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बुरी " संगत" ही मनुष्य को बेकार बना देती है |

  बुरी संगत ही मनुष्य को बेकार बना देती है | नमस्कार ,मेरे पॄिय दोस्तो     आज की इस काहानी में आपको बताऊंगा की संगत ही जीवन का एक पल है जिससे मनुष्य को अलग -अलग भाग मे बाटा जा सकता है |   एक काहानी है वो मे आपके साथ शेयर करूगा पर ये काहानी आपको पूरी पढनी है ओर अपने बच्चो के साथ शेयर करे |     एक पल की बात है जब में स्कूल जाया करता था |तब मां -बाप मुझे हमेशा बोलते थे कि आज कया पढा ओर ये कथन मां -बाप को  पूछना जरूर था | कयोकि उसकी संगत का पता चलता है | हर मां -बाप को पूछना चहिऐ अपने बेटा -बेटी से हर दिन की दिनचर्या|||    आज के बच्चे मां- बाप से दूर रहते है| और मां -बाप के अभाव मे कभी भी नही पूछते है कि कैसे है पर हरी गलत है ||   जो संस्कार मां बाप दे सकते है वो ओर कोई नही दे सकता| एक काहानी में पांचवी कक्षा मे पढा था उसको मे आपके साथ शेयर करूगा | चलो ये काहानी की शरूआत करता हूँ |    एक बार की बात है जब  पापा ने बोला कि 2किलो आम लाया हूँ आपके लिऐ इसे अलमारी में रख दो |   पर बच्चे को कया पता की आपकी परीक्षा ली जा रही है | उसमे पापा ने एक खराब सडा हुआ आम भी रखवा दिया|   सुबह उठा तो उसके पा

" प्रेम दो और प्रेम पाओ " अच्छे कर्म करिये लोग मान -सम्मान ही नही गले भी लगाऐगे| जैसा बौओगे तो वैसा काटाोगे (जैसा कर्म वैसा फल)

     " प्रेम दो और प्रेम पाओ " अच्छे कर्म करिये लोग मान -सम्मान ही नही गले भी लगाऐगे|       जैसा बौओगे तो वैसा काटाोगे (जैसा कर्म वैसा फल) काहानी अंत तक पढे एक दम सच्ची घटना है| शेयर भी करे |      कुछ  समय पहले की बात है ! एक गांव में एक गरीब किसान रहता था ! मेहनत और मजदूरी करके अपने परिवार का लालन पालन करता था !       किसी तरह दो पैसा कमा कर अपने परिवार की जिंदगी और अपने जिंदगी का गुजारा कर रहा था! धीरे-धीरे समय बीतता गया और किसान शरीर से बुड्ढा होने लगा      अपने मेहनत के बल पर और इमानदारी से पूरे गांव में उसका अच्छा छवि था |         गांव के लोग उसका इज्जत करते थे क्योंकि उसके अंदर गरीबी थी मगर दूसरों की सेवा दान पुण्य उसका कर्तव्य और धर्म था|       इसी वजह से वह हर किसी के दिल में राज करता था । उसका एक लड़का था जो बहुत की चंचल और नटखट था जब वह छोटा था तो गांव वाले उसके चंचलता को बचपन की नादानी समझ कर माफ कर देते थे मगर जैसे-जैसे वह बड़ा होने लगा लोग उससे परेशान होने लगे बडे दुखी थे |         किसी को कुछ भी बोल देना , बच्चों को मारना , झगड़ा करना , गांव के जानवरों को परेशा

मां🤰 की एक 🕵इलक 😚अपने बेटा👭 के लिये

  मां🤰 की एक 🕵इलक 😚अपने बेटा👭 के लिये मां🤰 की एक 🕵इलक    नमस्कार दोस्तो, आज की इस काहानी मे आपको, एक मां की इलक के बारे  मे बताऊगा |            कया मां ☺☺😚😚          कया मां ,कया मां  .....जो कि मे कितनी बार बोलू . एक मां को|    अकसर मैने बहुत कुछ देखा है पर मां तुझे कुछ बोल नही  सकता | मां मे अब बडा हो गया हूं तो मां का एक उतर आता है ,अच्छा अच्छा!!  Click Here to Buy  https://amzn.to/3TvuHMK   मां, तुम आज भी ऐसी हो जैसी, जब मे 1 साल का था|   कयु मां कयू ,        मां ,आज भी ऐसी है यदि दो भाई होगे तो बोलना बाट के खा लो |       ➡➡   ➡➡  Click Here To Watch  मां ,तुम कभी बहाना नही बनाती अपने बेटा बेटी के लिऐ    मां , कि आज मेरी तबीयत डाऊन है आज खाना मत लेकर  जाना|      कयो मांअपनी तबीयत को  अनदेखा कर देती है|   मां कया बोलू तुम्हें , तुम लाखो करोडो मे भी नही मिलोगी |   है मां प्रणाम तेरे को जो अपने बेटा बेटी के लिऐ कया -कया नही किया  |   मां , मै कभी भी नही भूल सकता ,वो जब बिस्तर पर चाय -दूध देती थी |     उस मां को कभी भी सर्दी -गर्मी लगती थी  या नही  पता नही |   पर मैने देखा है आ

गरीब बाप और बिटिया की भावानात्मक काहानी

  गरीब बाप और बिटिया की भावानात्मक काहानी  समय सबका आता है  और किसी गरीब -अमीर का मजाक न उडाऐ |   नमस्कार ,     आज की काहानी मे आपको एक बाप और बेटी की काहानी  के बारे मे बताऊगा |   आप इस काहानी को अंत तक जरूर पढे |  यह काहानी एक किसान ओर गरीब बेटी के बीच की है |  काहानी कुछ ऐसी है कि गरीब किसान एक फटी ,मैली कमीज और धोती पहनकर अपनी बेटी के साथ एक बडे होटल मे गया | वहाँ कुर्सी पर बैठे बाप और बेटी को देखकर एक वेटर ने दो गिलास मे ठंडा पानी रख दिया और बोला कि कया लाना है आपके लिऐ |      उस व्यकित ने कहाँ मेने मेरी बेटी से वादा किया था कि यदि तुम दसवी कलाश मे प्रथम आओगी तो तुमे शहर के बडे होटल मे एक "डोसा" खिलाऊगा|      इसने वादा पूरा किया |कृपया इसके लिऐ एक डोसा ले आओ | वेटर ने पुछा आपके लिऐ कया लाना है | उसने कहाँ मेरे पास एक ही डोसे के पैसे है | पूरी बात सुनकर वेटर ने मालिक के पास गया | और पूरी काहानी बता दी | कहाँ मे इन दौनो को भर पेट नाशता कराना चाहता हूँ | अभी मेरे पास  पैसा नही है | इसलिए इनके बिल की रकम आप मेरी सैलरी से काट लेना | मालिक ने कहाँ आज हम होटल की तरफ से इसको सफल

मां तो सब जगह है पर दूसरी मौसी माँ

 मां तो सब जगह है पर दूसरी मौसी माँ नमस्कार दोस्तों ,    आज मे एक काहानी के बारे मे बताने जा यहा हूँ| आप इस काहानी को अंत तक जरूर पढे |     यह काहानी मैने दस साल पहले एक हरियाणवी नाटक मे देखा था |           एक परिवार की काहानी है | जब , माँ बाप के साथ एक बेटा था | अब काहानी ऐसी हुई की बचपन मे ही माँ गुजर गई |    उसका बेटा  सिर्फ एक ही साल का ही था |पर कया करे मुशिकल कभी देख कर के नही आती |   अब घर पर बाप ओर बेटा रहते थे| सारा काम बाप को करना पडता था|  बाप ने एक निसकरस निकाला की सारी  जिदंगी कैसे अकेला रहूंगा | उसने सोचा की एक शादी ओर कर लू |     पर कया पता कि आगे कया होगा |  उसके बारे मे कौन जाने ???      Buy Now .  बाप ने एक दुसरी शादी भी कर ली |     कुछ साल तक अच्छा चला | सब कुछ ठीक ठाक | अब उसके दो बच्चे हुऐ | पर वो पहले वाला लडका अब बडा हो चुका था|    उसकी मौसी माँ उससे बहुत काम करवाती ओर खाने के लिऐ भी कम देती थी|     उसकी मौसी माँ उससे बहुत मारती ओर पशुऔ का सारा काम करवाती |😭      बेचारा वो कया करे  मारा मारा पापा के पास जाता ,पर पापा कया बोले किस की बात सुने | दोनो तरफ फंस गया

फिर मुलाकात होगी कभी? मिले तो थे।

  फिर मुलाकात होगी कभी? मिले तो थे ।    क्या हुवा, जुदा हुवे?    मगर हे खुसी, मिले तो थे। तो क्या हुवा, मुडे रास्ते? कुछ दूर साथ, चले तो थे। दुबारा मिलेंगे, किसी मोड पे जो बाकी हे, वो बात होगी कभी। चलो आज, चलते हे हम, फिर मुलाकात होगी कभी? जुदा हो रहे हे कदम, फिर मुलाकात होगी कभी?    👫 सुन रहे हो ना तुम...अरे हा तुम...तुम ही से केह रह हु मे         ❤❤🧿    My Sweet Heart.  अनिल हटरिया💙💕😍😘.  Click Here To Buy ✍✍✍  अनिल हटरिया .. .. .

मां 🤰की ममता🤱🏼

 मां की ममता      मां 🤰की ममता🤱🏼 मां की ममता कया आप जानते है| मां जैसा दिलदार कोई नही होता !– एक भावुक कहानी  एक छोटे से कसबे में सलीम नाम का एक लड़का रहता था। बचपन में ही पिता की मृत्यु हो जाने के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बड़ी दयनीय थी, सलीम की माँ कुछ पढ़ी-लिखी ज़रुर थीं लेकिन उतनी पढाई से नौकरी कहाँ मिलने वाली थी सो घर-घर बर्तन मांज कर और सिलाई-बुनाई का काम करके किसी तरह अपने बच्चे को पढ़ा-लिखा रही थीं। सलीम स्वाभाव से थोड़ा शर्मीला था और अक्सर चुप-चाप बैठा रहता था। एक दिन जब वो स्कूल से लौटा तो उसके हाथ में एक लिफाफा था। उसने माँ को लिफाफा पकड़ाते हुए कहा, “माँ, मास्टर साहब ने तुम्हारे लिए ये चिट्ठी भेजी है, जरा देखो तो इसमें क्या लिखा है? माँ ने मन ही मन चिट्ठी पढ़ी और मुस्कुरा कर बोलीं, “बेटा, इसमें लिखा है कि आपका बेटा काफी होशियार है, इस स्कूल के बाकी बच्चों की तुलना में इसका दिमाग बहुत तेज है और हमारे पास इसे पढ़ाने लायक शिक्षक नहीं हैं, इसलिए कल से आप इसे किसी और स्कूल में भेजें। ” यह बात सुन कर सलीम को स्कूल न जा सकने का दुःख तो हुआ पर साथ ही उसका मन आत्मविश्वास से भर गया कि व