पिता मेरा साहस मेरी इज्जत मेरा सम्मान है पिता |
मेरी ताकत मेरी पूंजी मेरी पहचान है पिता |
घर की एक 1 ईट में शामिल है उनका खून पसीना |
सारे घर की रौनक उनसे सारे घर की शान है पिता |
मेरी इज्जत मेरी शोहरत मेरा रुतबा मेरा मान है पिता |
मुझको हिम्मत देने वाले मेरा अभिमान है पिता |
घर की चौखटो पर नाम है पिता ||
सारे रिश्ते उनके दम से सारे और बातें उनसे है |
सारे घर के दिल की धड़कन सारे घर की जान है पिता |
शायद रब ने यह देख कर भेजा फल अच्छे कर्मों का |
उनकी रहमत उसकी बेहमत उनका है वरदान पिता |
अपने कर्मो का गुरूर हे पिता ||
पिता कितना प्यार करता है |
वह बच्चों को दिखाता नहीं ||
बच्चों के लिए करता है मेहनत मजदूरी
कभी शर्माता नहीं है |
जिम्मेदारियों का बोझ है
वह कभी घर पर बताता नहीं है
पिता के लिए कोई शब्द ही नहीं है |
इसलिए कोई लिख पाता ही नही है |
पापा वो घर की चौखट है |
जहां रहता है उसका परिवार वहाँ|
बच्चो से कम लाड प्यार दिखाता है पिता ||
पता नही वो इतना कम कयो मुस्कराता है पिता |
परिवार का बोझ वो कभी दिखाता ही कयो नही पिता |
दो कपडे जोडी रखकर कयो वो
अपने परिवार को हाल अपना बताता नहीं|
घर पर मां -मां ,पर पापा को कयो जताता नहीं |
किस्मत मे कयो लिखा पापा बनना कयो वो अपना
हाल किसी को सुनाता नहीं|
उलझा रहता है पापा कमाने मे कयू वो |
अपने साथ काम करने के लिऐ ले जाता नहीं|
पापा पापा घर पे बोले, कयू कोई बच्चा इतना कह पाता नही ||
पिता एक वरदान है ,पिता है भगवान है |
किसी से पूछो तो पापा एक रामबाण है |
पापा के लिऐ लिखी हुई ये दो पंक्तियां अच्छी लगे तो शेयर,कामेंट जरूर करे |||
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