धीरे धीरे चल ओ जिंदगी ,
अइसते अझसते चल ओ जिंदगी ,
सफर बहुत बाकी है |
सफर देख के चल ओ जिंदगी,
महजब तलाश रही है |
ठिकाने लगाने वाले ठोकर लगा रहे है |
धीरे धीरे चल औ जिंदगी ,
समझ समझ के कदम रख ओ जिंदगी ,
देख देख परख ओ जिंदगी ,
कडवे लोग बहुत कम है जिंदगी
पर गहरे घाव देने वाले बहुत है ऐ जिन्दगी ,
समझने वाले बहुत कम है |
पर समाझाने वाले बहुत है जिंदगी ,
अइसता अइसता चल ओ जिंदगी,,
आस लगा सफर में कामयाबी की ओ जिंदगी ,
सफर में आड लगाने वाले बहुत है जिंदगी ,
समझ के चल औ जिंदगी ,
क़ंकड नही कांटे है यहाँ पर औ जिंदगी ,
सभंल संभल के चल ओ जिंदगी ,
कया पता चला है तुम्हे अभी अरे ओ जिंदगी,
महजब तालाश रही है जिंदगी ,
रात अंधेरी नही , जाग रही है जिंदगी,
मतलब नही रहा है
बस किस्मत साथ दे रही है जिंदगी ,
करतूतो को कर्म करने दो ,
चरम सीमा पर जुलमी को जुर्म को करने दो ,
पिघल भी जाने उन बर्फो को ,
जो सालो तक हिली ही नही ,
ऐ जिन्दगी जाग थोडी थोडी ,
सो कम , बस ओ जिंदगी ,
सफर आधा ही कहाँ हुआ ऐ जिन्दगी ,
अधुरे को पूरे तो करने दो ,ऐ जिंदगी
रास्ते में साफ करूगा , थोडी सी
जिन्दगी को तो संभाल ओ जिंदगी ,
ऐ जिन्दगी जीने तो ऐ दो |
बताते है कैसे जीते है ऐ मेरी जिन्दगी,,
धीरे धीरे चल ओ जिंदगी ,
अइसते अझसते चल ओ जिंदगी ,
सफर बहुत बाकी है |
सफर देख के चल ओ जिंदगी,
सफर देख के चल ओ जिंदगी,
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