बहन के (घर) ससुराल मे उसका भाई |
भाई -भाई कहकर वो बहन कहती है | ना ना करके सब -कुछ सहती है | भाई मै तो अब भी ठीक रहती हूँ |
जब जब मेरा भाई घर आता है | खुशियो से मेरा दिल भर जाता है | भाई ये मेरा घर है ये मेरा परिवार है|
भाई के खाने मे कोई कमी ना रह जाऐ | ये मेरा दिल बार बार कहता है |
भाई को अपना मकान दिखाऊगी | भाई को अपनी कामयाबी दिखाऊगी | भाई तू कभी घर तो आ मे तुझे पनीर. - सब्जी खिलाऊगी |
भाई तूझे ना मै जाने दूंगी | एक ससुराल मे भाई आ गया तो सारा संसार आ गया | मानो, के मेरे परदे का सब दुख चला गया | मै खुश हूँ तू ,पर बार- बार दो -चार महीने मे आ जाया कर | कयोकि में तो आ नही सकती क्यूकि तेरे जीजा के भी यहां काम बहुत है | कभी कही जाना कभी कही | पर तू जब भी पास से तू जाये दो -चार मिनट तो आ जाया कर ||
तेरे आने से संसार खिल उठता है | जहां मुझे कभी कभी खुश ना लगता तो मेरा दिल थोडा सा बहला जाता है |
भाई जब तू घर आ रहा होता है तो ऐसे लगता है कि सब कुछ भाई, बहन के ससुराल लेकर आ रहा होता है |
वो मां - बाप का गुस्सा , वो दोनो भाई -बहनो का जोडा , यादो मे आता है | बस तू आ जाया कर कहके बहन अपने भाई से सब कुछ बता देती है ||
सब खुश हे परिवार भी एक दम मस्त भाई को ये कहकर. भाई को अपने घर भेज देती है |
बस ये कहकर बहन भाई से अच्छे से रहना ये कहकर अपना दुख भर लेती है|
अत: काहानी का शीर्ष यही है कि भाई -बहन का प्यार यही है | अपने भाई ,बहन और परिवार को खुश रखे |खुशहाल रहे |
दुसरो के बजाय अपनौ को खुश रखो | अपने परिवार को खुश रहे और रिश्ते नाती को भी खुशहाल रखे ||
जय हिंद ,वन्दे मातरम्
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