ऐ खामोशी मेरी जिंदगी का इमतिहान ना ले , अभी बाकी है मंजिल , अधूरे सपने ना आने दे , बहुत ठोकर खाई है , इस भीड बडी दुनिया में , अब तू खामोशी में भी इमतिहान ना ले ,
ऐ खामोशी मेरी जिंदगी का इमतिहान ना ले ,
अभी बाकी है मंजिल ,
अधूरे सपने ना आने दे ,
बहुत ठोकर खाई है ,
इस भीड बडी दुनिया में ,
अब तू खामोशी में भी इमतिहान ना ले ,
सफर बढ रहा है धीरे धीरे ,
हवाऔ का झौका ना तेजी से आने दे |
मुशिकल के रास्तो में ,
अब नामुकिन भी ना वो अंदाज मुझे ना आने दे |
ऐ खामोशी इस चुप्पी का तू
शोर मत होने दे ||
चल रहे है अपने रास्तो पर ,
अब बेमतलब के चरणों से ना गुजरने दे ,
ऐ खामोशी अब फालतू के धंधे में समय
ना जाने दे ||
सपने अधूरे ही कहां पूरे हुऐ है ,
अभी से मुझे खामोशी का मौन ना तोडने दे ||
ऐ जिन्दगी और मेरे पल ,अभी जिन्दगी
में आगे बढने का नाम ना रूकने दे ||
चल रही है सांसे ,
अब तू मुझे गैरो से बैर ना होने दे |
मुशिकलो के दौर में भी मुझे ,
कंठ की वो नाजायज आवाज ना निकलने दे ,
तबाही से तो नही डरना ,
बस मेरी चुप्पी तो इस संसार के लिऐ ना तोडने दे ,
ऐ खामोशी मुझे मेरे काम करने दे |
कुछ अधूरे है काम ,
रास्तो में रूकावट ना आने दे ||
ऐ खामोशी ऐ मेरे जिन्दगी ,
मेरी जुबान पर गंदे लोगो के नाम ना आने दे ||
बहुत लिखे हुऐ है शलोक और कहानियां ,
अब फालतू में उनका नाम अब कविताऔ में ना
आने दे |
ऐ खामोशी मेरी जिंदगी की रूकावट में मुझे ना दे |
इमतिहान की कक्षा में ,
अब मुझे खामोशी का ना वो पल आने दे ||
ऐ खामोशी मेरी जिंदगी का इमतिहान ना ले ,
अभी बाकी है मंजिल ,
अधूरे सपने ना आने दे ,
बहुत ठोकर खाई है ,
इस भीड बडी दुनिया में ,
अब तू खामोशी में भी इमतिहान ना ले ||
अब तू खामोशी में भी इमतिहान ना ले ||
..
.
.
टिप्पणियाँ