दादी जी की यादे ,शिप तो चलती जाऐ दादी जी याद सताऐ|
नमस्कार , मेरे प्यारे दोस्तो
आज की इस काहानी मे ,मे आपको दादी जी की प्यारी बातो से रूबरब करवाऊगा|
दादी जी ,प्रणाम आपको ?
देखिऐ मेरे दादी ना होने पर भी मैने ये काहानी लिखी है|कयोकि वो दादी का प्यार तो हमेशा झलकता है|
चलो मै इसको आगे पढाता हूँ,
शिप तो चलती जाऐ |
पर दादी जी याद सताऐ||
अपने बुढढे हाथो से वो मेरे बालो को सहलाना |
गरमागरम कुछ खाना बनाकर अपने हाथो से खिलाना||
फिर लोरी गा गाकर मुझे देर रात तक सुलाना |
उसके पयार भरी थपकी को भला कौन भुल पाऐ है ||
शिप तो चलती जाऐ|
पर दादी जी याद सताऐ ||
कभी कभी वो मुझे अपने साथ मेले मे ले जाऐ |
मेरे मनपसंद की हर चीज खरीद कर लाऐ ||
वो भगवान से भी करती है मेरे लिए दुआऐ |
मेरे हाथो से ही दानपात्र मे पैसे डलवाए |
शिप तो चलती जाए |
पर दादी जी की याद सताऐ||
है भगवान ,
अब मे उनके दिल की हर बात समझ पाऐ|
उनहे खुशी कैसे मिलती है इसका पता लगाऊ|
सागर की लहरो से भी करता हू यही सवाल |
कब दादी जी से मिलू अब मे म म |
जब मे मिलता हू तो मन आनन्दित हो जाता है|
पर शिप तो चलती जाऐ पर दादी जी की याद सताऐ |
मुझे आंसू आ रहे कयोकि ये पल मैने अपनी जिंदगी मे नही देखे |
जिनकी होती है दादी उनके कुछ अलग ही संस्कार है|
कयोकि दादी जी से वो कुछ अलग ही सीख पाते है|
यदि आपको दादी -मां की काहानी अच्छी लगे तो शेयर जरूर किजिए ||
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___ __ ✍✍✍ अनिल हटरिया_______
नमस्कार , मेरे प्यारे दोस्तो
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दादी जी ,प्रणाम आपको ?
देखिऐ मेरे दादी ना होने पर भी मैने ये काहानी लिखी है|कयोकि वो दादी का प्यार तो हमेशा झलकता है|
चलो मै इसको आगे पढाता हूँ,
शिप तो चलती जाऐ |
पर दादी जी याद सताऐ||
अपने बुढढे हाथो से वो मेरे बालो को सहलाना |
गरमागरम कुछ खाना बनाकर अपने हाथो से खिलाना||
फिर लोरी गा गाकर मुझे देर रात तक सुलाना |
उसके पयार भरी थपकी को भला कौन भुल पाऐ है ||
शिप तो चलती जाऐ|
पर दादी जी याद सताऐ ||
कभी कभी वो मुझे अपने साथ मेले मे ले जाऐ |
मेरे मनपसंद की हर चीज खरीद कर लाऐ ||
वो भगवान से भी करती है मेरे लिए दुआऐ |
मेरे हाथो से ही दानपात्र मे पैसे डलवाए |
शिप तो चलती जाए |
पर दादी जी की याद सताऐ||
है भगवान ,
अब मे उनके दिल की हर बात समझ पाऐ|
उनहे खुशी कैसे मिलती है इसका पता लगाऊ|
सागर की लहरो से भी करता हू यही सवाल |
कब दादी जी से मिलू अब मे म म |
जब मे मिलता हू तो मन आनन्दित हो जाता है|
पर शिप तो चलती जाऐ पर दादी जी की याद सताऐ |
मुझे आंसू आ रहे कयोकि ये पल मैने अपनी जिंदगी मे नही देखे |
कयोकि दादी जी से वो कुछ अलग ही सीख पाते है|
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