सफर में हमसफर और हम में हमसफर सफर के रास्ते में हमसफर निकल गये , हमसफर में से केवल हम ही रह गये | सफर चलता रहता रहा , हमसफर दगा दे गये | अपने बोलकर औरो के साथ का सफर चल दिये | हमसफर में हम ही रह गये | हम में से सफर निकल गये || इंतहान की कडी परीक्षा में साथ छोड गये | साथ दिखाकर अपनो का , लोगो का साथ दे गये | इस सफर के रास्ते से हमसफर मे से सफर निकल गये | हमसफर मे से केवल हम रह गये | रूलाकर दुखाकर बिना सोच समझकर , वो अपने सफर पे चल दिये | BUY NOW 🖕 मेंने इंतजार रखा , पर पता नही वो कौन से रास्ते से अपने रास्ते के सफर चल दिये || हमसफर का साथ नही , हमसफर का हाथ नही , हमसफर पर विशवास नही अब बेपनाह मोहब्बत मे से अपने को आंख दिखा गये | समझा नही में उसकी सफर का रूट , सही रूट पर दिखाकर , अलग रूट से निकल गये | बहुत धोखा कर गये | अब मोहब्बत तो कैसी , देखने की आदत से भी मजबूर कर गये | कैसे कह दू अब सफर में हमसफर और हमसफर में सफर रह गये | थकना नही मेरी जान , रूकना नही है है जान , में ताकत लगा लगा कर ये गुनगुनाता रहा , पर कैसे कह देत...
Emotional Story with My Pain & Tear