बहुत बदल चुका हूँ |
अपने को अपनो से अलग कर चुका हूँ |
रास्ता अजमा लिया है हर कदम आगे बढने का ,
कसम खा लिया है भगवान की ,
रास्ते अब सब नये देख चुका हूँ ,
समझदार नही अब सब समझ चुका हूँ ,
अपने को अपनो से अलग कर चुका हूँ |
कामयाबी के रास्ते पर आने के रास्ते देख चुका हूँ|
मतलबी लोगो से अपनी आस छोड चुका हूँ |
कुछ समझा और कुछ समझा लिया अपने दिल को ,
कुछ समझने की बारी देख चुका हूँ |
में अपने को अपनो से अलग कर चुका हूँ |
माडे कर्म , माडे मेरे हालात ,
कुछ सख्त लोगो से अपनी जिदंगी हटा चुका हूँ ,
अब याद नही मुझे कौन आया और कौन गया ,
अपने को अपनो के साथ समझा चुका हूँ |
में मतलबी लोगो से दूर जा चुका हूँ ||
मेहनत करके रोटी कमाई ,
अब अपने पाँव पर खडे होकर देखने के दिन मे आ चुके हू |
में अपने को अपनो से अलग कर चुका हूँ |
कर्म मेरे बढिया निकले ,कुछ कर्म घटिया निकले ,
कुछ में तो पेट - पाप भी निकला |
अब असली रास्ते पर आ चुका हूँ |
सब भूल के अब नये रास्ते पे जा चुका हूँ |
अब याद नही आती ,ना याद सताती |
कयो- कि जिदंगी के अच्छे दिन भी बुरे वक्त से गुजार चुका हूँ |
में अब अपने को अपनो से अलग कर चुका हूँ |
रहना सीख लिया ,जीना सीख लिया |
आऐ अकेले थे पर अब हजारों के दिलो में
दस्तक🙌 दे चुका हूँ |
अब बहुत कुछ नऐ सपने देख चुका हूँ ,
अब बहुत कुछ नये 😇अपने देख चुका हूँ ||
दो पैसे लेकर जिदंगी भर बैठे रहना ,
जिदंगी में अपने को अपनी जिदंगी से खो देना ,
कुछ समझ आऐ तो मोह लेना ,
अपने तो अपने है पर जिदंगी में कुछ अच्छे ढूढ लेना |
मेंरी जिदंगी के अच्छे- बुरे पल तो गुजर गये ,
पर मेरे को मेरे से अलग कर देना ||
अपनी राह को मां के नाम कर देना ,जिदंगी के अच्छे सूकून बाप के संग कर देना |
अब में तो बहुत बदल चुका है |
अपने को अपनो से अलग कर चुका हूँ ||
अपने को अपनो से अलग कर चुका हूँ ||
सहयोग- कर्ता✍🏻✍🏻 🤗-
मेरा रसगुल्ला हिमांशु❣️ हटरिया व मेरी लाडो जानवी चौहान❣️ & लाडू भविष्य चौहान❣️
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