कया होती है बेटियाँ (घर की इज्जत)
बेटी
जब - जब जन्म लेती है बेटी,
खुशियां साथ लाती है बेटी |
ईश्वर की सौगात ही बेटी ,
सुबह की पहली किरण ही है बेटी |
तारों की शीतल छाया है बेटी ,
आंगन की चिड़िया है बेटी|
त्याग और समर्पण सिखाती है बेटी ,
नए नए रिश्ते बनाती है बेटी |
जिस घर जाए ,उजाला लाती है बेटी ,
बार-बार याद आती है बेटी|
बेटी की कीमत उससे पूछो,
जिसके पास नहीं है बेटी|
बेटी ही घर का मान है |
बेटी ही घर की शान है |
बिना बेटी ये सभी सुनसान है |
जिसके घर मे नही है बेटी उससे पूछो कया होती है बेटियाँ |
जिसके घर मे नही है सजावट उससे पूछो कया होती है बेटियाँ ||
बेटियों की इज्जत करो और बेटियों का मान बढाऐ ||
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