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मां 🤰की ममता🤱🏼

 मां की ममता      मां 🤰की ममता🤱🏼 मां की ममता कया आप जानते है| मां जैसा दिलदार कोई नही होता !– एक भावुक कहानी  एक छोटे से कसबे में सलीम नाम का एक लड़का रहता था। बचपन में ही पिता की मृत्यु हो जाने के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बड़ी दयनीय थी, सलीम की माँ कुछ पढ़ी-लिखी ज़रुर थीं लेकिन उतनी पढाई से नौकरी कहाँ मिलने वाली थी सो घर-घर बर्तन मांज कर और सिलाई-बुनाई का काम करके किसी तरह अपने बच्चे को पढ़ा-लिखा रही थीं। सलीम स्वाभाव से थोड़ा शर्मीला था और अक्सर चुप-चाप बैठा रहता था। एक दिन जब वो स्कूल से लौटा तो उसके हाथ में एक लिफाफा था। उसने माँ को लिफाफा पकड़ाते हुए कहा, “माँ, मास्टर साहब ने तुम्हारे लिए ये चिट्ठी भेजी है, जरा देखो तो इसमें क्या लिखा है? माँ ने मन ही मन चिट्ठी पढ़ी और मुस्कुरा कर बोलीं, “बेटा, इसमें लिखा है कि आपका बेटा काफी होशियार है, इस स्कूल के बाकी बच्चों की तुलना में इसका दिमाग बहुत तेज है और हमारे पास इसे पढ़ाने लायक शिक्षक नहीं हैं, इसलिए कल से आप इसे किसी और स्कूल में भेजें। ” यह बात सुन कर सलीम को स्कूल न जा सकने का दुःख तो हुआ पर साथ ही उसका मन आत्मविश्वास से भर गया कि व

कमजोरी तन से ना मन से होती है??

  कमजोरी तन से ना मन से होती है??  नमस्कार दोस्तो ,    आज की इस काहानी मे ,में आपको बताऊगा एक हाथी के   बच्चे की काहानी ,काहानी को जरूर पढे ओर  शेयर जरूर करे !         एक गांव मे हाथी का बच्चा था |  ओर वो इतना छोटा ओर कमजोर  था कि कही पर उसको बांध देते और वह वही बंधा उधर ही घूमता रहता |   वह बहुत खींचता पर बच्चा होने के कारण उस को  कभी भी खीच नही पाता |  बहुत कोशिश करता पर नही खीच पाता |  आखिर में उसने खीचना छोड दिया |    अब वो हाथी का बच्चा बडा हो गया | ओर वो आज भी ये सोच कर की ये बहुत भारी है मे इसको खीच नही पाऊगा ,  अत: अब वो बडा हो गया ओर आज भी उसको खीच नही पाया केवल एक सोच से की ये तो बहुत भारी है |   आखिर यही सोच उसको आज भी कमजोरी बना के रख दिया|  Buy Now      जिदंगी मे मुशिकले तो बहुत आऐगे ओर मुसिबत से लडकर आगे नही बढे तो हम वही ढेर हो जाऐगे |   अत: मुशिकल कुछ बडी नही होती है हम उसको सोच जाते है |   अत: इस काहानी के बहुत निष्कर्ष है जैसे की:: ० मेहनत किजिऐ और साहस कभी ना तोडे | ० एक सोच आदमी को पीछे रख देती है | ० मेहनत करो तो आखिर तक करे ना कि एक बार करा कि काम तो बना नही अब

एक साहस मजदूर (साथी ही साथ निभाता है) की काहनी!!!

एक साहस  मजदूर ( साथी ही साथ निभाता है) की काहनी!!! प्रणाम,        मै  आपको गांव मे रहने वाले जुगल की कहानी सुनाने जा रहा हु| जो की आंवला  (म.प्र।) भारत का  निवासी  है | जुगल अविवाहित है| वाह का सच्चा और नैक लड़का है| जो की बहुत मेहनती और कुशाल भी है | जुगल मजदुरी करता और खूद के घर का पलन और देख रेख बी| मै अपके सामने उसकी सच्ची घटना लेकर आया हूँ |              जुगल रोज के जैसे मजदुरी के लिए संतोष के साथ राम के घर जाता है और वहीँ काम करता है |सुबह से दुपहर तक तो सही से काम चलता है फिर अचानक दौपहर के वकत काम करते-करते जुगल का पैंट फट जाता है |     जो की सब के सामने हसीं का पात्र बन जाता  है| जिसे देख सभी काम करने वाले  हस्ते है और उसका मज़ाक बनाते है| इसके कारण वह भी शर्म के कारण लज़्ज़ित महसूस करता है और  फिर वो मकान मालिक से सुई -धागा  मांग कर पैंट  को सीलता है और वापस से काम पर लग जाता है |अचानक वहाँ पर कही से नाग -नागिन आ जाते है जो की घर के लोगो मे भैय पैदा कर देते है लोग घबरा कर इधर से उधर भाग रहे होत है|    जब यह बात जुगल को पता चलते ही जुगल वहाँ आता है और उन्हें देख कर ए

जीवन एक पहिये के चककर की तरह है|

जीवन एक पहिये के चककर की तरह है| नमस्कार दोस्तो ,    आज की  इस काहानी मे ,में आपको बताऊगा  कि जिंदगी कया है और कैसे हम जन्म से मरण तक है |   कया बताऊ ,पता तो सबको है पर समझते कोई ना | कया होता कि जब जन्म होता है तो हम धरती पे आते है|   ओर एक साल बाद हम किसी के सहारे चलते है | फिर कुछ समय गुजरता है |तो उसके बाद  खुद से चल पडते है |   गिरते ,उठते हुऐ|  फिर हम 4 साल की उम्र तक आते है तो पेशाब भी पेन्ट मे कर देते है|   कुछ समय बाद ओर हम फिर बडे होते जाते है |  अब, हम आते -आते 7साल तक आते है |बैग लादकर स्कूल  जाते है |   एक रास्ते रास्ते ओर रास्ते भूलना ,घर भूलना |    अब धीरे -धीरे उम्र बढती जाती है ओर गुजरती जाती है | अब उम्र आ जाती है| 14 साल की जब हमे दोस्त बनाते बनाते  हम 18साल मे पार कर जाते है| अब उम्र आ जाती है भारतीय नियम को पालन करने का कयोकि उससे पहले कोई कुछ बिगाड नही सकते थे|   अब समय आ जाता है|  सब कुछ अपने नाम करने का |    इस 18साल की उम्र मे गाडी का लाईसेंस मिल जाता है| वोट डालने का अधिकार ,ओर भारतीय दणडता नियम को पालन करने का|  अब उम

भाई बहन का प्यार ये कलाई का बंधन (रक्षाबंधन)आपके नाम ||

भाई बहन का प्यार ये कलाई का बंधन (रक्षाबंधन)आपके नाम ||  रक्षाबंधन🙅 चलो इसको मे अपनी काहानी से मिलाकर आपको बताऊगा|          हर भाई बहन को एक त्योहार बनाना पडता है| और ये है हमारा रक्षाबंधन !!! रक्षाबंधन कयो बनाया जाताहै कया  आपको पता है| चलो नही पता तो आप अपनी बहन से पूछना कयोकि आपको अपने से जयादा आपकी बहन को पता होगा आपके बारे में,  भाई बहन का ये त्योहार भाई बहन के प्यार का बंधन!!!   हर एक साल मे ये त्योहार आता है जिस दिन बहन को इंतजार रहता है|    कि आज मे  टिका करुगी भाई को ओर कलाई पर राखी बांधुगी || भाई को लडडू खिलाऊगी| पर भाई बहन से इतना  बोलता है आज मे खेत जा रहा हू या कोई ओर काम करने को बोलता रहेगा ओर आऐगा नही जल्दी | पर बहन बोलती हे जल्दी आ जाना है आज रक्षाबंधन है पर भाई भी इतने अच्छे  होते है वो ना चाहकर भी बहन को सुनाते है ताकि बहन बोले ? जल्दी आना | जल्दी आना |   भाई फिर आ भी गया तो वो जल्दी से तैयार नही होगा| कयोकि वो भाई, बहन से फटकार सुनना चाहता है|    जल्दी कर घडी देखो 10:00 बज गये| कभी कभी बहन ,भाई को पकडर लाती है ओर जबरदस्ती टिका

एक माँ की सच्ची दर्द भरी कहानी घटना! एक मां की दुखभरी कहानी सच मे रो जाओगे

एक माँ की सच्ची दर्द भरी कहानी घटना एक काहानी ऐसी ही है जो कि ऐसी पर थोडी अलग है वो भी देखे .. Click Here यदि काहॎनी  सुन के आंखो मे आंसू ना आये तो आप अपनी मां को बोल देना मां तुम मुझे पंसद नही हो !           😪😴😓🤤😥     मेरी माँ की सिर्फ एक ही आँख थी और इसीलिए मैं उनसे बेहद नफ़रत करता था | वो फुटपाथ पर एक छोटी सी दुकान चलाती थी |   उनके साथ होने पर मुझे शर्मिन्दगी महसूस होती थी | एक बार वो मेरे स्कूल आई और मै फिर से बहुत शर्मिंदा हुआ | वो मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है ? अगले दिन स्कूल में सबने मेरा बहुत मजाक उड़ाया | मैं चाहता था मेरी माँ इस दुनिया से गायब हो जाये | मैंने उनसे कहा, 'माँ तुम्हारी दूसरी आँख क्यों नहीं है? तुम्हारी वजह से हर कोई मेरा मजाक उड़ाता है |   तुम मर क्यों नहीं जाती ?' माँ ने कुछ नहीं कहा | पर, मैंने उसी पल तय कर लिया कि बड़ा होकर सफल आदमी बनूँगा ताकि मुझे अपनी एक आँख वाली माँ और इस गरीबी से छुटकारा मिल जाये | उसके बाद मैंने म्हणत से पढाई की | माँ को छोड़कर बड़े शहर आ गया | यूनिविर्सिटी की डिग्री ली | शादी की | अपना