खुशी एक परिवार की
एक परिवार में पति पत्नी व उसके मां-बाप रहते थे |हर समय सभी के मन में खुशी थी क्योंकि वहां सबको पता था कि यहां कुछ ना कुछ अलग होने वाला है|
कुछ दिनों बाद पत्नी ने गर्भ धारण किया |फिर इस बात का जिक्र उसने अपने पति को बताया और वह फिर खुशी से झूमने लगी पति बड़ी खुशी से पत्नी का चुंममन लिया और बोला ओ माय डार्लिंग, यू आर सो स्वीट |उसके बाद वह इस खुशी को अपने मां बाप के साथ बाटी मां-बाप खुशी के मारे सुबकने लगे |अब तो हम भी अपने पोता पोती को खिलाएंगे|
कुछ महीने बीते| खुशी के साथ रोज यही बात कि मेरा बेटा -बेटी होगा | उससे मैं खिलाऊंगा, उसे मैं सुलालूंगा,उसे मैं दूध पिला लूंगा ,उसके साथ सैर करने निकलगे उसे मनपसंद खेल- खिलौने दिलाऊंगा| वहीं दूसरी ओर उसकी मम्मी मैं उसे नहलाऊंगी ,मस्त-मस्त कपड़े पहन आऊंगी घूमऊंगी ,चाऊमीन बर्गर खिलाऊंगी और उससे मैं वाटर पार्क और समुंदर के किनारे भी घूम आऊंगी |
वहीं दूसरी तरफ दादा-दादी बनाऊंगा, बनूंगी |उसे मैं स्कूल छोड़ कर आया करूंगी| उसका बैग में उठाकर ले जाऊंगी |वहीं दूसरी तरफ मैं उसको खिलाऊंगा |कहीं मेले में मनपसंद खिलौना लेकर आएंगे| कुल्फी के ठेले पर खड़े होकर कुल्फी खाएंगे और रोज की उसकी किताब बैग में रखकर बैंक सजाऊंगा |
सभी की यही खुशी थी| अभी नौवां महीना था |पत्नी को पेट दर्द हुआ और उसे हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया| मैं और मम्मी ,डैडी गेट के बाहर खड़े रहे कुछ समय बाद चीखने की आवाज सुनाई दी| मैं और मम्मी पापा गेट को धक्का मारकर अंदर घुस गए| वहां डॉक्टर मेरे बच्चे को खिला रहा था और बोला जनाब लड़का हुआ है| मेरी आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे मैंने अपने छोटे से बेटे को लिया और परिवार के साथ खुशी के साथ घर की ओर लौट पड़े |
अतः एक खुशी ही जीवन में अनेक विचार ला सकती हैं |आप भी खुश रहो और मेरी और मेरे परिवार की तरफ से यही गुजारिश है कि जैसे हमारे परिवार संपन्न हुआ| वैसे आपका परिवार खुशियों के साथ दौड़े कहानी अच्छी लगी हो तो शेयर करें|
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