वो मेरी थी मेरी है मेरी रहेगी |
वो मेरी है मेरे बिना नही रह सकती |
वो मेरी थी मेरी है मेरी रहेगी |
वो मेरी है मेरे बिना नही रह सकती |
वो मेरी है में भी उसके बिना नही रह सकता |
ये बंधन है प्यार है |
में कैसे उसके बिना रह सकता |
मेरी जान मेरी मेहमान मेरी शान है वो
में कैसे उसके बिना रह जाता ,
एक प्यार है और एक ही दिल है |
सिर्फ तुम्हारे लिऐ ही बस ये धडकता |
ना किसी ओर देखू बस तुझसे ही मन भरता ||
ना कमी निकालू , ना कभी ये बोलू
की में तेरे सिवाय रह सकता |
कैसे बोलू की तुम नही हो ,
मेरी जान ,
कसम है इस भगवान. की
कैसे में किसी को अपनी आंख उठाकर देख सकता |
तुम्हे समझा कर रखू
ये मेरा काम है |
दुसरे तुम पे नजर उठाके देखे ये
तो गलत बात है ||
मेरी जान ,
जिंदगी परीक्षा जरूर लेती है |
कभी अपना बनके ,तो कभी दूसरे का बनकर ,
पर इतना जरूर देखना की कौन अपना है और कौन
पराया है |
एक समय ऐसा आता है कि
ना तुम मुझे देखोगी , ना में तुझे देखूगा ,
पर इस मोड पर तुम साथ मत छोड जाना ,
मुझे तो बहुत विश्वास है
ना तो तुम मेरे सिवाय किसी और की हो जाओगी|
ना तुम्हारा किसी और के साथ
तुम्हारे से दिल लग जाऐगा |
मानता हूँ वो मेरी है मेरे अलावा
किसी की नही हो पाओगी ||
एक बार तो तुम सोच लेना की
में किससे दूर जा रही हू ,
पर जान ध्यान रखना इस बात का की ,
समय निकलने के बाद पेडो की तरह
पेडो पर फल तो कहाँ ,
फूल भी नही मिलता ||
ठीक है मेरी किस्मत अच्छी है ,
जो तुम मिली ,
वरना कर्म की माया है ,
इस पे ना तो कोई अपना है ना ही कोई पराया ,
जोडी एक बार ही बनती है |
बार बार तो ये जोडी भी अच्छी नही लगती |
मेरे बिना तुम रह सकती तो हो ,
तुम बोल दो ,
वरना बार बार तो ये भी कहना अच्छा नही लगता |
तुम बस मेरी हो ,
तुम मेरी है मे तुम्हारे बिना नही रह सकता |
मेरी प्यारी जान (लव) पत्नी
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