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एक बाप फिर से रो पडता है सबको दुखी 😥 देखकर ||

 अक्सर बाप भी रो पडता है,

बेटा को दुखी देखकर ,

अपने आप ही रह जाता है |

सबको खुश देखकर ,

मन मे अति पीडा ,

तन मे इतना सारा  घाव देखकर ,

अकसर बाप भी रो पडता है |

बाप  फिर से रो पडता है |  सबको दुखी  देखकर |  एक बाप  फिर  से रो पडता है   सबको दुखी 😥 देखकर ||


बेटे को अकेला देखकर ,

बाप बस चुप रह कर सह लेता है |

इतने से इलजाम देखकर ,

अकसर हर बात को सबके साथ ना साझा करके ,

अपने आप ही ये गम पी के ,

बाप सबकुछ सह लेता है|

अकसर बाप सबकुछ सह लेता है |

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बेटे को दुखी देखकर ,बेटी की जवानी देखकर ,

एक बाप अकेला रहकर 

इतने सारे दुख देखकर ,

एक बाप सबकुछ सह लेता है |

अपने परिवार के हालात देखकर,

एक बाप भी रो लेता है 

अपने को एक अलग से कोने मे देखकर,

अपने को एक अलग से  कोने मे देखकर ,,

एक बाप सबकुछ सह लेता है |

बाप  फिर से रो पडता है |  सबको दुखी  देखकर |  एक बाप  फिर  से रो पडता है  ,


अपने पूरे परिवार के लिऐ कुछ भी कर लेता है |

जब साथ नही मिले अपने  जीवन साथ का ,

तब अपने आप ही घूट घूट के मर जाता है |

जब साथ नही  मिले अपने बाप का ,

तो टूट टूटकर अलग हो जाता है |

जब साथ ना मिले अपने बेटे का तो ,

अपना दिल छोटा कर लेता है |

जब साथ ना मिले परिवार का तो ,

फिर जिंदगी से अधर कर लेता है ||

एक बाप  फिर से रो पडता है |

सबको दुखी  देखकर |

एक बाप  फिर  से रो पडता है 

सबको दुखी 😥 देखकर ||




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✍🏻✍🏻✍🏻अनिल हटरिया

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