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हम तो मस्त है अपनी दुनिया में , किसी की ना हमे फिक्र रही , हुऐ ना वो अपने तो फिर भी उसका जिक्र हुआ

 हम तो मस्त है अपनी दुनिया में ,

किसी की ना हमे फिक्र रही ,

हुऐ ना वो अपने तो 

फिर भी  उसका  जिक्र हुआ ||

खेलते थे मस्त एक दम

अब वो रास्ते से कयू गायब रहा |

उडान लेनी तो ले लेते ,

हमसे फिर ये प्यार कयू हूआ |

जिक्र हुआ फिर से इस दूनिया में 

फिर भी तुम्हारी फिक्र ना रही|

मैने चाहा तुम को बस तुम ही ,

फिर अब वो रास्ते से कयू जा रही  |

 हम तो मस्त है दुनिया में ,

फिर भी तेरी फिक्र हमे कयो रही ||

हम तो मस्त है अपनी दुनिया में ,  किसी की ना हमे फिक्र रही ,  हुऐ ना वो अपने तो   फिर भी  उसका  जिक्र हुआ


आँसू आये भर भर के 

फिर ये नींद कयो ना आ रही |

हुऐ सपने आधे झुठे 

फिर भी तेरी याद कयो रही |

हम तो मस्त है अपनी दुनिया में 

फिर भी तेरा ये जिक्र कयो रहा |

सभांल नही पाऊगा |

ये बोल बोल के कयू ये सारी 

राते आंखे खोल खोल के इंतजार कर रही |

चल जा अब सपना , सपना का 

अब तो इंतजार ही कयू रहा |

खत्म हुआ ये मतलब 

तो हमारा फिर प्यार कयू रहा |

अब हम मस्त है इस दूनिया में 

ये बोल बोल कर दिल पर कयू 

इंतजार रहा ||

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लिख दी कविता तेरे नाम की ,

फिर भी तुझे इतबार कयू ना रहा |

हो सकते आपके पाने वाले 

बहुत होगे | पर प्यार करने वाला 

ये अनिल हटरिया ही कयू रहा |

चल जा अब जी ले तेरी जिंदगी ,

फिर मुझे भी अब तुमसे प्यार कयू रहा ||

चल जा अब जी ले तेरी जिंदगी ,


हम तो मस्त है इस दूनिया में ,

फिर भी तेरा इंतजार कयू रहा |

जिससे तेरी फिक्र रही ,

फिर उससे तो तुझे प्यार ही नही हुआ |

जिंदगी बिगाडी है उसने 

ये बोलकर भी तुझे अपने से लगाव ना रहा ||

मानता हूँ तुझे कुछ और पंसद है 

फिर अब मुझे भी तेरा इंतजार कयू रहा |

हम तो मस्त है अपनी दुनिया में ,

फिर भी तेरी फिक्र हमे कयो रही ||

हम तो मस्त है अपनी दुनिया ,

फिर भी तेरा जिक्र कयू रहा ||




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✍🏻✍🏻✍🏻 अनिल हटरिया




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