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मुझे बस एक ही चहिऐ | अपना हो बस किसी और का ना हो , बस ऐसा चहिऐ |

 मुझे बस एक ही चहिऐ |

अपना हो बस किसी और  का ना हो  ,

बस ऐसा चहिऐ |

अपना बस एक चहिऐ |

मां जैसा बर्ताव करे ,

बहन जैसा लाड प्यार ,

बाप जैसा इंतजार ,

भाई की जैसा सोच के  ,

एक चहिऐ ,

मुझे बस एक ही चहिऐ |   अपना हो बस किसी और  का ना हो  ,   बस ऐसा चहिऐ |


ना किसी की सुने, बस अपना एक साथ

चहिऐ |

घर को अच्छे से चलाऐ ,

बस ऐसा एक प्यार चहिऐ |

छोटी सी बात पर घर ना छोडे ,

बस इतना सा एक प्यार चहिऐ |

दिन की बात मुझे , पूरी बताऐ ,

रात को आराम ना लगे तो दिल मेरा भी दुखाए |

बस एक ही चहिऐ ||

शक की बात नही शक तो 

100 प्रतिशत भी करे ,

पर इतबार किसी दूसरे पर ना करे ,

कहे की बात ना किसी की सुने ,

सुने समझे और समझ के फिर मुझे समझाऐ ,

कही प्यार नही हो वहाँ गुस्सा दिखाऐ 

पर ना किसी दूसरे का गुस्सा मुझ पर  दिखाऐ ,

शाम को थोडी सी चाय पिला दे |

आराम ना मिले तो मुझे सुला दे |

बस मुझे एक चहिऐ ,

तेरे सिवाय ना कुछ और चहिऐ |

घर मे रहे घर की बात ना किसी को ना सुनाऐ ,

बस तेरे जैसा ही बस एक चहिऐ |

बच्चो की मस्ती की काहानी सुनाऐ ,

घर आकर के बच्चो के संग खेले |

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कभी गुस्सा तो कभी रूसी कर के दिखाऐ |

इतना ना माने तो बच्चो सा मन बनाए ,

 बस एक ही चहिऐ, वो बस दिल 

का अच्छा  चहिऐ !  

समझने वाला हो तो ,

 ना समझ वालो से  तो दूर रहे |

कभी आकर वो मेरी बाहौ में सो जाऐ ,

घर से हर बात पुछे , मेरे सिवाय किसी के ना हो ,

बस एक ही चहिऐ |

सिर्फ एक वो ही चहिऐ ||

बस सिर्फ एक चहिऐ |||



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✍🏻✍🏻✍🏻 अनिल हटरिया

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