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बेटी👸 और बहू👰🏻 में फर्क

बेटी👸 और बहू👰🏻 में फर्क  बेटी ससुराल में खुश😁 होती है तो खुशी😁 होती है | बहू ससुराल में खुश है तो खराब 😏लगता है|  दामाद बेटी की मदद करें तो अच्छा 😀लगता है | और बेटा बहू की मदद करें तो जोरू का गुलाम कहा जाए | जब खुद की बेटी बीमार होती है तो वह बीमारी लगती है और सारा घर सर पर उठा देते हैं | और जब यदि बहु बीमार हो तो नाटक लगता है|  बेटी को ससुराल में अकेला काम करना पड़े तो खराब 😥लगता है कि मेरी बेटी थक जाएगी और बहु सारा दिन 😥अकेले काम करें फिर भी बहू कामचोर कहलाए|  बेटी की सास और ननद काम ना करे तो गुस्सा😡 आता है |और जब अपने घर में वह बहू की मदद ना करें तो सही 😊लगता है |  Buy Now     बेटी यदि अपने ससुराल से घर आए तो अच्छा 😊लगता है और यदि बहू अपने घर अपने मां बाप से मिलने जाए तो बुरा 😏लगता है| बेटी की ससुराल वाले ताना मार तो गुस्सा 😡आता है और खुद की बहू के मायके वालों को ताना मारे तो सही लगता है|  बेटी को रानी👸 बनाकर रखने वाला ससुराल चाहिए और खुद को बहू कामवाली 😓चाहिए | लोग यह क्यों भूल जाते हैं कि वह भी किसी की बेटी है|  वह भी तो अपने माता-पिता ,भाई-बहन ,शहर सहेली आदि को छो

खुशी एक परिवार की

 खुशी एक परिवार की     एक परिवार में पति पत्नी व उसके मां-बाप रहते थे |हर समय सभी के मन में खुशी थी क्योंकि वहां सबको पता था कि यहां कुछ ना कुछ अलग होने वाला है|  कुछ दिनों बाद पत्नी ने  गर्भ धारण किया |फिर इस बात का जिक्र उसने अपने पति को बताया और वह फिर खुशी से झूमने लगी पति बड़ी खुशी से पत्नी का चुंममन लिया और बोला ओ माय डार्लिंग, यू आर सो स्वीट |उसके बाद वह इस खुशी को अपने मां बाप के साथ बाटी मां-बाप खुशी के मारे सुबकने लगे |अब तो हम भी अपने पोता पोती को खिलाएंगे|     कुछ महीने बीते| खुशी के साथ रोज यही बात कि मेरा बेटा -बेटी होगा | उससे मैं खिलाऊंगा, उसे मैं सुलालूंगा,उसे मैं दूध पिला लूंगा ,उसके साथ सैर करने निकलगे उसे मनपसंद खेल- खिलौने दिलाऊंगा| वहीं दूसरी ओर उसकी मम्मी मैं उसे नहलाऊंगी ,मस्त-मस्त कपड़े पहन आऊंगी घूमऊंगी ,चाऊमीन बर्गर खिलाऊंगी और उससे मैं वाटर पार्क और समुंदर के किनारे भी घूम आऊंगी |   वहीं दूसरी तरफ दादा-दादी बनाऊंगा, बनूंगी |उसे मैं स्कूल छोड़ कर आया करूंगी| उसका बैग में उठाकर ले जाऊंगी |वहीं दूसरी तरफ मैं उसको खिलाऊंगा |कहीं मेले में मनपसंद खिलौना लेकर आएंगे

भाई है तू मेरा ,मैं ही भाई तेरा||

 भाई है तू मेरा  भाई है तू मेरा ,मैं ही भाई तेरा||  जन्म के साथ साथ और मरण के साथ साथ भी भाई है तू मेरा | अपनी मंजिल पा ली है मैंने|  तुझे दुखी मैं ना देख पाऊंगा | इस संकट की घड़ी में मैं कभी तुझे अकेला ना कर पाऊंगा |बचपन में उस बड़े भाई का डर था | आज क्यों भाई को इतना अलग कर पाऊंगा |        बचपन का ये प्यार भाई- भाई.       साथ निभाऊंगा भाई मैं 1 दिन आऊंगा | सभी रिश्ते नाते को मैं मिला कर ले आऊंगा|  क्यों है दुनिया में खफा|  सब कुछ छोड़ मैं तेरे साथ चला आऊंगा  मेरी भी है मंजिल है मेरे भाई  नहीं तो मेरी भी इस दुनिया से अलग हो जाऊंगा | Buy Now    कह कह कर कितना समझाऊ भाई तुझे मैं  क्योंकि मैं भी अपनी मंजिल तेरे साथ लाऊंगा|  बचपन में हाथ पकड़ कर चलता था तू  अब क्या हाथ छोड़कर जाएगा | तू आज भी बड़ा है और मैं आज भी छोटा हूं | इस नाते को मैं आगे बढ़ाऊगा|  भाई मैं कभी भी ना अकेला छोड़ पाऊंगा  भाई है तू मेरा फिर भी अगले मोड़ पर खड़ा पाऊंगा  क्योंकि तू ही भाई मेरा फिर क्यों तुझे छोड़कर जाऊंगा| यदि काहानी अच्छी लगे तो शेयर & कामेंट करे | यहाँ Click करे और कहानियां पढे | .. ✍🏻✍🏻✍🏻 अनिल &

मां मुझे तेरी याद आती है |

 मां मुझे तेरी याद आती है | मां ,मुझे तेरी याद आती है|  पता नहीं मैं क्यों इतना तन्हा-तन्हा रहती हूं | क्यों डाल दिया मुझे इस फांसी के फंदे में | जहां मैं डर डर के रहती हूं | गरीब थी पर अमीरी देख ना  सकी | क्यों मैं इस घर को छोड़कर दूसरे के घर में रहती हूं|  समझ नहीं पाई ,मां मैं इन्हें  फिर भी क्यों मैं आपको बार-बार याद करती हूं| Buy Now    घर देखे थे मैंने ,पर क्यों एक लड़की  होकर मैंने इतने इल्जाम झेले थे | कभी किसी की ,कभी किसी की  क्या यही मेरी जिंदगी ने  द्वार खोले थे | अक्सर रो पड़ती हूं जब  उस दरवाजे पर जहां से मुझे तुम्हारी जैसी आवाज नहीं आती | करके दिखाएं, संभल कर दिखाएं यह ठिकाने | फिर भी मां ,मुझे तुम ही क्यों याद आती हो|  मां, मुझे तुम ही क्यों याद आती हो| यहाँ पर Click करे और ज्यादा कहानियां पढे ✍🏻✍🏻✍🏻अनिल हटरिया सहायक 💃❤

भाभी का स्थान(भाभी छोटी हो या बड़ी भाभी ही कहलाती है |)

 भाभी का स्थान     हर घर मे सभी का है  सम्मान  , यदि मां नही है तो भाभी है  मां का स्थान ||     भाभी ,भाभी छोटी हो या बड़ी भाभी ही  कहलाती है | चलता है उसी से पीहर , वह है घर की लीडर  भाई से न चला घर संसार , भाभियां चलाती है घर परिवार भाई के साथ वह भी होती है  घर की हकदार सखी बहन की तरह करो , उनसे व्यवहार जैसे , हम सबसे होती है गलतियां आज करो ,  उनकी गलतियों को भी  नजर अंदाज  दिल खोल कर दो उन्हें स्नेह व  मान सम्मान , क्योंकि मां के बाद ही है भाभी का स्थान !  Buy Now.     काहानी का सार   कि भाभियां है  तो है घर मे परिवार | बिना भाभी के ,भाई भी है  सुनसान |   चल पडो ना दोस्तो कयू ना बनाये एक नया  आयाम |  कुछ नही तो थोडा सा दे दो भाभी को घर का प्यार || काहानी अच्छी लगे तो कमेंट करे | और अपनी भाभियो की इज्जत करते हो तो शेयर करे || यहाँ Click करे और भाभी ननद की काहानी देखे ✍🏻✍🏻✍🏻 अनिल हटरिया   .. . ,

इं💃तजार😍 करना मैं आऊंगा "एक 👮फौजी"

  इं💃तजार😍 करना मैं आऊंगा "एक 👮फौजी" इंतजार करना मैं आऊंगा...😥 मेरे कंधों के सितारों को तेरी मांग में सजाऊंगा... तेरी पायल की छन - छन को राष्ट्रगान सा गाऊंगा... तेरी चूड़ियों की खन - खन को मैं अपनी धड़कन बनाऊंगा... तिरंगे से नहीं तेरे लाल घूंघट से प्यार जताऊंगा... इंतजार करना मैं आऊंगा...!😭😥 अटका हैं जो मेरा दिल तेरे कान की बाली में, उस पहेली को मैं सुलझाऊंगा... दुनिया की भूल - भुलैया छोड़ तेरे लहराते बालों के उल्फत में खो जाऊंगा... इंद्रधनुष सी इस दुनिया से छुप मैं तेरे आंखों में काजल सा बस जाऊंगा... गम का अंधेरा हो या खुशियों की किरण, मैं हर पल तेरा साथ निभाऊंगा... इंतजार करना मैं आऊंगा...!😥😭 Buy Now t  देश के लिए तो हर पल जीता हूं पर अब तेरी कुर्बत में बिखर जाऊंगा... तेरे हाथों की मेंहदी में प्यार जता मैं गहरा रंग भर जाऊंगा... डोली सजा के रखना मैं पूरी फौज के साथ बारात ले कर आऊंगा... राष्ट्र के लिए तो हर फर्ज निभाता हूं अब तुझे दिये साथ वचनों को निभाऊंगा... इंतजार करना मैं आऊंगा...!😥😭 बजे ना खुशियों की शहनाई तो समझ जाना मैं गांव की बारिश लाऊंगा... थम जाएंगी सांसे

मोबाइल की वजहे से दूरियां और बच्चों के प्यार मे कमियां

  मोबाइल की वजहे से  दूरियां और बच्चों के प्यार मे कमियां  कैसे बढ़ गई है दूरियां कैसे हो गए परिवार और आज कि इस काहानी  मैं आपको बताऊंगा कि एक मोबाइल की वजह से  कैसे अपने परिवार को एक दूसरे से  अलग हो गए है जिससे वह अपने परिवार को समय नहीं दे पा रहे और बच्चे अपना अलग महसूस करते हैं |    चलिए  आगे कहानी में पढ़िऐ       एक रात मैं  अपनी क्लास के बच्चों के एग्जाम पेपर चेक कर रही थी | मेरे पति भी मेरे पास ही बैठे थे | वह फोन में गेम खेल रहे थे | अचानक मेरी आंखों से आंसू बहने लगे उन्होंने पूछा तुम क्यों रो रही हो |  मैंने बताया कि एग्जाम में मैंने (माय विश )मेरी चाहा विषय पर निबंध लिखना दिया था |  मेरे पति ने गेम को आगे बढ़ाते हुए पूछा तो इसमें रोने वाली कौन सी बात है | मैंने आंखें पूछते हुए कहा मैं तुम्हें पढ़कर सुनाती हूं एक बच्चे ने क्या लिखा है |   मेरे पेरेंट्स अपने मोबाइल से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं | उसकी इतनी केयर करते हैं कि मेरी देखभाल करना भूल जाते हैं | जब मेरे पापा शाम को थके हारे काम से घर तक लौटते हैं तो उस समय उसके पास मोबाइल फोन के लिए समय होता है | मेरे लिए नहीं,  जब मे