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कया होती है बेटियाँ (घर की इज्जत)

 

कया होती है बेटियाँ (घर की इज्जत)

तारों की शीतल छाया है बेटी ,  आंगन की चिड़िया है बेटी|


बेटी 

जब - जब जन्म लेती है बेटी,

 खुशियां साथ लाती है बेटी |

                                 ईश्वर की सौगात ही बेटी ,

                                सुबह की पहली किरण ही है बेटी |

तारों की शीतल छाया है बेटी ,

आंगन की चिड़िया है बेटी|

तारों की शीतल छाया है बेटी ,  आंगन की चिड़िया है बेटी|


                              त्याग और समर्पण सिखाती है बेटी ,

                               नए नए रिश्ते बनाती है बेटी |

जिस घर जाए ,उजाला लाती है बेटी ,

बार-बार याद आती है बेटी|

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                                बेटी की कीमत उससे पूछो,

                                जिसके पास नहीं है बेटी|

बेटी ही घर का मान है |

बेटी ही घर की शान है |

कया होती है बेटियाँ (घर की इज्जत)


   बिना बेटी ये सभी सुनसान है |


जिसके घर मे नही है बेटी उससे पूछो कया होती है बेटियाँ |

जिसके घर मे नही है सजावट उससे पूछो कया होती है बेटियाँ ||


तारों की शीतल छाया है बेटी ,  आंगन की चिड़िया है बेटी|


बेटियों की इज्जत करो और बेटियों का मान बढाऐ ||

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✍🏻✍🏻✍🏻अनिल & मोनी हटरिया

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