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मै और मेरा बचकना मम्मी के साथ और हमारी दुकान

मै और  मेरा बचकना मम्मी के साथ  और हमारी दुकान  आज की इस काहानी मे मेरी माँ और मेरे जिंदगी के बचपन की यादे के बारे मे बताऊगा ||     मेरा गाँव एक शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | मेरे घर मे मेरे भाई बहन और मम्मी -पापा है | हमारे घर मे एक छोटी सी दुकान है | दुकान का सामान लाने के लिऐ हम शहर जाते थे | वहा पर मे अपनी मम्मी के साथ जाता था |   मम्मी दुकान से सामान खरीदती थी और फिर हम बस स्टेण्ड की तरफ चल पडते थे | कभी कभी सामान जयादा होता तो  रिकशा कर लेते थे | पूरा सामान रिकशा मे रख लेते थे और फिर मे और मम्मी रिकशा मे सवार हो जाते थे |  पन्द्रह रूपये मे रिकशा ड्राईवर बस के समीप उतार देता था | कभी कभी हम बस स्टैण्ड.  के बाहर उतर जाते थे | मेरी मम्मी मुझे पुछती थी कि बेटा समोसा खाऐगा | तो मे भी बचपन मे हा कर देता था | मम्मी मुझे पर्स से दस रुपये निकालकर मुझे दे देती थी | और बोलती थी कि जल्दी खा के आ जाना |  मै तुम्हारा इंतजार कर रही हू | एक मां जो खुद अपने बेटे के लिऐ दस रूपये देती थी और खुद पांच रूपये की चाय तक भी ना पीती थी | फिर मै और मम्मी शहर से बस मे बैठकर गांव आ जाते थे |  गांव

👳🏻किसान👳🏻के घर की💥 दिवाली 😥

  👳🏻 किसान👳🏻के घर  की💥 दिवाली 😥 किसान की दिपावली  दिपावली का त्यौहार अक्सर अक्टूबर या नवंबर के महीने मे मनाई जाती है | पर हर घर मे अलग -अलग तरीके से खुशी बांटी जाती है | आज की इस काहानी मे एक किसान के घर के दिपावली के बारे मे बताऊगा ||    एक गांव मे एक किसान था | उसके दो छोटे -छोटे बच्चे थे | वह अपनी पत्नी व बच्चो के साथ गांव के झौपड मे रहते थे | घर मे कुछ नही दो -चार बर्तन थे और एक टूटा सा पंलग था | किसान के घर मे एक जुआ और दो बैल थे | वह किसान खेत मे काम करके घर का गुजारा करता था | पर घर मे इतने पैसे नही थे कि त्यौहार पर नये कपडे खरीद सके | किसान अपने बचचो के लिऐ कया लाता बस अपना पेट का गुजारा करता था | पर दिपावली पास आई | गांव मे रौनक बढी |      सभी के घरो पर नई लाईटे ,घर मे कली ,सफाई और नऐ - नऐ कपडे पहनकर गांव से शहर घूमने जाते थे | वही पर एक किसान फटी कुरती मे खेत मे हल जोतता था | वहां उसके गांव मे सभी उस गरीब किसान को कुछ नही देते थे | वहाँ उससे मजदूरी करवाते और उसके बदले मे पचास -सौ रूपये देते थे | पर जहां तक घर चाहे किसान का हो या अमीर घर का ,दिपावली पूजन तो हर के घर मे ह

बहन तेरी भी तो होगी रे (सभी प्यारे भाई -बहनो के लिऐ)

  बहन तेरी भी तो होगी रे (सभी प्यारे भाई -बहनो के लिऐ)   बहन तेरी भी होगी ये कोई नही सोचता |  बहन मेरी भी होगी ये हर कोई सोचता है कयू ???  नमस्कार ,दोस्तों आज की इस काहानी मे ,मै आपको बताउगा कि कयो आज कल ,कयो ये नही सोचते |....   एक परिवार की काहानी है |जहाँ पर उसके दो भाई के साथ मां -बाप  वो खुद थी |   परिवार बहुत गरीब था | पर गरीब के साथ वो दिल से गरीब नही थे | इतना अच्छा था कि वो ना तो कभी किसी के मागंने जाते थे और ना किसी से धोखा |  कमा के खाना | ये ही उनके परिवार मे था |    पूरा परिवार अच्छे से रहते थे | कही भी वो जाते थे साथ ले जाते थे अपने पूरे घर के सभी सदस्य  |  पैसे कमाने के लिऐ मैले लगाने जाते थे |मेैलौ  मे सामान बेचते थे |ओर कुछ पैसे कमा के अपना गुजारा करते  थे |    पर बोलते है ना जहाँ कोई घर अच्छा से चलता हो कोई ना कोई ना कोई आफत आ जाते थे |     मैले मे सामान बेचते थे तब वहाँ कुछ बदमाश लोग घूमते रहते है  |  वहाँ पर उसने   उन्होने देखा की बहुत सुंदर लडकी सामान बेच रही है | चलो वहाँ उसको छेडते है |     पर उसका परिवार भी कया करे ,गरीब होने के नाते कुछ नही बोल पाया  |      उसक

ननद के प्रति भाभी की बुरी सोच

ननद के प्रति भाभी की बुरी सोच  नमस्कार दोस्तो ,  यह  काहानी एक घटित  घटना पर आधारित है |  एक समय की बात है |जब एक घर मे मां के एक बेटा व एक बेटी हुई|    मां बहुत खुश थी | कुछ समय गुजरा| परिवार आगे बढता रहा | बडे मजे मे घर चल रहा था |ना किसी की टेंशन और ना किसी को टेंशन देने की |    पर कहते है ना घर मे कोई ना कोई ऐसा बन जाता है जब घर बिगड जाता है |   कुछ साल गुजरे|  बेटा बेटी बडे हो गये |अब मां-बाप को  सोच थी जल्दी से इनकी शादी कर दे  !     बहन की भी ये सोच थी कि मे देख कर आऊगी अपने भाई के लिऐ भाभी | ऐसी  देखूगी भाभी को ,अच्छी देखूगी | अब वो समय भी आ गया  बहन देखने गई | बहन ने भाभी को पसंद किया की भाभी मेरी अच्छी है |        कुछ समय बाद बहन का रिश्ता भी तय हो गया |दो तीन महीने बाद अब शादी तय हो गई |    शादी के बाद   कौन आश लगाये बैठा था |  की अपने मां बाप के घर जाऊगी घूमने पर नही आ पाई | अब समय और गुजरा रक्षाबंधन का त्यौहार नजदीक आ गया  |    बहन ने भाई को फोन करके बोला कि  भाई मे अब की बार नही आ पाऊगी राखी पर और भाभी को  भी बता देना |  समय गुजरा ,रक्षाबंधन का त्यौहार आया |नन्द ने भाभी क

बाप की एक शिक्षक बेटी और उनकी सोच

  बाप की एक शिक्षक  बेटी और  उनकी सोच  नमस्कार ,आज की इस काहानी मे आपको एक महिला शिक्षक के बारे मे व उचित काहानी एक शिक्षक दवारा पढाई हुई है के बारे मे बताऊगा|   अत: आप धयान पूर्वक पढे | एक समय की बात है एक स्कूल मे महिला शिक्षक पढाने ने के लिऐ आई और इतनी सुन्दर शिक्षक को देखकर बच्चे मोहित हो उठे |     और वो महिला शिक्षक भी इतना लाड -प्यार से बच्चो को पढाती और बच्चो के साथ बात चीत करती थी |और हर चीज को बडे दिल से व खुशी से पढाती थी |   और वहाँ के बच्चे भी इतना खुशी के साथ पढते और खुशी के साथ हर बाते पूछ लेते थे |   इतना सब पूछने के बाद सभी छात्रौ के मन मे भी बडी खुशी थी कि हम भी मैडम से उनके घर परिवार के बारे मे भी बात करेगे| सभी बच्चो मे ये एक दिलचस्प बात थी |  एक दिन एक बच्चे ने पूछ भी लिया की  मैडम आप कहां रहती हो ,एक ने पूछ लिया मैडम आप बहुत सुन्दर हो ,और एक ने तो हद ही पार कर दी | Buy Now     मैडम आपकी उम्र कितनी है | तो मैडम ने उनका जबाब दिया की मेरी उम्र 33 साल है | एक लडकी ने फटाक से पुछा की मैडम आपकी शादी तो हो गई ना |   मैडम ने बोला ,नही मेरी शादी नही हुई है | सभी ध्यान पूर्व

बाप👳🏻 की👳🏻 पगडी👳🏻

 बाप👳🏻 की👳🏻 पगडी👳🏻 नमस्कार दोस्तों ,         बाप की पगडी से आप कितने रूब रूब हो ;  कया आप को पता है कि बाप की पगडी की कया हेमिययत होती है ||    चलो नही पता तो पता करना उनसे जिनके बेटी होती है और जिन पर ये पगडी का बोझ होता है |   एक बाप की काहानी से मे ,आप को बताऊगा | एक बाप के उपर बहुत जिम्मेदारी  होती है | एक बाप अपने बेटा -बेटी को बडे लाड प्यार से पालते हे | और जन्म लेने से पहले ही इतनी इतनी बाते सोचते है कि कल मेरा बेटा -बेटी को इस स्कूल मे पढाऊगा  |   ये नाम रखूगा मेरे बेटा -बेटी का ,बडे -बडे शौक पालते है कि ये नही यहाँ पर मेरा बेटा -बेटी रहेगे | वो चाहे गरीब हो पर बचपन मे वो आपके सारे शौक पूरे करते है | मे इतना पढाकर मे यहाँ नौकरी का फार्म भरवाऊगा  और उस पद पर रहेगा / गी | ना कभी होसला टूटने देते है |    मेरा बेटा /बेटी इस दर बदल पर मेरा कहा मानेगा | मेरा बेटा/बेटी  कभी भी मुझ से बिना पुछे कुछ भी  नही करेगे |    बाप का बस यही की एक ही लक्ष्य रहता है कि मेरा बेटा/बेटी अच्छी नौकरी लगे एवम अच्छे से शादी हो जाऐ | Free Rin Soap For Purchase Click Here बाप का जिंदगी मे कमाना सिर्फ

"भाई की शादी "मे 'बहन का जलवा'

 "भाई की शादी "मे 'बहन का जलवा'     शादी तो लाखो देखते है पर एक बहन को जोश तब ही आता है जब वह बोलती है भाई की शादी मे देखना मुझे  😛🙄      बहन की इस काहानी मे , मै आपको बताऊगा की एक बहन कया कया सोचती है उसके भाई की शादी मे ||      चलो आरम्भ करते है |   बहन , बचपन से बहुत अच्छा साथी होती है उसके भाई के बारे मे वह सब कुछ जानती है || Click Here To Buy   ओर सब अच्छे बुरे के बारे मे जानती है की भाई को कैसे स़ंभाला जाता है|    एक बहन अपने भाई के बारे मे ये बहुत सोचती है कि किस दिन मे अपने भाई के लिए एक सुंदरी ढूंढूगी |   और किस दिन वो समय आऐगा | जब मे भाई की शादी मे जाऊगी |     भाई के शादी मे बस दिखता है तो बस एक ही दिखता है तो वो है  भाई की बहन ||    सब से अलग दिखने के लिए बहन अपने भाई से बोलकर   सबसे अच्छी डै्स खरीदती है और बौलती है देखना मुझे मे सबसे अलग ही दिखूगी || टशन से चलूंगी |  मेरा फोटू सबसे बढिया आऐगा और सभी देखेगे |सभी भाई देखना फोटू खिचवाने आऐगे की हमारी फोटू तुमसे अच्छी आऐगी ||    भाई मे बहुत नाचुंगी | देख लेना मे रुकुगी भी नही | टैरृकटर मे बैठकर निकासी  निक