मुझे बस एक ही चहिऐ |
अपना हो बस किसी और का ना हो ,
बस ऐसा चहिऐ |
अपना बस एक चहिऐ |
मां जैसा बर्ताव करे ,
बहन जैसा लाड प्यार ,
बाप जैसा इंतजार ,
भाई की जैसा सोच के ,
एक चहिऐ ,
ना किसी की सुने, बस अपना एक साथ
चहिऐ |
घर को अच्छे से चलाऐ ,
बस ऐसा एक प्यार चहिऐ |
छोटी सी बात पर घर ना छोडे ,
बस इतना सा एक प्यार चहिऐ |
दिन की बात मुझे , पूरी बताऐ ,
रात को आराम ना लगे तो दिल मेरा भी दुखाए |
बस एक ही चहिऐ ||
शक की बात नही शक तो
100 प्रतिशत भी करे ,
पर इतबार किसी दूसरे पर ना करे ,
कहे की बात ना किसी की सुने ,
सुने समझे और समझ के फिर मुझे समझाऐ ,
कही प्यार नही हो वहाँ गुस्सा दिखाऐ
पर ना किसी दूसरे का गुस्सा मुझ पर दिखाऐ ,
शाम को थोडी सी चाय पिला दे |
आराम ना मिले तो मुझे सुला दे |
बस मुझे एक चहिऐ ,
तेरे सिवाय ना कुछ और चहिऐ |
घर मे रहे घर की बात ना किसी को ना सुनाऐ ,
बस तेरे जैसा ही बस एक चहिऐ |
बच्चो की मस्ती की काहानी सुनाऐ ,
घर आकर के बच्चो के संग खेले |
कभी गुस्सा तो कभी रूसी कर के दिखाऐ |
इतना ना माने तो बच्चो सा मन बनाए ,
बस एक ही चहिऐ, वो बस दिल
का अच्छा चहिऐ !
समझने वाला हो तो ,
ना समझ वालो से तो दूर रहे |
कभी आकर वो मेरी बाहौ में सो जाऐ ,
घर से हर बात पुछे , मेरे सिवाय किसी के ना हो ,
बस एक ही चहिऐ |
सिर्फ एक वो ही चहिऐ ||
बस सिर्फ एक चहिऐ |||
...
..
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