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अक्तूबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

👳🏻किसान👳🏻के घर की💥 दिवाली 😥

  👳🏻 किसान👳🏻के घर  की💥 दिवाली 😥 किसान की दिपावली  दिपावली का त्यौहार अक्सर अक्टूबर या नवंबर के महीने मे मनाई जाती है | पर हर घर मे अलग -अलग तरीके से खुशी बांटी जाती है | आज की इस काहानी मे एक किसान के घर के दिपावली के बारे मे बताऊगा ||    एक गांव मे एक किसान था | उसके दो छोटे -छोटे बच्चे थे | वह अपनी पत्नी व बच्चो के साथ गांव के झौपड मे रहते थे | घर मे कुछ नही दो -चार बर्तन थे और एक टूटा सा पंलग था | किसान के घर मे एक जुआ और दो बैल थे | वह किसान खेत मे काम करके घर का गुजारा करता था | पर घर मे इतने पैसे नही थे कि त्यौहार पर नये कपडे खरीद सके | किसान अपने बचचो के लिऐ कया लाता बस अपना पेट का गुजारा करता था | पर दिपावली पास आई | गांव मे रौनक बढी |      सभी के घरो पर नई लाईटे ,घर मे कली ,सफाई और नऐ - नऐ कपडे पहनकर गांव से शहर घूमने जाते थे | वही पर एक किसान फटी कुरती मे खेत मे हल जोतता था | वहां उसके गांव मे सभी उस गरीब किसान को कुछ नही देते थे | वहाँ उससे मजदूरी करवाते और उसके बदले मे पचास -सौ रूपये देते थे | पर जहां तक घर चाहे किसान का हो या अमीर घर का ,दिपावली पूजन तो हर के घर मे ह

बहन तेरी भी तो होगी रे (सभी प्यारे भाई -बहनो के लिऐ)

  बहन तेरी भी तो होगी रे (सभी प्यारे भाई -बहनो के लिऐ)   बहन तेरी भी होगी ये कोई नही सोचता |  बहन मेरी भी होगी ये हर कोई सोचता है कयू ???  नमस्कार ,दोस्तों आज की इस काहानी मे ,मै आपको बताउगा कि कयो आज कल ,कयो ये नही सोचते |....   एक परिवार की काहानी है |जहाँ पर उसके दो भाई के साथ मां -बाप  वो खुद थी |   परिवार बहुत गरीब था | पर गरीब के साथ वो दिल से गरीब नही थे | इतना अच्छा था कि वो ना तो कभी किसी के मागंने जाते थे और ना किसी से धोखा |  कमा के खाना | ये ही उनके परिवार मे था |    पूरा परिवार अच्छे से रहते थे | कही भी वो जाते थे साथ ले जाते थे अपने पूरे घर के सभी सदस्य  |  पैसे कमाने के लिऐ मैले लगाने जाते थे |मेैलौ  मे सामान बेचते थे |ओर कुछ पैसे कमा के अपना गुजारा करते  थे |    पर बोलते है ना जहाँ कोई घर अच्छा से चलता हो कोई ना कोई ना कोई आफत आ जाते थे |     मैले मे सामान बेचते थे तब वहाँ कुछ बदमाश लोग घूमते रहते है  |  वहाँ पर उसने   उन्होने देखा की बहुत सुंदर लडकी सामान बेच रही है | चलो वहाँ उसको छेडते है |     पर उसका परिवार भी कया करे ,गरीब होने के नाते कुछ नही बोल पाया  |      उसक