावँ  के लोग बड़े खुशमिजाज थे|  हर कोई अपनी मजदूरी,  खेती, व्यापार इन्हीं चीजों में व्यस्त रहता था| हर साल गांव में मेला होता था,  नए-नए त्योहार मनाए जाते थे|  करीबन 10 साल की उम्र में हरि के माता-पिता उसे छोड़ स्वर्ग सिधार गए थे, तब से हरि अकेला ही जीता था| जहां मिले वहां खाता था, जहां मिले वहां सो जाता था|    हरि के पिता ने गांव के साहूकार से काफी कर्ज़ लेकर रखा था| वह कर्जा चुकाने के लिए साहूकार ने हरि को अपने यहां काम पर रख लिया था,  हरि के पास ना अपनी खेती थी ना कोई व्यापार था| हरि साहूकार के नीचे काम करते-करते न जाने कब बड़ा हो गया,  अब हरि की उम्र तकरीबन 20 साल थी | पूरी जिंदगी हरि ने अकेले काटी थी| अब उसका मन शादी कर घर बसाने का था| पर मुश्किल तो यह थी हरि जैसे

बेटे की सोच जो अक्लमंद अपनी मां से नफरत करता है|

बेटे  की सोच जो अक्लमंद अपनी मां से नफरत करता है|  आंखो मे आँसू ला देगी यदि दिल से पढोगे !!!!  हैलौ , आज की काहानी एक घटित काहानी के आधार पर है |एक परिवार मे एक महिला अपने पति के साथ रहती थी | शादी के कुछ ही दिन हुऐ थे |उनका पति चल बसे किसी अपिरय घटना के कारण !!!    अब उस महिला के दिन बडे दुखी दुखी अपना समय निकालने लगी | ये काहानी आसटॗेलिया के एक परिवार की काहानी है |     महिला बडी दुखी दुखी अपना समय निकालती थी | अब उसके पेट मे बच्चा भी था | बडी मुशिकल से काम करती थी |    कुछ महिनो बाद एक बच्चा हुआ अति सुन्दर |   महिला बहुत खुश हुई | बचचा बडा हुआ खेलने -कुदने लगा |    फिर कया हुआ कि वो अपने लडके को अपने घर सुलाकर घर से बाहर सामान लाने गई |   पर अचानक उसने देखा कि घर मे दबाकर आग लग गई | ओर कुछ ही मिनटो मे इतनी भयकंर हो गई |कि कुछ ही मिनटो मे जलकर राख हो रही थी |    ऐसे मे वो दौडती नजर आई |   --- ----     वहा के कुछ वयकितयो ने अंदर जाने से रोका | मत जाओ आप जल जाओ गे |    पर हर मा का पयार कौन जाने | कयोकि उसी को पता था कि मेरा बेटा सो रहा है | वह भागकर कमरे मे गई

दो पक्षियों के प्यार की काहानी

दो पक्षियों के प्यार की काहानी काहानी अति रौचक है प्यार भरी !!  सुनकर आंखौ मे आंसू  ला देगी| काहानी अंत तक जरूर पढे|| एक विशाल जंगल मे अति विशाल पेड थे | वहा से शुरू होती है दो लवरसॖ के पयार की काहानी  ( एक चिडा ओर दुसरी चिडि़या)     जगंल मे एक पेड पर एक चिडा चिडि़या रहते थे| बहुत खुश थे| एक दिन चिडि़या ने बोला तुम मुझे पयार नही करते |   इस बात के कारण चिडे ने दुखी होकर अपने पंख तोड लिये| ओर बोला आज के बाद मे ना तुमहे छोडकर जाऊगा|  इस पर वो बोली की ना मे तुमहे खोना नही चाहती ||आपका ओर मेरा सात जन्म साथ रहेगा|   ओर इस तरह!!!.... अचछा समय बीतता रहा | वो दोनो मस्त जी रहे थे|  बहुत खुशी से पयार करते थे सुबह चहचलाना |    .... .. ..    फिर एक दिन तो परीक्षा आ ही जाती है| कया हुआ कि भयकंर तुफान उठ गया | सभी डर ,भय से पर अब कया करे ||   अब चिडा उड भी नही सकता था | कयोकि पंख नही थे | चिडि़या बोली अब कया करू कैसे जाऊ मे तुमहे छोड के , तब तुफान जयादा आया तो चिडि़या बोली मे उड रही हू अपना खयाल रखना |   सात जन्म का साथ||| कुछ समय बाद चिडि़या तुफान खत्म होने के बाद वा