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मार्च, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पापा में कैसे आपको भुल 😥जाऊ

  पापा में कैसे आपको  भुल 😥जाऊ  पापा में कैसे भूल जाऊ आपको , पापा कैसे कह दू कया किया है आपने , समझ में नही पापा कैसे चलाऐ होगे वौ घर , जब घर में दो रूपये भी ना थे  बस कहते थे कि तुम सब खुश रहो , सब संभाल लूंगा , आश थी वो बहुत बडी , कुछ ना होते भी सब घर में थी | Buy Now   बहुत खुशी हमारे  , दो टाईम की रोटी थी अच्छी , भले ही चटनी के साथ खाया था खाना , सब्जी ना होते हुऐ भी , चीनी के साथ मिलाकर भरा था पेट, समोसे तो कर्मो थे ही  कहाँ , बस चाय से साथ रोटी को  डुबाकर , किये थे वो जीवन की घडी का इंतजार , मां का वो लाड , भी कैसा  जब आती थी टोकरी से  चुडी पहनाकर के , घर आके मिलते थे बस सिर्फ 40 रूपये , फिर भी बहुत. खुश थे घर के हर कोने , लोगो को कया कहे जब घर में ना थे   अगले  चार दिन का खाने के पैसे , साईकिल से उतारते से वो सामान वाली पेटी , गिनते थे पैसे तरोडे मरोडे हुऐ , अस्सी नब्बे रूपये होते थे बहुत मुशिकल से , फिर भी कहते थे पापा मेरे की बहुत होगे लीला , तीस तो बचत के हो  ही गये होगे | चल कोई कल फिर से थोडा जल्दी  ...

बदलता है रूख , सदैव एक जैसा नही नही होता , कल जैसा दिन अगला नही होता है |

  बदलता है रूख , सदैव एक जैसा नही नही होता , कल जैसा दिन अगला नही होता है | सच्चे होने का नाटक मत करो , सच तो  दिख जाती है , झूठे आदमी की जुबान बिक जाती है | कहते है बदल रहा है रूख , बदल देगे ये कायनात , सच्चे रहने नाटक मत करो  उनको , जिनहे तुम्हारी सच का पता हो , सब बदल जाता है | आदमी रूख मोड लेता है || कायनात बदलने की नही , बस सच्चा आदमी अपना हक बदल लेता है | कुछ दिन रहता है | वो नाटक ,खत्म हो जाता है | सब खेल जब आदमी अलग हो जाता है | नींद में तो आऐगी ही कहाँ , दिनो में ही अलग रख देते है , कभी कभी तो अपनी आँखो को , बंद कर लेता है || सच्ची तो कया बताऊ , अब में वो रूख बदल लेता हूँ || किस्मत मेरे भोले ने बहुत अच्छी लिखी है || कर्म करना मेरे परिवार ने सिखाया है | नेक काम किये है , अपनेो से कभी भैर नही  किया है | समझाकर ये कदम मेरे मां -बाप ने घर से  डयूटी देने भेजा है || भगवान के अवतार ने हमें सब दवा  देकर यहाँ मौज करने भेजा है || बदलता है रूख , सदैव एक जैसा नही नही होता , आज मेंरा दिन अच्छा नही तो ये नही , कल का दिन भी अच्छा नही होगा || कभी आती गर्मी , तो कभ...

तू कया जाने मेरी आश कया है | तू कया जाने की मेरी खाश कया है ||

 तू कया जाने मेरी आश कया है | तू कया जाने की मेरी खाश कया है || समझा हुआ हू , बेमतलब टांग नही लगा रहा हू | अकड के लिऐ ,बस सबको  प्यार से समझा रहा हू , तू कया जाने आश मेरी , तू कया जाने खाश मेरी , बात कहने का दम रखता हूँ , वापस फिर से ना मुडने का दिल रखता हूँ , खाश हू किसी का , आश हू किसी का , पर प्यार सिर्फ एक से लगा रहा हू , तू कया जाने मेरी दिल की अधूरी कहानी, बीत गई जो बहुत पुरानी , आश थी और खाश भी थी  मेरी वो काहानी , अब आ रहा हू नये अंदाज में , जी रहा हू सिर्फ एक के प्यार में , आश लगा रहा हू  सिर्फ अपने इंतजार में , कह रहा हू दिल को  BUY now ✔️   खाश होते जा रहा हू किसी के प्यार में, तू कया जाने मेरी आश कया है | तू कया जाने की मेरी खाश कया है || अंधेरा नही जिंदगी अंधेरी देखी है , अब कया कहे दोस्त मेरे , खाश तो हम एक के  ही थे , पर काश एक शब्द बहुत ही अलग  महत्व दे गया | रूखे ,सुखे हम दिन निकाल गये , आश तो मेरी बहुत थी , काश वो आश , बहुत थी , सब्र की बहुत बडी बात थी | कैसे कही किसी वो सिर्फ मेरी आश थी , मतलब था जमाने में , बहुत बडा , किस्मत मे...

तकरार , #तकरार

 तकरार , #तकरार तकरार तो एक दिन आ ही जाना हे , दिन अच्छे नही तौ बोलते हे जमाना बेईमाना  है | अच्छे लोगो का साथ नही देते है ,लोग  फिर बोल देते है उनको और   तुम को , की तुम्हारा तो जमाना  ही खराब है | झूठी मोहबबत कर बैठते है लोग , फिर झूठे ही कहते है , तुम ही हो  मेरे जीवन के जीवनसाथी ,, तकरार तो एक दिन आ ही जाता है , कह देते है बेमतलब , ये ये मतलबी बाते , जब रूख जाती हे हवा , तब सुख जाते है कंठ , जब ठंड पडती है तब आते बंसत, बेमतलब लोग कहते है  जमाना झूठा है | सच में ,सच से पुछौ की तब  पता चलता है ये काहानी का अंत , तकरार तो आ जाती है एक दिन , दिलो मैं दरार तो आ जाती है एक दिन , समझते नही है ये लोग , समझाने आ बैठते है ये लोग , कह जाते है तकरार की बाते , वो गंध वाली आदते , रह जाते है  दिलो मे दरार , कंधो पर बडे भार , घर में वो तकरार , आ जाती है वो मेहमान की याद , तकरार तो एक दिन आ ही जाना हे , समझे या ना समझे ,कोई सबको जिंदगी   से एक दिन चले जाना है | तकरार तो एक दिन आ ही जाना हे , दिन अच्छे नही तौ बोलते हे जमाना बेईमाना  है ...

तुझे याद तो होगे ना वो दिन, तुझे याद तो होगे ना वो बाते , करते थे पूरी राते हम बाते ,

 तुझे याद तो होगे ना  वो दिन, तुझे याद तो होगे ना वो बाते , करते थे पूरी राते हम बाते  , जब आते थे व्हाटसअप  पर प्यार वाले वादे , अब तुझे याद तो होगे ना वो वादे , अब तुझे याद तो होगे ना वो किये हुऐ इरादे , झुका था में हर मोड पर तेरे लिऐ  , हर झूठ को भी छोडकर बडे थे आगे , अब , याद तो होगे ना , वो तेरे झूठे वादे , एक घंटे की बाते भी लगती  थी छोटी , अब वो कहाँ गई अपनी यादे , जब कहते थे की बस तुम ही हो जो भी ,मेरे  अब कहाँ गई वो तेरी बाते , तुझे याद तो होगे ना  वो दिन, तुझे याद तो होगे ना वो बाते , लड लिया मे सब से , पर में तुझसे कभी नही लड पाया , आज वो बात कहाँ गई , अब वो याद कहाँ गई  अब पता नही कौन है वो , जिससे तेरा दिल लगा | पता नही वो दिन कहाँ गये || यादे अब मुझे भी नही रही | इंतजार अब मुझे भी नही  रहा | बात कम हुई  ,पर वादे बहुत हुऐ || समय कम था मेरा पास , इसलिए में झूठ को पकड नही पाया | लोगों की काहानी सुनी नही , पर आज काहानी अपनी हो गई | अब वो बात नही रही , अब याद मुझे भी नही रही , पर तुझे तो  याद तो होगे ना  वो दिन, त...

तुझे में खुश रखुगा , ये वादा है मेरा , तेरा ये मान रखूगा , कयोकि ये सहजादा है तेरा ,

  तुझे में खुश रखुगा , ये वादा है मेरा , तेरा ये मान रखूगा , कयोकि ये सहजादा है तेरा , तुझे में खुश रखुगा , ये वादा है मेरा , तेरा ये मान रखूगा , कयोकि ये सहजादा है तेरा , मान ले मेरी जान , जी ले मेरी जान , कयोकि ये दिल है तेरा , अपनेो के लिऐ धडकता है ये जिया , समझता है ये हर बात , कयोकि कहता है ये तेरा पिया , हर बार झूक जाऊगा , तेरे आगे , पर झूकूगा नही किसी के आगे ओ मेरी मिया , तसल्ली रख कयोकि कहता है  अब आपके अपने पिया , Buy Now 🖕   मान मेरी बात , जान मेरी बात  कयोकि ये  रहता है कही तेरे ही  दिल में , सुकून से जिता है सिर्फ तेरी  बाहो मे  तेरे को ,और तूझे में खुश रखूगा , तुझमे मे केवल मे ही दिखूगा , कयोकि तेरा ऐसा है पिया , मान मेरी बात ,जान , जान मेरी बात औ मेरे दिल की जुबान, कह दे कुछ , और कर दो कुछ और , अब तो वो नही सहेगा , औ मेरी जान| तुझे में खुश रखुगा , ये वादा है मेरा , तेरा ये मान रखूगा , कहता हूँ ओ मेरी महबूबा , कसम है तेरी , इस कली की जो तू  सहेगगी , जो तू कहेगी , मिललेगा तूझे वही पर ये तेरा पिया , तू जान हे मेरी , तू शान हे मेरी...

नन्हे नन्हे हाथ है तेरे , गाल तेरे है ये रूमाल जैसे , कंधे तेरे है बिल्कुल मेरे हाथ जैसे , आंख तेरी है ये गोल गोल ,

 मेरे बेटे कयूटी बेटा 😘😘जन्मदिन की ढेर सारी बधाईया  #Second_Birthday 💞💝❣️💌 नन्हे नन्हे हाथ है  तेरे, गाल तेरे है ये रूमाल जैसे , तुझे छुने का मन करता है | पता नही फिर भी  ये दिल कयो रो पडता है  कयोकि तेरे ये  नन्हे नन्हे हाथ है  , गाल तेरे है ये रूमाल जैसे , कंधे तेरे है बिल्कुल मेरे हाथ जैसे , आंख तेरी है  ये गोल गोल , मन में है  तेरे ये  विचार अनमोल  जैसे , मन करता है बेटा तुझे चुम लू , पर दिल करता है तुझे झुला दू , पलको पे बैठा कर , पूरे देशो में घूमा दू || दिल में है अनेक सोच , सोचता है तुझे कंधे से उपर सिर पे बैठा लू , लाड करता हू तो , ठपकी लगा लगाकर , Buy Now   थोडी थोडी नींद की इपकी लगा लगाकर , बेटा ये दिल है मेरा तेरे लिऐ अपना, डयूटी से आकर तुझे साईकिल पर  ले जाऐगे  , छोटे छोटे टायरो वाली गाडी को पैडल मार मार के  ले भगाऐगे | पार्क में ठडरेगे ,थोडा सा  फिर नारियल पानी पीकर  वापिस घर की दौड लगाऐगे , शहर जाना होगा तो स़कूटी पर चले जाऐगे , नन्हे नन्हे हाथो से , गाडी का हार्न बजाऐगे , पी पी कर क...