बाप का दर्द व फर्ज मां मां मां का गुनगान करते हो | बाप को कया तुम भूल गये | जिसने कमाया तुम्हारे लिये कया उनको तुम छोड दिये | बाप प्यार नही करता वो तुम्हे दिखता है पर बाप से ज्यादा प्यार करने वाला भी नही | Buy Now वो एक पत्थर की दिवार की तरह है जो कभी चोट तक दिलाऐ भी नही | मत सोच की बाप प्यार नही करता | एक दिन ये बाप का फर्ज निभाऐ भी कोई नही | सब साथ छोड जाते है | तक बाप ही ,तुम्हारी पीठ थपका के आगे बडना हिऐ सिखाता है | , बाप बनना फर्ज है ,बाप बनना एक ज़िम्मेदारी है | तब भी बाप को बोलते है की पापा तुम तो हमे खिलाने भी ले जाते ही नही || बाप का असली फर्ज और दर्द को दिखाऐ भी कोई नही | सबके नखरे उठाता है फिर भी बाप को सभी बोलते है अपना फर्ज निभाते ही नही | वो बाप है थोडा रो भी नही सकता | वो पिता है परिवार का दर्द सह नही सकता | फिर ये कयो बाप का दर्जा दिखाऐ कयो नही | कितना दर्द सहा है उसने फिर भी एक बार उससे पूछा कयो नही | पापा ,पापा करके तुम बोल दो ना एक बार पापा को ये हँसते हुऐ दिखाऊ तू सही | दर्द से भरा है वो तुम्हे कया पता उसके बिना ये घर चलाऐ तो सही , सब छोड जाता है ,
Emotional Story with My Pain & Tear