जी लेगे अब तेरे बिना भी
जी लेगे अब तेरे बिना भी ,
सह लेगे दुनिया तेरे बिना भी ,
कसम से अकेले जी लेगे ,
ऐसे घमंड वाली से सो अच्छा अकेले ही सह लेगे |
मना- मना के थक चुक हूँ ,
सच बातो मे अपने से कई बार हार चुका हूँ ,
सच्चे को तूने झूठा बनाया ,
अच्छे को तूने बेकार बना दिया |
अब ढुंढ ले जिदंगी अपनी अलग से भी ,
हम तो जी लेगे अब तेरे बिना भी ,
मै नही रोकूगा तुझे कही भी ,
अब जाना हे मेरी जिदंगी से तो
अब अकेले जी लेगे ,
कसम से हाथ पकडू भी तब
जब अपना आप हमे समझे|
किसी का हाथ छुडाकर हम किसी का हाथ नही लेते |
जब चलना हो सच्चे रास्ते पर तो हम किसी सी परमाईश नही करवाते |
सच तो ये है कि तुझे हम पसंद ही नही,
तो हम भी
तुम्हे टच नही करते |
जी लेगे तेरे बिना भी , कोई गम की बात नही |
पर जहाँ तुम्हे रहना था वहाँ तुम रहे ही नही |
कोई बात नही तुम खुश रहो ,
अपनी अपनी जिंदगी मे जीना है
तो मेरे से अलग ही रहो |
अब हम तुम्हे सताऐगे भी नही
तुम्हे जो करना है वो करो,
कभी तेरे पीछे आऐगे भी नही |
कसम से दुशमनी नही है तेरे से
तुम्हे मे अच्छा नही लगता तो
अलग. से जी लो वो ही सही |
अपने मन मे है वो करो ,
अब कभी तुम्हे याद आऐगे भी नही |
जी लेगे अब तेरे बिना भी
फिर भी कोई बात नही |
जी लेगे अब तेरे बिना भी ,
अब कोई बात नही ||
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