मां मुझे तेरी याद आती है |
मां ,मुझे तेरी याद आती है|
पता नहीं मैं क्यों इतना तन्हा-तन्हा रहती हूं |
क्यों डाल दिया मुझे इस फांसी के फंदे में |
जहां मैं डर डर के रहती हूं |
गरीब थी पर अमीरी देख ना सकी |
क्यों मैं इस घर को छोड़कर दूसरे के घर में रहती हूं|
समझ नहीं पाई ,मां मैं इन्हें
फिर भी क्यों मैं आपको बार-बार याद करती हूं|
घर देखे थे मैंने ,पर क्यों एक लड़की
होकर मैंने इतने इल्जाम झेले थे |
कभी किसी की ,कभी किसी की
क्या यही मेरी जिंदगी ने द्वार खोले थे |
अक्सर रो पड़ती हूं जब
उस दरवाजे पर जहां से मुझे तुम्हारी जैसी आवाज नहीं आती |
करके दिखाएं, संभल कर दिखाएं यह ठिकाने |
फिर भी मां ,मुझे तुम ही क्यों याद आती हो|
मां, मुझे तुम ही क्यों याद आती हो|
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