दिल है ये यार ,
कहा से कहना माने ,
समझता है बहुत ,
पर कहता नही है कही ,,
रातो रातो को भी जाग उठता है ,
दिनौ की तो सुनता है ही नही ,
कर्म करते करते थकता नही ,
अपने में विशवास रखकर ,
फिर ये रूकता है ही कही भी नहीं ,
मानता है तो सिर्फ अपना ,
कहता ही नही किसी को थोडा भी कही ,
कयोकि ये दिल मानता है ही नही ,
मेहनत में रखता है बस विशवास ,
कर्मो मे ये रखता है बहुत बडा सब्र ,
अकडता नही ये कही भी ,
पर गलत में झुकता भी कही नही ,
ये दिल है यार मानता ही नही ,
बस अपनी सुनता है किसी ओर की नही ,
इशारे पर नही ,
किसी की बातो में नही ,
थोडा धोखा देना तो ये सोचता भी नही ,
कर्म अच्छे रखो बस कहता है हर कही ,
ये दिल है यार मानता ही नही ,
हर मोड को अच्छे से तराश कर के देखता है |
हर रोड को बडी कठिनाई से पार करके सांस रोका है |
दिल में आराम की जगह है ही नही ,
दिल उठ जाता है रातो को भी ,
कयोकि ये मानता है ही नही ,
मेहनत में दम रखता है ,
बेवजह की बातो से अपने आप को दूर रखता है |
कयोकि ये दिल है मेरा किसी
और का नही ,
कहा ही नही मानता ,
पर समझता है हर बात एकदम सही ||
ये दिल है यार कहता ही नही ,
दौडता है घोडो की तरह ,
बस थकता ही नही ||
ये दिल है यार ,
कहता कुछ भी नही |||
...
..
.
टिप्पणियाँ