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मार्च, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जी लेगे अब तेरे बिना भी , सह लेगे दुनिया तेरे बिना भी , कसम से अकेले जी लेगे ,

 जी लेगे अब तेरे बिना भी  जी लेगे अब तेरे बिना भी , सह लेगे दुनिया तेरे बिना भी , कसम से अकेले जी लेगे , ऐसे घमंड वाली से सो अच्छा अकेले ही सह लेगे | मना- मना के थक चुक हूँ , सच बातो मे अपने से कई बार हार चुका हूँ , सच्चे को तूने झूठा बनाया , अच्छे को तूने बेकार बना दिया | अब ढुंढ ले जिदंगी अपनी अलग से भी , हम तो जी लेगे अब तेरे बिना भी , मै नही रोकूगा तुझे कही भी , अब जाना हे मेरी जिदंगी से तो  अब अकेले जी लेगे , कसम से हाथ पकडू भी तब  जब अपना आप हमे समझे| किसी का हाथ छुडाकर हम किसी का हाथ नही लेते |  जब चलना हो सच्चे रास्ते पर तो हम किसी सी परमाईश नही करवाते | सच तो ये है कि तुझे हम पसंद ही नही,  तो हम भी तुम्हे टच नही करते | जी लेगे  तेरे बिना भी , कोई गम की बात नही | पर जहाँ तुम्हे रहना था वहाँ तुम रहे ही नही | Buy Now कोई बात नही तुम खुश रहो ,  अपनी अपनी जिंदगी मे जीना है  तो मेरे से अलग ही रहो | अब हम तुम्हे सताऐगे भी नही  तुम्हे जो करना है वो करो,   कभी तेरे पीछे आऐगे भी नही | कसम से दुशमनी नही है तेरे से  तुम्हे मे अच्छा नही लगता तो  अलग. से जी लो वो ही सही | अपने मन मे है वो क

बेटियाँ ही नही साहब, बेटे घर छोड़ जाते हैं...

 “हर उस #बेटे को समर्पित जो घर से दूर है चाहे वो होस्टल में हो या नौकरी के लिए दूर शहर में.......... बेटियाँ ही नही साहब, बेटे घर छोड़ जाते हैं... बेटे भी घर छोड़ जाते हैं... जो तकिये के बिना कहीं…भी सोने से कतराते थे… आकर कोई देखे तो वो…कहीं भी अब सो जाते हैं… खाने में सो नखरे वाले..अब कुछ भी खा लेते हैं… अपने रूम में किसी को…भी नहीं आने देने वाले… अब एक बिस्तर पर सबके…साथ एडजस्ट हो जाते हैं… बेटे भी घर छोड़ जाते हैं... घर को मिस करते हैं लेकिन…कहते हैं ‘बिल्कुल ठीक हूँ’… सौ-सौ ख्वाहिश रखने वाले…अब कहते हैं ‘कुछ नहीं चाहिए’… पैसे कमाने की जरूरत में…वो घर से अजनबी बन जाते हैं लड़के भी घर छोड़ जाते हैं। Buy Now   बना बनाया खाने वाले अब वो खाना खुद बनाते है, माँ-बहन-बीवी का बनाया अब वो कहाँ खा पाते है। कभी थके-हारे भूखे भी सो जाते हैं। लड़के भी घर छोड़ जाते है। मोहल्ले की गलियां, जाने-पहचाने रास्ते, जहाँ दौड़ा करते थे अपनों के वास्ते,,, माँ बाप यार दोस्त सब पीछे छूट जाते हैं तन्हाई में करके याद, लड़के भी आँसू बहाते है लड़के भी घर छोड़ जाते हैं| कभी बाप की डाट न खाने वाले , आज किसी की भी डाट खा लाते