सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बाप की एक दुखभरी काहानी

 बाप की एक दुखभरी काहानी 



यह काहानी आपको रुला देगी | एक समय की बात है जब पति व पत्नी घर में  रहते थे | उसके मां बाप कुछ वर्ष पहले  चल बसे थे |

बुढापे में बाप व बेटा


  अब घर में वो अकेला व उसकी पत्नी समय यापन करते थे | उसके बाद उन्होने बहुत मेहनत की घर को संभाला |

बाद मे घर का खर्चा निकालना सीखा |इस कडी परिस्थिति में भी उसने व उसकी पत्नी ने साथ नही थोडा   और कुछ समय बाद में उनके एक पुत्र की  की घर परापति  हूई |

  घर में अच्छे से जीवन यापन होने लगा |

बेटा को बाहर पढने भेज दिया जिसे वो अपने आगे घर को अच्छे से चला सके | बाद में उसकी पत्नी कुछ दिन बाद चल बसी | और फिर अकेला बाप घर में बैठा रह गया | 

बेटा आया और कुछ दिन बाद फिर से पढने चले गया ||

    बाप अकेला घर में रहा ओर सौचा की बेटा तो है ना जो मुझे अच्छे से रखेगा | दो साल बाद वो उसका लडका घर आ गया | फिर उसने व उसके बाप का दिन अब अच्छे से चलने लगा और जीवन यापन करने लगा | 

   बाप को खुशी हुई की अब मेरा बेटा मेरा नाम करेगा |

अच्छे दिन आऐ और बेटे का अच्छे पद पर सलेक्शन हो गया | और बाप के साथ अपने बडे ही आलीशन घर में रहनाऔर खाता पीता |

   जैसे जेसे समय बीता उम्र बडी लडके ने अपने मन पसंद से शादी कर ली | पर बाप को फिर भी कोई दुख नही था कि अपने मनपसंद का शादी किया | उसके बाद घर में बेटा ,बहू और खुद रहने लगा | अब जिस आलीशान घर में सभी साथ रहते थे | अब बेटे ने अपने बाप को कोने वाले कमरे में सामान रखकर बोला ,पापा अब आप इस कमरे में रहीऐ और आपका खाना पीना यही से होगा | 

Buy Now  

https://amzn.to/3Skfgpt


बेटे की बात सुनकर बाप सुन का सुन रह गया | बाप देखता रहा ओर सुनता रहा वाह रे जिंदगी कया जिंदगी जी रहा हूँ मैं ,

मन ही मन सोचता रहा | उसके बाद वह उस कमरे में बैठा रहता और वो बेटा के बारे में सोचता रहा कि बेटा कब आऐगा मेरे से बात करेगा ,कब मुझे बोलेगा की पापा आप ठीक हो या नही ,

   पर वो बेटा कभी कमरे पर नही आता अपनी डयूटी जाता और फिर अपने कमरे में आ के सौ जाता | फिर ये एक साल तक ये बाप देखता रहा और कुछ नही बोला | बाद में एक दिन उसने निणृय लिया आज तो में जाता हूँ अपने कमरे से बाहर बेटा,बहू के पास |

   पर वो गया बेटा ,बहू के पास तो उन्होने ना खुशी देखा ब्लिक दुखी से हुऐ मुझे देखकर | फिर जो आलीशान मकान बाप ने बनाया था अपनी पत्नी के साथ मिलकर आज वो बंद कमरे की तरफ देखकर सोचा और बेटे को बौला ,बेटा आपकी शादी हुऐ एक साल से उपर हो गया आप दोनो छुटटी लेकर कही घूमने चले जाओ और देश दुनिया में भ्रमण कर के आ जाओ |

   बाप की ये बात सुनकर बेटा खुश हुआ और अगले दिन ही जाने का प्लान तैयार हो गया | उस बाप को बिना बताऐ अकेले कमरे में छोडकर घूमने निकल गये | 

बाप की आँखो में आँसू थे और अंदर ही अंदर रोया और बोला वाह मेरे शेर बस ये ही था तेरे बचपन का प्यार |||


     अब बाप ने निणृय लिया की जहाँ मेंने ये बंगला बनाया है कया एक बंद कमरे में रहूगा |

   बाप ने शहर जाकर परोपटि डीलर के पास गया और बगले को बेच दिया | और सारा समान एक पास के किराये के मकान पर रख दिया और चाबी उसके मालिक को दे दी और बौला अगले हफते मैरा बेटा ,बहू आऐगे उनको ये चाबी  दे देना और मेरे बारे में कुछ मत बताना |

बाप की एक दुखभरी काहानी


    फिर वो सामान ,चाबी एक अधेरे वाले कमरे में रखकर वाला से चला गया | बाप अब वहाँ से चला गया कुछ दिन बाद वहाँ आया तो उसने देखा की घर पे तो किसी और ने कब्जा किया हुआ है | वहाँ जाकर बोला ये घर तो हमारा है चलो यहाँ से निकलो तो मालिक ने बोला कौन सा घर है तुम्हरा| तुम यहाँ से निकलो फिर  मन ही मन ये सोचा की ये कया हुआ  पति पत्नी वहाँ से सिर झुका के निकल गये और गली में गर्दन झुका के चलने लगे |

Buy Now 


 जमीन आसमान एक सा हो गया और पत्नी को देखकर बोला सामान भी नही है | फिर पडोस वाले सज्जन ने बुलाया और बंद कमरे की चाबी दी | उसने देखा सामान अस्त वस्त पडा था | 

और बोला ये कया हो गया |बडी मुसिबत आई 

  मुझसे कुछ भारी गलती हुई है कया ||ये अपनी पत्नी को कहने लगा | देखो हम किसी गलती का दुख भोग रहे है | मेरे पापा भी नही है यहाँ जिनहे में अकेला छोड के चला गया था |

पापा ,पापा चिलाने लगा और रोने लगा ||



        अत : ये बाप ने सही किया या नही | आप जरूर टिपण्णी करे ||

 मां - बाप भगवान है घर में घर उन्हे भगवान  की तरह मान्यता दे खुलकर जिये और अपने मां बाप को साथ रखे ,साथ हसांऐ | खाना खाये पीये साथ घूमने जाऐ , जिस तरह बचपन मे हमे मां बाप बिना मन नही लगता था इसी तरह अब बुढापे में उन्हे भी आपकी जरूरत होती है |

  अब वो बोलकर बता सकते है पर कह नही पाते है ||



 काहानी अच्छी लगे तो शेयर जरूर करे ||


धन्यवाद ✍🏻


ये काहानी भी पढे

यहाँ पर Click करे पढे और ढेर सारी कहानियां





✍🏻✍🏻✍🏻 अनिल हटरिया

....

..

.




टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक माँ की सच्ची दर्द भरी कहानी घटना! एक मां की दुखभरी कहानी सच मे रो जाओगे

एक माँ की सच्ची दर्द भरी कहानी घटना एक काहानी ऐसी ही है जो कि ऐसी पर थोडी अलग है वो भी देखे .. Click Here यदि काहॎनी  सुन के आंखो मे आंसू ना आये तो आप अपनी मां को बोल देना मां तुम मुझे पंसद नही हो !           😪😴😓🤤😥     मेरी माँ की सिर्फ एक ही आँख थी और इसीलिए मैं उनसे बेहद नफ़रत करता था | वो फुटपाथ पर एक छोटी सी दुकान चलाती थी |   उनके साथ होने पर मुझे शर्मिन्दगी महसूस होती थी | एक बार वो मेरे स्कूल आई और मै फिर से बहुत शर्मिंदा हुआ | वो मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है ? अगले दिन स्कूल में सबने मेरा बहुत मजाक उड़ाया | मैं चाहता था मेरी माँ इस दुनिया से गायब हो जाये | मैंने उनसे कहा, 'माँ तुम्हारी दूसरी आँख क्यों नहीं है? तुम्हारी वजह से हर कोई मेरा मजाक उड़ाता है |   तुम मर क्यों नहीं जाती ?' माँ ने कुछ नहीं कहा | पर, मैंने उसी पल तय कर लिया कि बड़ा होकर सफल आदमी बनूँगा ताकि मुझे अपनी एक आँख वाली माँ और इस गरीबी से छुटकारा मिल जाये | उसके बाद मैंने म्हणत से पढाई की | माँ को छोड़कर बड़े शहर आ गया | यूनिविर्सिटी की डिग्री ली | शादी की | अपना

बहन की 😭विदाई 😓😭

  बहन की 😭विदाई 😓😭   बहन बहुत याद आती है जब मैने अपने हाथ से तेरा हाथ  दुसरे के हाथो मे पकडा दिया |  बस एक बात सोचकर की मेरी बहन खुश रहेगी और कोई कभी दुख नहीं देखेगी |        बहन की शादी से पहले मे ये बोलता था कि मै नही रोऊगा , नही शादी मे ,आखिर कयो वो दिन  कयो आ जाता है | कि एक कदम और एक सांस तक नही बोली जाती |     बहन  बस अब वो दिन ही याद आता है कि आपको अपने घर से जब स्टेज तक चार भाई आपको किसी के हवाले कर देते है |       आप कैसे चल रहे थे  ये तो पता नही पर मेरे पाव आगे नही फट रहे थे| और 20 कदम चलना इतना मुशिकल था | जैसे कि हम कहा और किस रास्ते पर जा रहै है |       जब हमने अपनी बहन को किसी के हाथ मे हाथ रखवाकर उनको स्टेज पर बिठा दिया | ये नही पता था कि वो कैसे होगे और किस तरह के होगे | पर कैसे रहेगी मेरी बहन 😥|       बहन जब वो मंडप पर सात चक्कर लगवाना तब तब ये लगता था कि कितना सच करेगे और कितने सच रहेगी|     बहन एक  वो जब पडिंत के दवारा चार वर को मनवाना कि आप इनके बिना बोले कही नही जाऔगी एक बार ना बोल दिया तो नही |       बहन और आपने एक इटके मे हां कर दिया और मै देखते ही देखते रह ग

पापा की उम्मीद ,मेरा कंधे पर मेरा बेटा |

पापा की उम्मीद ,मेरा कंधे पर मेरा बेटा | हर मां बाप अपनी औलाद को इतने लाड प्यार से बडा करते है| हर शौक अपने साथ पूरा करते है|    नजर एक जगह से दूसरी जगह जाती है  उसकी नजर भी हमारे उपर रहती है|   मां बाप हमारे सबसे बडे भगवान है|  आज इस काहानी मे आज मेरे पापा की उम्मीद ,सोच व लगन पर कलम लिखता हू,    पापा औ मेरे पापा ?? जब मे बचपन मे था |कया कया उममीदे जागा करती थी|   बोला करते  थे हमेशा कंधे  पर पड के ,,,, पापा ,कंधा तोड दिया चल नीचे पड😁😁,   अब मेरा बेटा मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा | जब कंधे पर खडा हो गया | ओर मुझे कहने लगा | देखो पापा, मे तुमसे बडा हो गया |    कया मजाक ओर कया हंसी थी | मेरे पापा ने मुझे कहा | बेटा इस खुबशुरत गलतफहमि को भले ही जकडे रखना|   मगर मेरा बेटा मेरा हाथ पकडे रखना|  जिस दिन ये हाथ छुट जाऐगा | उस दिन बेटा तेरा ये रंगीन सपना भी पूरा हो जाऐगा|    अब मेरे पापा मेरे को मुझे समझाते है|  दुनिया वासतव मे उतनी हसीन नही|  देख बेटा ये रंगीन सपना ना टूट जाऐ, देख तेरे पाल तले जमी नही है| अभी कंधा का सहारा है,   बाप तो खुश है इस बात से की बेटा