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तुम्हें देखे बिना मेरी ये जिंदगी  ( माय लव) मेरी जान 

 तुम्हें देखे बिना मेरी ये जिंदगी  

( माय लव) मेरी जान 


रूह तेरे भी छू जाता है जब तुम छोड के तुम जाती हो


मेरी बैचैन आँखो का ,ये  इंतजार जाता नहीं है |

तुम्हें देखे बिना ' प्रीत' का करार आता नहीं है |

हवा भी छेडती है , दस्तक ए दहलीज से हमें 

तेरी यादों की कैद से  फरार होना आता नहीं है |

 कर लाख सजदे कितनी मन्नतों  के बांधो  ताबीज ,

तेरी शिद्दत ऐ  मोहब्बत सा खुमार आता नहीं है  |

दुनिया की भरी महफिल में , रिश्तों की भीड़ में

 तुझसा  दिलकश   प्यार किसी पर आता नहीं है  |

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तुमसे कभी रूठ भी नही पाऊगा |

कह कह थकता नही हूँ प्यार हूँ बस तेरा ,

फिर किसी को बता भी नही पाऊगा |

समझता हूँ हर बात तेरी पर ,

कुछ बात मे भी अलग ना रह पांउगा |

बात मान मेरी मुझे रूला के मत जा फिर 

तेरे जैसा प्यार और किसी से ना कर पाउंगा |

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  पूछोगे तो कह भी ना पाऊंगा ,

और बिना कहे रह भी नहीं पाऊंगा

 तू दरिया , तू ही कश्ती मेरी ,

 तुम्हारे  बिन मैं ढह नहीं पाऊंगा ...

मेरे घर की दर और दीवार तुम ,

 तुम्हारे बिना ढह भी नहीं पाऊंगा  |

पी गया मैं तल्खी जमाने की ,

 तुम्हारी बेरुखी सह  भी ना पाऊंगा

 तुम्हारी बेरुखी सह भी नहीं पाऊंगा ||

रूह तेरे भी छू जाता है जब तुम छोड के तुम जाती हो


तुम्हारे देखे बिना मन नही भरता |

मन को किसी और से ना मिला पाऊगा |

ज्यादा गुस्सा  मत किया कर मेरी जान ,

तुझे अपनी जान से छुडा नही पाऊगा ||

तुम्है देखे बिना ये सवेरा निकाल नही पाउगा ||

रात को सो जाता हूँ तकिये को जान बनाकर |

फिर अगली सुबह जान को देख नही पाउॕगा |

और तुम्हे देखे बिना  मेरी ये जिंदगी ,

में जी नही पाउंगा  ||

और तुम्हे देखे बिना  मेरी ये जिंदगी ,

में जी नही पाउंगा  ||



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✍🏻✍🏻✍🏻 अनिल हटरिया






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