गरीब विधवा औरत और उसके बच्चे, गाँव की नौकरानी और उसकी किस्मत- भाग्य
अमीरपुर गांव में सरिता नाम की एक गरीब विधवा महिला रहती थीl
उसके दो बच्चे थे l एक लड़का और एक लड़की लड़के का नाम रोशन था और लड़की का नाम पिंकी था |
वह घरों में जाकर नौकरानी का काम करती थी l एक छोटे से किराए के मकान में रहती थीl जिस का किराया ₹200 था l जहां सरिता 2 साल पहले ही रहने आई थी l
एक दिन जब सरिता काम पर जाने लगी तो बच्चों से कहने लगी कि मैंने खाना बनाकर रख दिया है खा लेना मुझे शाम को आने में देरी हो जाएगी तब उसकी लड़की पिंकी ने पूछा कि मां हम इतने छोटे से मकान में क्यों रहते हैंl लोगों के घर तो बहुत बड़े-बड़े होते हैं lहम छोटे से मकान में क्यों रहते हैंl
तब रोशन कहता है कि हम रात में बहुत गर्मी लगती हैंऔर मच्छर भी काटते हैं | मा पंखा ठीक करवाने पर भी हल्का चलता है | तब उनकी मां बोलती है कि मुझे कोई बड़ा काम मिल जाने दो तब मैंने पंखा ले आएंगे अब ठीक है सरिता अपने बच्चों को दिलासा देकर काम के लिए चली जाती है पर इतनी मजदूरी कौन देता जिसे वह मैं पंखा ले लेती
एक दिन सरिता सोच रही थी कि क्या पता पंखा में कब तक लाऊंगा उसने सोचा कि एक खिड़की खोल देते हैं|
फिर सरिता घर की सफाई में लग जाती और एक तस्वीर कि सफाई करती रहती है| तभी पिंकी कहती है कि माँ यह तस्वीर कितनी पुरानी हो गई|
माँ इसे कूड़े में गिरा देते हैं तब रोहन करता है कि मैं इसे कूड़े में डाल देता हूं | सरिता अपने बच्चों से कहती है कि नहीं बेटा यह बहुत पुरानी है और यह मुझे मिली हुई है तब रोहन कहता है कि यह तो बहुत पुरानी हो गई है |
एक दिन उस घर का मकान मालिक सरिता के घर आता है | मकान मालिक बोलता है तब रोहन से पूछता है कि तेरी मां कहां है? तब सरिता बोलती है नमस्ते सेठ जी सब रोहन की मां बोलती है कि मैं एक-दो दिन में आपके पास आई रही थी| तब सेठ बोलते हैं तुम्हारे घर के 2,4 चक्कर नहीं लग जाते तब तक तुम किराया नहीं देती | कमरे का 6 महीने का किराया हो गया और ब्याज अलग से लूंगा और मैंने सभी कमरों का किराया बढ़ा दिया है | तो इसका भी बढ़ेगा तो अगले महीने से इसका डबल किराए हो जाएगा | तब रोहन की मां बोलती है कि मेरे पति के मर जाने के बाद मै घरों में जाकर काम करती हूं | कुछ तो दया कीजिए , सेठ जी सारे रुपए में कैसे दे पाऊंगी इन बच्चों के लिए भी दो वक्त रोटी समय पर लाना मुश्किलों जाता है |तब सेठ कहता है कि मैं क्या करूं कोई जिए या मरे मेरा भी तो कोई काम है | ऐसे लोगों पर दया करने लगा तो वह दिन दूर नहीं कि मैं खुदी सड़क पर आ जाऊंगा | मुझे कुछ नहीं पता अगले हफ्ते तक मुझे किराया चाहिए तब सेठ चला जाता है |
तब सरिता रोने लगती है | फिर सरिता काम करने चली जाती है |और फिर शाम को घर आती है |तो उससे पास ₹200 होते हैं | तब सरिता सोचती है कि अभी तक तो ₹200 ही है | हे भगवान कुछ करो तब रोहन कहता है मां क्या हुआ तुम रो क्यों रहे हो तब पिंकी बोली कि ला माँ मैं तुम्हारा सर दबा देती हूं सब सरिता कहती है कि भगवान हमारी सहायता करो सरिता कहती है कि हे भगवान मैं कहां अपने बच्चों को लेकर जाऊंगी |
तभी दरवाजे के खड़कने की आवाज आती हैं| तब सरिता अपने बेटे रोहन को दरवाजा खोलने के लिए कहती है | एक लड़का और एक लड़की रहती है | और रोहन उनको लेकर अंदर आ जाता है| तब लड़का उस लड़की से कहता है कि शायद हमने गलत दरवाजा खटखटाया है |अब लड़का बोलता है कि किसी ने बताया था कि यहां एक बड़ा होटल है | हमें लगा कि यह होटल है इसलिए हमने आप का दरवाजा खटखटा है |लड़का बोलता है जी क्या आप बता सकते हैं कि यहां आस-पास होटल कहां है |सरिता कहती है की आपको किसी ने गलत पता बता दिया है | यहां पहले एक होटल वाले ही रहते थे | तब उस लड़के के साथ एक लड़की बोलती है कि मुझे बहुत तेज भूख लग रही है| सरिता बोलती है कि यहाँ अब तक तो सारे होटल बंद हो चुके हैं |
सरिता बोलती है कि मेहमान भगवान का रुप होता है तो मैं तुम्हें कुछ खाना बनाकर खिलाती हूं | मेरे पास ज्यादा तो कुछ नहीं है | सरिता ने खाना बनाकर खिलाया और मेहमानों ने उनकी बहुत तारीफ की तब वह जाने वाले थे | तब उनकी नजर दिवार पर लगी बडी तस्वीर पर पड़ी लड़की ने उस लड़के से बोला यह तो तस्वीर खरीदना चाहती थी तब लड़की ने सरिता से पूछा तस्वीर कहां कब लाए थे तब सरिता बोली यह तो बहुत पुरानी तस्वीर जो मुझे उपहार में मिली थी | तब उस लड़की ने बताया कि इस की कीमत दो करोड़ है | तब सरिता सोच में पड़ गई लड़की ने सरिता से उस तस्वीर को खरीदने के लिए बोला
सरिता ने उसे देने के लिए हाँ कर दी और लड़की बोली कल हम सुबह आएंगे और यह तस्वीरें चाहिए तुम्हारा सारे पैसे दे देंगे तब अगले दिन सुबह आ और उन्होंने उस तस्वीर को खरीदा और दो करोड़ के जो राशि थी उसी से सरिता को दे दी जिसकी जिंदगी बदल दी | सरिता सहपरिवार अच्छे से रहने लगाी |
अतं कहते है ना किस्मत कब पलट जाऐ और भगवान कब सुन ले |
अंत व्यवहार अच्छा रखे सब काम अच्छा बन जाऐगा |||
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✍🏻✍🏻✍🏻अनिल हटरिया
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