गरीब बाप और बिटिया की भावानात्मक काहानी
समय सबका आता है और किसी गरीब -अमीर का मजाक न उडाऐ |
नमस्कार ,
आज की काहानी मे आपको एक बाप और बेटी की काहानी के बारे मे बताऊगा |
आप इस काहानी को अंत तक जरूर पढे |
यह काहानी एक किसान ओर गरीब बेटी के बीच की है |
काहानी कुछ ऐसी है कि गरीब किसान एक फटी ,मैली कमीज और धोती पहनकर अपनी बेटी के साथ एक बडे होटल मे गया | वहाँ कुर्सी पर बैठे बाप और बेटी को देखकर एक वेटर ने दो गिलास मे ठंडा पानी रख दिया और बोला कि कया लाना है आपके लिऐ |
उस व्यकित ने कहाँ मेने मेरी बेटी से वादा किया था कि यदि तुम दसवी कलाश मे प्रथम आओगी तो तुमे शहर के बडे होटल मे एक "डोसा" खिलाऊगा|
इसने वादा पूरा किया |कृपया इसके लिऐ एक डोसा ले आओ | वेटर ने पुछा आपके लिऐ कया लाना है | उसने कहाँ मेरे पास एक ही डोसे के पैसे है | पूरी बात सुनकर वेटर ने मालिक के पास गया | और पूरी काहानी बता दी | कहाँ मे इन दौनो को भर पेट नाशता कराना चाहता हूँ | अभी मेरे पास पैसा नही है | इसलिए इनके बिल की रकम आप मेरी सैलरी से काट लेना | मालिक ने कहाँ आज हम होटल की तरफ से इसको सफलता की पार्टी देगे|
होटलो वालो ने एक टेबल को अच्छी तरह से सजाया और बहुत ही शानदार ढंग से सभी उपस्थित ग्राहकों के साथ उस गरीब बच्ची की सफलता का जशन मनाया | मालिक ने उनहे एक बडे थेले मे तीन डोसे और पूरे मोहल्ले मे बाटने के लिऐ मिठाई उपहार स्वरुप पैक करके दे दी | इतना सम्मान -पाकर आंखौ में खुशी के आंसू लिऐ वो अपने घर चले गये |
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समय बीतता गया और एक दिन वही लडकी IAS बनी परीक्षा पास की और उसी शहर मे कलेक्टर बनकर आई | उसने सबसे पहले उसी होटल में एक सिपाही भेजकर कलेक्टर साहिबा नाशता करने आऐगी |
होटल मालिक ने तुरन्त एक टेबल को अच्छी तरह से सजा दिया | यह खबर सुनते पूरा होटल ग्राहको से भर गया |
कलेक्टर रूपी वही लडकी होटल मे मुस्कराते हुई अपने माता -पिता के साथ पहुंची | सभी उसके मान -सम्मान में खडे हो गये | होटल के मालिक ने उनहे गुलदस्ता भेंट किया और आर्डर के लिऐ निवेदन किया | उस लडकी ने खडे होटल मालिक और उस वेटर के आगे नतमस्तक होकर कहाँ शायद आपने पहचाना नही |
मैं वही लडकी हूं जिसके पापा के दूसरा डोसा खाने का पैसा नही था और ये मानवता की मिशाल पेश करते मेरे पास होने की एक शानदार पार्टी की थी और पूरे मोहल्ले के लिऐ मिठाई बाट दी थी |
आज ,मै आप दोनों की बदौलत ही कलेक्टर बनी हूँ |
आप दोनों का एहसान मे सदैव याद रखूंगी | आज यह पार्टी मेरी तरह से है और उपसि्थत सभी गा्हको एवं पूरे होटल स्टाफ का बिल में दूगी| कल आप दोनों को श्रेसठ नागरिक का सम्मान एक नागरिक मंच किया जाऐगा |
परिणाम :::➡
किसी भी गरीब की गरीब व कमजोर की कमजोरी का मजाक ना उठाऐ ब्लिक मान , प्रतिभा और सम्मान बढाऐ ताकि कोई आपके कारण गुदडी का लाल अपनी मंजिल तक पहुंच जाऐ |
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...... ✍✍✍. अनिल हटरिया
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