मां🤰 की एक 🕵इलक 😚अपने बेटा👭 के लिये
मां🤰 की एक 🕵इलक
नमस्कार दोस्तो,
आज की इस काहानी मे आपको, एक मां की इलक के बारे
मे बताऊगा |
कया मां ☺☺😚😚
कया मां ,कया मां
.....जो कि मे कितनी बार बोलू . एक मां को|
अकसर मैने बहुत कुछ देखा है पर मां तुझे कुछ बोल नही
सकता | मां मे अब बडा हो गया हूं तो मां का एक उतर आता है ,अच्छा अच्छा!!
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मां, तुम आज भी ऐसी हो जैसी, जब मे 1 साल का था|
कयु मां कयू ,
मां ,आज भी ऐसी है यदि दो भाई होगे तो बोलना बाट के खा लो |
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मां ,तुम कभी बहाना नही बनाती अपने बेटा बेटी के लिऐ
मां , कि आज मेरी तबीयत डाऊन है आज खाना मत लेकर
जाना|
कयो मांअपनी तबीयत को अनदेखा कर देती है|
मां कया बोलू तुम्हें , तुम लाखो करोडो मे भी नही मिलोगी |
है मां प्रणाम तेरे को जो अपने बेटा बेटी के लिऐ कया -कया नही किया |
मां , मै कभी भी नही भूल सकता ,वो जब बिस्तर पर चाय -दूध देती थी |
उस मां को कभी भी सर्दी -गर्मी लगती थी या नही
पता नही |
पर मैने देखा है आज भी एक बात मां से जो भी मैने मांगा है कभी नही बोला ,नही दूगी|
सच मे , मां वो याद मे कभी नही भूल सकता |
कभी कभी मां बोलती है तुम बडा हो गया है अब सुधर जा| पर मे बोलता हू मां है तो सबकुछ है|
मुझे कोई इस संसार की बडी से बडी ताकत मेरा सामना नहीं कर सकता |
कयो कि वो मां ही है अपने बेटा के लिऐ गलत मे लड लेती है |
मां समझ मे नही आता जब भी गलती हो तुम मुझे नही डालती बस समझा के छोड देती |
अकसर मां को मैंने देखा है कि जब मेरे स्कूल जाते वक्त कितना जल्दी भाग कर टिफिन भर देती थी | ताकि मेरा बच्चा भूखा ना रहे |
मां फिर वो ही आकर टिफिन चैक करती की खाना खा लिया था या खाया नही |
मां, वही वो जो जाते वकत बैग भी भरती ताकि कोई कापी -किताब घर पे ना रह जाऐ |
वो मां आज मे कालेज मे जाते वकत ,बेटा बटुआ देख उसमे पैसा है या नही |
आखिर मां ,कया बोलू आपके लिऐ शब्द ,वो भी
हर बार हर दिन बोलना बेटा अच्छे से जाना ओर अचछे से आना |
कभी लेट हो मुझे फोन जरूर कर देना ताकि मुझे पता चल जाऐ कि आखिर हुआ कया है|
मां , आते ही बस बोलना ठीक तो है कोई दिककत तो नही हुई |
मां कया बताऊ ,
अब मे दुसरे प्रदेश जा रहा हू तो कैसे पूछोगी |
मां की आंखो मे आँसू अच्छा ,
फोन है ना मेरे पास तू कया सोचता है मुझे पता ही नही है कया
पर कया बोले मां जाते वक्त इतना साहस तो दिखाती है पर परदे के पीछे तो कुछ ओर ही है |
मां ही एक ऐसी है दिल खोलकर रख देती है |
मां ये इलक कभी नही भूलूगा |
सार --- अत:काहानी का उदेशय यह है मां तुम्हे बचपन से अपने मरण तक अपना रखती है पर कुछ बेटे .......... कया बोलू वो अपने मां -बाप को भूल जाते है |
पर आप सभी जिस जिस ने ये काहानी पढी है कृपया आप अपने मां बाप को साथ रखे | और अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे |
ताकि वो अपने दिनौ को तो कम से कम याद रख सके |
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✍✍✍ अनिल हटरिया
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