वो गांव की गलियो वाला कल कदम निकला घर से तो गली मे आ गये गांव से निकले से हम शहर चले आऐ, जब शहर से निकले तो परदेश चले आऐ, परदेशो से निकले तो विदेश पहुँच गये || बाद में पता चला कि हम तो अपना घर छोड आऐ| जहाँ बीता कल ,वो संसार छोड आऐ, सुनते थे कहानियां ,सुनाते थे अपने गीत वो गांव की गलियां छोड आऐ , हम तो अपना घर छोड आऐ | आऐ कुछ कमाने तो कभी मन को भाने , पर सच में हम तो एक दिल छोड आऐ , गांव. मे वो अपना घर , गांव की वो गली जिसमे खेलता था मेरा दोस्त ओर वो सब बहने अब पता चला कि हम तो अपना एक बहुत बडा संसार छोड आऐ | आती है एक पल याद जब जाती है शाम , आती है एक पल याद जब जाती है शाम ,,थण थण मन तो करती है तंग तो कभी मन को रहती है उलझन, सदा सदा वो याद तो आती है , गलियो की मस्ती , वो जोडड वाले किनारे , भैसो के साथ पशुओ को खेतो में चराने , साईकिल की सवारी से खेतो की रखवाली , घर आते वकत साईकल के साथ दौड , यही रहते रहते करते थे , शाम के इंतजार वाला पल , गांव की गलियो में रहते थे Buy Now . वो बडे बुढो के साथ रहते थे छोटे -2 प...
Emotional Story with My Pain & Tear