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मई, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हिम्मत है मेरी जिंदगी मेहरबान है मेरा दिल ,

 हिम्मत है  मेरी जिंदगी  मेहरबान है मेरा दिल , कही से सुनी ना  किसी की , करी ना किसी से बेवजह दुशमनी , जिया हू बस अपने सपने से लडने के लिऐ , किस्मत  बहुत खराब थी  मिली , पर आश ना छोडी मैने , हिम्मत बहुत  है मेरी जिंदगी , आश तो बहुत  है मेरी जान ,  ठोकर ठोकर खाकर चलना सिखा , हर मोड पर गरीबी का जाल देखा , कमाने के चककर मे घर घर का  सामना देखा | बेकार लोगों से नाता छोडा , सच्चे आदमी का विशवास ना तोडा , हिम्मत मारी बहुत  मर मर के , किसी की ना फालतू आश देखी , कर्म को  बोलते थे ये  लोग ,, की तेरे तो  है ये  बहुत अच्छे , अब किस किस को बताऐ , की घर मे ना थे ढाई आने , रात कब आई सोने की तो  ना आश  देखी , बस सताती रही ,ये कमाने की लत , कमाने के चककर में बस रहती थी , ये घर चलाने की आश , हिम्मत है मेरी जिंदगी , मेहरबान है मेरा दिल , कमाने की ना आश छोडी  , Buy NoW ✔️🍀✔️ जिंदगी में आऐ सकंट के पल , फिर भी मेरे दिल ने ये आश ना छोडी , टूटे थे बहुत , पर दिल ने तो आह तक ना भरी , घर में बार बार मुडने की ये राह ना देखी...

डाकिये के लिऐ लडकी का एक सुनहरा गिफ्ट

 बहुत ही भावनात्मक काहानी जिससे सुन के आपके हाथ पाव काप उठ जाऐगे | पूरी जरूर पढिऐ || एक लडकी व डाकिये की काहानी || एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हुए कहा..."चिट्ठी ले लीजिये।" आवाज़ सुनते ही तुरंत अंदर से एक लड़की की आवाज गूंजी..." अभी आ रही हूँ...ठहरो।" लेकिन लगभग पांच मिनट तक जब कोई न आया तब डाकिये ने फिर कहा.."अरे भाई! कोई है क्या, अपनी चिट्ठी ले लो...मुझें औऱ बहुत जगह जाना है..मैं ज्यादा देर इंतज़ार नहीं कर सकता....।" लड़की की फिर आवाज आई...," डाकिया चाचा , अगर आपको जल्दी है तो दरवाजे के नीचे से चिट्ठी अंदर डाल दीजिए,मैं आ रही हूँ कुछ देर औऱ लगेगा ।  " अब बूढ़े डाकिये ने झल्लाकर गुस्से से  कहा,"नहीं,मैं खड़ा हूँ,रजिस्टर्ड चिट्ठी है,किसी का हस्ताक्षर भी चाहिये।" जल्दी आईऐ || तकरीबन दस मिनट बाद दरवाजा खुला। डाकिया इस देरी के लिए ख़ूब झल्लाया हुआ तो था ही,अब उस लड़की पर चिल्लाने ही वाला था लेकिन, दरवाजा खुलते ही वह चौंक गया औऱ उसकी आँखें खुली की खुली रह गई।उसका सारा गुस्सा पल भर में एकदम फुर्र हो गया। उसके सामने एक न...

जिंदगी की रफतार

 जिंदगी की रफतार  रफ्तार की दौड फिर से आ गई , बीते दिनो को छोडके अब गाडी की रेस   अपने पंजो के नीचे आ गई | मर के जिंदा हूआ , अब जिंदगी की नई. राह आ  गई | 13 बीमारियो से बचकर  जिंदगी की रफतार अपने पंजो के नीचे आ गई | हर रोड पर मोड ही  मोड  वही जिंदगी से गिराने की राह आ गई थी | अब रफतार भरी जिंदगी फिर से आ गई है | गिराने वाले तो गिरे हुऐ रह गये है | बाजी मारने के चककर में लोगो के तलवे चाटते फिर गये | जिंदगी की रफतार में कुछ गैर लोग जिंदगी से फिसल गये | मतलबी अपना मकसद में नाकाम रह गये | युद्ध तो लाख किये पर तीर चलाने की बजाये कमान उठाना तो भूल गये , सागर की लहर में नही वो तो घर  बैठे बेठे जुबान चलना सीख गये | लोगो को गंदा बताकर ,अपने  आप को तो धोना भूल गये , जगह बदली ,पर जगह की दिमाग का कचरा  तो निकालना भुल गये , सिखा तो मेने जिंदगी के नये नये आयाम , पर टांग मुडने के बाद भी ये खेल छोडना  ना भुल पाया , कमर में लगा दर्द , फिर भी कमाने के लिऐ लाईन से चल दिये , आंख में हुई बहुत दिककत , फिर भी चशमा पहनना भूल गये , क ई क ई बार तो सुबह ...

सपने तो बहुत है | और खवाब भी बहोत , दिल एक है और दिलदार भी अनेक ,

 सपने तो बहुत है | और खवाब भी बहोत , दिल एक है और  दिलदार भी अनेक , अपने दिल की काहानी भी एक , अपने जिगर की रूह भी एक , सपने तो बहुत है | पर दिल है ही एक , काहानी भी लिखी है , इसने  दिल की  भी ,और बाहर की  भी अनेक, ये काहानी ,है ना  ना सुनी इसमे बेमतलब किसी की डाट , मतलबी नही बस सुनी है दिल की हजारो बार, खुद. दिल से डाट , Buy Now 📯📯   सपने तो बहोत है , पर सुनता है ये दिल की बात , मोड मोड पर पढा है , कर्मो में भाग्य लिखा पडा  है , अपने से नाता जौडा है | ना रखा किसी से दवेश , और ना दिल में कोई मतभेद | सपने तो बहुत है और खवाब भी अनेक , सुन रहा हे ये दिल आपकी , मानता ना की भी एक , चार चांद नही , दिल को समझाता है ये  दिमाग , खेलता है फिर फरिशतो  की बडी ढोल से , दिल नही बुरा चाई पाई  की निपाई तक अपने ये आयाम , सपने तो बहुत है | और खवाब भी बहोत , दिल एक है और  दिलदार भी अनेक , रखा है सच्चा ये ईमान , ना कर रहा है किसी के साथ  बुरा ये प्रचार || सपने तो बहुत है | पर अपने सपने अपने होते है | ना रखो किसी पर आश ,पर रखो सदा विश्वास...

तू रूक मत बंदे ,जाग अभी तो जिंदगी बाकी है | तू दौड अभी तो जिंदगी अधूरी है |

 तू रूक मत बंदे ,जाग  अभी तो जिंदगी बाकी है | तू दौड अभी तो जिंदगी  अधूरी है | तू मत थक अभी , बुढापा अभी बाकी है | तू जाग , मत सो  अभी तो अंधेरा बाकी है | तू मत थक , अभी तो जिंदगी की  नाव चालू है | किस्मत मे अभी बहुत कुछ बाक है | तू जाग रे , बंदे  जागना तो अभी जरूरी है | Buy Noww   तू चल दूर तक रास्ता तो अभी बाकी है | कर्म की नाव अभी चलाना बाकी है | तू रूक ना ऐ बंदे , कर्मो की देन में लिखा हुआ पडा अभी बाकी है | शांति से चल औ बंदे , युद्ध बहुत बाकी है | ना कर किसी को बडा छोटा , कयोकि अपना तो भगवान साथी है | तिरछा नही  चलाना सिखाया , कयोकि हमे तो हमारे मांत पिता  ने लिखना पढना हमे  सिखाया है | तू मत कर औ मेरी दुशमनी , कयोकि कमाना अभी बाकी है| गलत राह से हटना  सभंल संभल कर कदम रख औ बंदे , कयोकि रास्ते में कांटे बहुत बाकी है | तू रूक मत ,जाग  अभी तो जिंदगी बाकी है | तू दौड अभी तो जिंदगी  अभी भी अधूरी है | ये भी पढे ✔️✔️ यहाँ से पूरे फोटो भी देखे ✔️ यहाँ से पढे ढेरो सारी कहानिया✔️✔️✔️ ✍🏻✍🏻✍🏻 अनिल हटरिया ... .. .