बाप की एक शिक्षक बेटी और उनकी सोच
नमस्कार ,आज की इस काहानी मे आपको एक महिला शिक्षक के बारे मे व उचित काहानी एक शिक्षक दवारा पढाई हुई है के बारे मे बताऊगा|
अत: आप धयान पूर्वक पढे |
एक समय की बात है एक स्कूल मे महिला शिक्षक पढाने ने के लिऐ आई और इतनी सुन्दर शिक्षक को देखकर बच्चे मोहित हो उठे |
और वो महिला शिक्षक भी इतना लाड -प्यार से बच्चो को पढाती और बच्चो के साथ बात चीत करती थी |और हर चीज को बडे दिल से व खुशी से पढाती थी |
और वहाँ के बच्चे भी इतना खुशी के साथ पढते और खुशी के साथ हर बाते पूछ लेते थे |
इतना सब पूछने के बाद सभी छात्रौ के मन मे भी बडी खुशी थी कि हम भी मैडम से उनके घर परिवार के बारे मे भी बात करेगे| सभी बच्चो मे ये एक दिलचस्प बात थी |
एक दिन एक बच्चे ने पूछ भी लिया की मैडम आप कहां रहती हो ,एक ने पूछ लिया मैडम आप बहुत सुन्दर हो ,और एक ने तो हद ही पार कर दी |
मैडम आपकी उम्र कितनी है |
तो मैडम ने उनका जबाब दिया की मेरी उम्र 33 साल है |
एक लडकी ने फटाक से पुछा की मैडम आपकी शादी तो हो गई ना |
मैडम ने बोला ,नही मेरी शादी नही हुई है |
सभी ध्यान पूर्वक इसको सुन रहे थे |
फिर उस लडकी ने बोला की आप इतनी साल की हो और सुंदर भी हो फिर भी शादी नही की ,कया कारण है मैम,
तो फिर यही से उस काहानी की शुरूआत होती है |
ओर अपनी आपबीती सुनाती है |
एक समय था जब मेरे मां- पापा की शादी हुई थी |तब एक साल बाद मेरी माँ ने एक लडकी को जन्म दिया |
मेरे पापा ना खुश थे लडकी सुन के |
फिर एक साल बाद परेगनेंट हुई और फिर से एक लडकी को जन्म दिया |
पिछली बार की तरह फिर से मेरे पापा ना खुश थे |
इस तरह करते करते छठ लडकी हुई फिर पापा ने तंग आकर छठी लडकी को चौराहै मे रख आया |
उसकी माँ बिलखती रही |की मेरी बेटी को ऐसे मत करो |पर भला मां का इसमे कया जोर चल सकता है |
उस दिन वो आदमी उस लडकी को चौराहे से फिर वापिस घर ले आया |
अगले दिन फिर उस लडकी को फिर से चौराहे मे रख आया |
उसी तरह अगले दिन भी उसको किसी ने नही उठाया |वो सौचते थे कि कोई उसको उठा ले जाऐ |पर भला कौन ले जाऐ |
अगले दिन फिर से चौराहे पर रख आऐ |फिर भी किसी ने नही उठाया |अत: मे हार कर वो घर ले आये |
किसी ने भी उस लडकी को नही उठाया |
अगले साल फिर से औरत परेगनेंट. हुई |
और फिर एक साल बाद उसने एक लडके को जन्म दिया |
वो व्यकित बहुत खुश हुआ |
फिर दो दिन बाद पहली हुई हुई लडकी की मौत हो गई |
अगले साल फिर से औरत को एक लडका हुई फिर दो दिन बाद अगली दूसरी लडकी की मौत हो गई
इस तरह से हर बार एक लडका हुआ ओर एक लडकी की मौत हुई |
पांच लडके हुऐ और पाचं लडकी की मौत होती गई |
फिर धीरे धीरे साल गुजरे और इसी तरह सब बडे होते गऐ |
कुछ साल बाद उनकी मां का देहांत हो गया |||
कुछ समय बाद सभी लडके अपने अपने काम -धंधे -नौकरी मे लग गऐ |
अब सब बाहर रहने लगे | वहाँ पर उनका पापा अकेला रह गया | सभी घर से बाहर |
ना उनकी माँ रही ,ना उसके बेटे ओर पाचं लडकियाँ |
सभी घर से रवाना ना तो कभी वो वापिस आने की सोची |
अत: मे फिर उनकी वो एक बेटी जिसको वो तीन दिन तक चौराहे पर छोड के आया वो और उसके पिता |
पर कया करे बाप को तो पता है |कि उसके बेटे तो नही है उनकी एक बेटी जिसको उसने चौराहे पर छोड दिया था आज वो ही आपके साथ है | एक बेटी की मौत के बाद एक बेटे को जन्म दिया उस माँ ने वो भी नही इतना दुख सहन करने के बाद ||
वो बेटी जो कि अकेली अपने पिता की सेवा करती थी खाना बनाने के खिलाती ओर पैसे भी कमा के लाती |
जहाँ बेटटो ने कुछ नही सोचा उसकी बेटी ने सोचा |
और वो आज मे ही हु जो कि छठी बच्ची जिसको चौराहे पर छोडा था |
आज मे अपने पापा के खाने के लिये पेसै कमाती हू और घर की देखभाल करती हू |
तभी तो मे आज अविवाहित हूं | और इसी दर बदौलत मे यहां पर आज हूं |
याद रखना बेटियाँ भी मान -सम्मान है |
वो घर की एकमात्र ऐसी हसती है उसे कौन समझता है|
बौलते है लडकियाँ तो परी है आज नही तो कल उड जाऐगी |
पर ऐसी बात नही है |
बेटा जाना वहाँ बेटी का हौना भी जरूरी है |
नही तो बहन -भाई के बिना ,पति पत्नी के बिना अधूरा है |||
बेटी को वयथॕ ना समझे ,आज वो है तो किसी बाप की हैसियत है |
यदि काहानी समझ आऐ तो इसे सबके साथ शेयर जरूर करे व आपको मेरी कोई बात बुरी लगी हो तो शुक्रिया से कामेंट कर देना| मै उनसे माफी चाहुगां|||
आपको इसके बारे मे कोई राय हो तो कृपया जरूर बताये , आपका साथी :अनिल हटरिया
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