वक्त नहीं !!
जिंदगी कितनी व्यस्त हो गई है ,
कि अपने आप के लिए वक्त नहीं ,
हर खुशी है लोगों के दामन में,
पर एक हंसी के लिए वक्त नहीं ,
सो के उठता हूँ रूकने का समय नही ||
दिन-रात दौड़ती दुनिया में,
जिंदगी के लिए वक्त नहीं,
मां की लोरी का एहसास तो है,
पर मां को मां कहने का वक्त नहीं ,
मां को हर बार बोलता हूँ
फोन करूगा पर वक्त नही |
सारे रिश्तो को हम मार चुके हैं,
अब उन्हें दफनाने का वक्त नहीं ,
सारे नाम मोबाइल में है,
पर दोस्तों के लिए वक्त नहीं
गैरों की क्या बात करें ,
जब अपनों के लिए ही वक़्त नहीं ,
आखों में है नींद बड़ी ,
पर सोने के लिए वक्त नहीं,
दिल है गमों से भरा हुआ पर ,
रोने के लिए वक्त नहीं ,
पैसों की दौड़ में ऐसे दौड़े ,
की थकने के लिए वक्त नहीं ,
पराया एहसासों की क्या कदर करें ,
जब अपने सपनों के लिए वक्त नहीं ,
दिल में बहुत बातें हैं बताने के लिए ,
लेकिन बताने के लिए वक्त नहींl
सच तो ये है ना की हम इतने कमजोर हो गये |
कि उठ कर बिस्तर से घूमने का वक्त नही ||
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