दादी पोता की रोचक काहानिया दादी का पोता वो माँ माँ कह कर पुकारता है | ना जाने वो कयो इस दादी माँ की गोद में जा बैठता है | कयो वो दादी का कहा मानता है | कयो वो दादी का लाडला बन गया , पता नही || कयो वो दादी की गोद में जा बैठता है | दादी कया खिलाती है जो दादी का लाडला बन गया है | दादी कया पिलाती है जो दादी की गोद में जा बैठता है | दादी पोता की बात कभी खत्म ही नही होती कयो वो पोता दादी को अपने बडे होने की काहानी सुनाता है | दादी में अच्छा से पढूगा , दादी में बडा अफसर बनूगा | दादी में तुम्हे बाहर घूमाऊगा | दादी भी अपने पोते की लाडली हो गयी है | कयो वो अब बेटे की फिकर कम और पोते की ज्यादा करने लगी है | अब तो ये एक ही लाडला है जिससे में खाने के लिऐ बोलेती है | | कयो पता नही अब पोते को लेकर हर जगह घूमाती है | शहर से पता नही कयू वो अब पोते का अलग से खाने का ले आती है | कयो वो दादी अब पोते को ही खिलाती है | पोते की हर छोटी छोटी बात बडी ध्यान से सुनती है कभी कभी एक जगह बैठकर बडी बडी कहानियां सुनाती है | कभी कैसे में पढी घर की सारी काहानियां बताती है | कैसे अपना घर बनाया ,कैसे घर को म
Emotional Story with My Pain & Tear