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भाई और बहन के प्यार का झगड़ा

  भाई और बहन के प्यार का झगड़ा किसका झगड़ा नहीं होता| पति- पत्नी के बीच, मां -बाप के बीच ,और भाई -बहन के बीच झगड़ा जरूर होता है  |आज की इस कहानी में एक भाई बहन के बीच में होने वाले प्यार और लड़ाई के बारे में बताऊंगा | इस कहानी को जरुर पढ़िए घर में भाई बहन की बहुत कदर करता है |भाई अपनी बहन को हमेशा नजर बना के रखता है कि बहन दुखी तो ना है ,पर एक बहन अपने भाई की परवरिश अपने मां-बाप के समान करती हैं |बहन की पूरी नजर रहती है कि मेरा भाई कहीं गलत तो ना कर रहा है |भाई का मोबाइल हक से मांगती हैं और ना देने पर गुस्सा करती है और पिटाई भी करती हैं | बहने हैं तो भाई का मन लगा रहता है| भाई बहन को खुश करने के लिए उसके सलवार -कुर्ते और उसकी जूते पहन लेता है |और सब जगह बहन को दिखाता है और बहन इतनी हंसती है और भाई की मजे लेती हैं |भाई सिर्फ खुश करने के लिए सब करता है और वही बहन अपने भाई की शर्ट -पैंट पहनती है फिर बोलती हैं मैं पहनूंगी यह तुझे नहीं दूंगी |फिर भी भाई जबरदस्ती करता है नहीं यह तू मेरी है और मम्मी को बोलकर शर्ट- पैंट निकलवा लेता है और फिर वो लड़ाई की मेरी शर्ट क्यों निकलवाई बहन के ससुराल जा

पति और पत्नी का😘 प्यार (♥प्यार हैं पति और पत्नी का )

      पति ♥और♥ पत्नी का😘 प्यार     पति♥ और ♥पत्नी का प्यार तो भगवान  बना के भेजता है | निभाना दोनों को पडता है|     पति अपनी पत्नी के बारे में बहुत चिन्ता करता है फिर भी पत्नी सोचती रहती है की मेरे पति क्यो मुझे कही नही घूमाते| आज इस कहानी में पति और पत्नी के  प्यार के  बारे मे जिक्र होगा |   हर मनुष्य अपनी जिंदगी के वक्त अपनी पत्नी के साथ बिताना चाहता है और वही लडकी अपने पति के साथ अच्छे  से रहना चाहती है| दोनो अपनी जिंदगी में खुश रहना चाहते है| पत्नी अपने पति के बारे मे बहुत सोचती है पर एक पत्नी पति के  आने का इतजार करती है और उसके बिना खाना तक नही खाती| वही एक पति अपनी पत्नी से बिना पुछे कही घूमने तक नही जाता है| पत्नी के कहने पर वह वही रह जाता है| एक पत्नी कभी भी कपड़े खरिदती है तो पति से पुछती है और पति से बोलती है कि ये अच्छा है या नही | हर तरह के कपडे पहनकर दिखाती है और अपनी मनपसंद से नही बल्कि घर पर भी अपने पति की पसंद के कपडे पहनती है |    कभी भी फिल्म देखने  जाना हो तो एक साथ स्कूटरी पर जाते है|  फिल्म होल मे दोनों एक जगह सीट लेते है और फिल्म में  रोमांटिक  सीन  आने पर दोनों

मै और मेरा बचकना मम्मी के साथ और हमारी दुकान

मै और  मेरा बचकना मम्मी के साथ  और हमारी दुकान  आज की इस काहानी मे मेरी माँ और मेरे जिंदगी के बचपन की यादे के बारे मे बताऊगा ||     मेरा गाँव एक शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | मेरे घर मे मेरे भाई बहन और मम्मी -पापा है | हमारे घर मे एक छोटी सी दुकान है | दुकान का सामान लाने के लिऐ हम शहर जाते थे | वहा पर मे अपनी मम्मी के साथ जाता था |   मम्मी दुकान से सामान खरीदती थी और फिर हम बस स्टेण्ड की तरफ चल पडते थे | कभी कभी सामान जयादा होता तो  रिकशा कर लेते थे | पूरा सामान रिकशा मे रख लेते थे और फिर मे और मम्मी रिकशा मे सवार हो जाते थे |  पन्द्रह रूपये मे रिकशा ड्राईवर बस के समीप उतार देता था | कभी कभी हम बस स्टैण्ड.  के बाहर उतर जाते थे | मेरी मम्मी मुझे पुछती थी कि बेटा समोसा खाऐगा | तो मे भी बचपन मे हा कर देता था | मम्मी मुझे पर्स से दस रुपये निकालकर मुझे दे देती थी | और बोलती थी कि जल्दी खा के आ जाना |  मै तुम्हारा इंतजार कर रही हू | एक मां जो खुद अपने बेटे के लिऐ दस रूपये देती थी और खुद पांच रूपये की चाय तक भी ना पीती थी | फिर मै और मम्मी शहर से बस मे बैठकर गांव आ जाते थे |  गांव

👳🏻किसान👳🏻के घर की💥 दिवाली 😥

  👳🏻 किसान👳🏻के घर  की💥 दिवाली 😥 किसान की दिपावली  दिपावली का त्यौहार अक्सर अक्टूबर या नवंबर के महीने मे मनाई जाती है | पर हर घर मे अलग -अलग तरीके से खुशी बांटी जाती है | आज की इस काहानी मे एक किसान के घर के दिपावली के बारे मे बताऊगा ||    एक गांव मे एक किसान था | उसके दो छोटे -छोटे बच्चे थे | वह अपनी पत्नी व बच्चो के साथ गांव के झौपड मे रहते थे | घर मे कुछ नही दो -चार बर्तन थे और एक टूटा सा पंलग था | किसान के घर मे एक जुआ और दो बैल थे | वह किसान खेत मे काम करके घर का गुजारा करता था | पर घर मे इतने पैसे नही थे कि त्यौहार पर नये कपडे खरीद सके | किसान अपने बचचो के लिऐ कया लाता बस अपना पेट का गुजारा करता था | पर दिपावली पास आई | गांव मे रौनक बढी |      सभी के घरो पर नई लाईटे ,घर मे कली ,सफाई और नऐ - नऐ कपडे पहनकर गांव से शहर घूमने जाते थे | वही पर एक किसान फटी कुरती मे खेत मे हल जोतता था | वहां उसके गांव मे सभी उस गरीब किसान को कुछ नही देते थे | वहाँ उससे मजदूरी करवाते और उसके बदले मे पचास -सौ रूपये देते थे | पर जहां तक घर चाहे किसान का हो या अमीर घर का ,दिपावली पूजन तो हर के घर मे ह

बहन तेरी भी तो होगी रे (सभी प्यारे भाई -बहनो के लिऐ)

  बहन तेरी भी तो होगी रे (सभी प्यारे भाई -बहनो के लिऐ)   बहन तेरी भी होगी ये कोई नही सोचता |  बहन मेरी भी होगी ये हर कोई सोचता है कयू ???  नमस्कार ,दोस्तों आज की इस काहानी मे ,मै आपको बताउगा कि कयो आज कल ,कयो ये नही सोचते |....   एक परिवार की काहानी है |जहाँ पर उसके दो भाई के साथ मां -बाप  वो खुद थी |   परिवार बहुत गरीब था | पर गरीब के साथ वो दिल से गरीब नही थे | इतना अच्छा था कि वो ना तो कभी किसी के मागंने जाते थे और ना किसी से धोखा |  कमा के खाना | ये ही उनके परिवार मे था |    पूरा परिवार अच्छे से रहते थे | कही भी वो जाते थे साथ ले जाते थे अपने पूरे घर के सभी सदस्य  |  पैसे कमाने के लिऐ मैले लगाने जाते थे |मेैलौ  मे सामान बेचते थे |ओर कुछ पैसे कमा के अपना गुजारा करते  थे |    पर बोलते है ना जहाँ कोई घर अच्छा से चलता हो कोई ना कोई ना कोई आफत आ जाते थे |     मैले मे सामान बेचते थे तब वहाँ कुछ बदमाश लोग घूमते रहते है  |  वहाँ पर उसने   उन्होने देखा की बहुत सुंदर लडकी सामान बेच रही है | चलो वहाँ उसको छेडते है |     पर उसका परिवार भी कया करे ,गरीब होने के नाते कुछ नही बोल पाया  |      उसक

ननद के प्रति भाभी की बुरी सोच

ननद के प्रति भाभी की बुरी सोच  नमस्कार दोस्तो ,  यह  काहानी एक घटित  घटना पर आधारित है |  एक समय की बात है |जब एक घर मे मां के एक बेटा व एक बेटी हुई|    मां बहुत खुश थी | कुछ समय गुजरा| परिवार आगे बढता रहा | बडे मजे मे घर चल रहा था |ना किसी की टेंशन और ना किसी को टेंशन देने की |    पर कहते है ना घर मे कोई ना कोई ऐसा बन जाता है जब घर बिगड जाता है |   कुछ साल गुजरे|  बेटा बेटी बडे हो गये |अब मां-बाप को  सोच थी जल्दी से इनकी शादी कर दे  !     बहन की भी ये सोच थी कि मे देख कर आऊगी अपने भाई के लिऐ भाभी | ऐसी  देखूगी भाभी को ,अच्छी देखूगी | अब वो समय भी आ गया  बहन देखने गई | बहन ने भाभी को पसंद किया की भाभी मेरी अच्छी है |        कुछ समय बाद बहन का रिश्ता भी तय हो गया |दो तीन महीने बाद अब शादी तय हो गई |    शादी के बाद   कौन आश लगाये बैठा था |  की अपने मां बाप के घर जाऊगी घूमने पर नही आ पाई | अब समय और गुजरा रक्षाबंधन का त्यौहार नजदीक आ गया  |    बहन ने भाई को फोन करके बोला कि  भाई मे अब की बार नही आ पाऊगी राखी पर और भाभी को  भी बता देना |  समय गुजरा ,रक्षाबंधन का त्यौहार आया |नन्द ने भाभी क

बाप की एक शिक्षक बेटी और उनकी सोच

  बाप की एक शिक्षक  बेटी और  उनकी सोच  नमस्कार ,आज की इस काहानी मे आपको एक महिला शिक्षक के बारे मे व उचित काहानी एक शिक्षक दवारा पढाई हुई है के बारे मे बताऊगा|   अत: आप धयान पूर्वक पढे | एक समय की बात है एक स्कूल मे महिला शिक्षक पढाने ने के लिऐ आई और इतनी सुन्दर शिक्षक को देखकर बच्चे मोहित हो उठे |     और वो महिला शिक्षक भी इतना लाड -प्यार से बच्चो को पढाती और बच्चो के साथ बात चीत करती थी |और हर चीज को बडे दिल से व खुशी से पढाती थी |   और वहाँ के बच्चे भी इतना खुशी के साथ पढते और खुशी के साथ हर बाते पूछ लेते थे |   इतना सब पूछने के बाद सभी छात्रौ के मन मे भी बडी खुशी थी कि हम भी मैडम से उनके घर परिवार के बारे मे भी बात करेगे| सभी बच्चो मे ये एक दिलचस्प बात थी |  एक दिन एक बच्चे ने पूछ भी लिया की  मैडम आप कहां रहती हो ,एक ने पूछ लिया मैडम आप बहुत सुन्दर हो ,और एक ने तो हद ही पार कर दी | Buy Now     मैडम आपकी उम्र कितनी है | तो मैडम ने उनका जबाब दिया की मेरी उम्र 33 साल है | एक लडकी ने फटाक से पुछा की मैडम आपकी शादी तो हो गई ना |   मैडम ने बोला ,नही मेरी शादी नही हुई है | सभी ध्यान पूर्व