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एक साहस मजदूर (साथी ही साथ निभाता है) की काहनी!!!

एक साहस  मजदूर ( साथी ही साथ निभाता है) की काहनी!!! प्रणाम,        मै  आपको गांव मे रहने वाले जुगल की कहानी सुनाने जा रहा हु| जो की आंवला  (म.प्र।) भारत का  निवासी  है | जुगल अविवाहित है| वाह का सच्चा और नैक लड़का है| जो की बहुत मेहनती और कुशाल भी है | जुगल मजदुरी करता और खूद के घर का पलन और देख रेख बी| मै अपके सामने उसकी सच्ची घटना लेकर आया हूँ |              जुगल रोज के जैसे मजदुरी के लिए संतोष के साथ राम के घर जाता है और वहीँ काम करता है |सुबह से दुपहर तक तो सही से काम चलता है फिर अचानक दौपहर के वकत काम करते-करते जुगल का पैंट फट जाता है |     जो की सब के सामने हसीं का पात्र बन जाता  है| जिसे देख सभी काम करने वाले  हस्ते है और उसका मज़ाक बनाते है| इसके कारण वह भी शर्म के कारण लज़्ज़ित महसूस करता है और  फिर वो मकान मालिक से सुई -धागा  मांग कर पैंट  को सीलता है और वापस से काम पर लग जाता है |अचानक वहाँ पर कही से नाग -नागिन आ जाते है जो की घर के लोगो मे भैय पैदा कर देते है लोग घबरा कर इधर से उधर भाग रहे होत है|    जब यह बात जुगल को पता चलते ही जुगल वहाँ आता है और उन्हें देख कर ए

जीवन एक पहिये के चककर की तरह है|

जीवन एक पहिये के चककर की तरह है| नमस्कार दोस्तो ,    आज की  इस काहानी मे ,में आपको बताऊगा  कि जिंदगी कया है और कैसे हम जन्म से मरण तक है |   कया बताऊ ,पता तो सबको है पर समझते कोई ना | कया होता कि जब जन्म होता है तो हम धरती पे आते है|   ओर एक साल बाद हम किसी के सहारे चलते है | फिर कुछ समय गुजरता है |तो उसके बाद  खुद से चल पडते है |   गिरते ,उठते हुऐ|  फिर हम 4 साल की उम्र तक आते है तो पेशाब भी पेन्ट मे कर देते है|   कुछ समय बाद ओर हम फिर बडे होते जाते है |  अब, हम आते -आते 7साल तक आते है |बैग लादकर स्कूल  जाते है |   एक रास्ते रास्ते ओर रास्ते भूलना ,घर भूलना |    अब धीरे -धीरे उम्र बढती जाती है ओर गुजरती जाती है | अब उम्र आ जाती है| 14 साल की जब हमे दोस्त बनाते बनाते  हम 18साल मे पार कर जाते है| अब उम्र आ जाती है भारतीय नियम को पालन करने का कयोकि उससे पहले कोई कुछ बिगाड नही सकते थे|   अब समय आ जाता है|  सब कुछ अपने नाम करने का |    इस 18साल की उम्र मे गाडी का लाईसेंस मिल जाता है| वोट डालने का अधिकार ,ओर भारतीय दणडता नियम को पालन करने का|  अब उम

भाई बहन का प्यार ये कलाई का बंधन (रक्षाबंधन)आपके नाम ||

भाई बहन का प्यार ये कलाई का बंधन (रक्षाबंधन)आपके नाम ||  रक्षाबंधन🙅 चलो इसको मे अपनी काहानी से मिलाकर आपको बताऊगा|          हर भाई बहन को एक त्योहार बनाना पडता है| और ये है हमारा रक्षाबंधन !!! रक्षाबंधन कयो बनाया जाताहै कया  आपको पता है| चलो नही पता तो आप अपनी बहन से पूछना कयोकि आपको अपने से जयादा आपकी बहन को पता होगा आपके बारे में,  भाई बहन का ये त्योहार भाई बहन के प्यार का बंधन!!!   हर एक साल मे ये त्योहार आता है जिस दिन बहन को इंतजार रहता है|    कि आज मे  टिका करुगी भाई को ओर कलाई पर राखी बांधुगी || भाई को लडडू खिलाऊगी| पर भाई बहन से इतना  बोलता है आज मे खेत जा रहा हू या कोई ओर काम करने को बोलता रहेगा ओर आऐगा नही जल्दी | पर बहन बोलती हे जल्दी आ जाना है आज रक्षाबंधन है पर भाई भी इतने अच्छे  होते है वो ना चाहकर भी बहन को सुनाते है ताकि बहन बोले ? जल्दी आना | जल्दी आना |   भाई फिर आ भी गया तो वो जल्दी से तैयार नही होगा| कयोकि वो भाई, बहन से फटकार सुनना चाहता है|    जल्दी कर घडी देखो 10:00 बज गये| कभी कभी बहन ,भाई को पकडर लाती है ओर जबरदस्ती टिका

एक माँ की सच्ची दर्द भरी कहानी घटना! एक मां की दुखभरी कहानी सच मे रो जाओगे

एक माँ की सच्ची दर्द भरी कहानी घटना एक काहानी ऐसी ही है जो कि ऐसी पर थोडी अलग है वो भी देखे .. Click Here यदि काहॎनी  सुन के आंखो मे आंसू ना आये तो आप अपनी मां को बोल देना मां तुम मुझे पंसद नही हो !           😪😴😓🤤😥     मेरी माँ की सिर्फ एक ही आँख थी और इसीलिए मैं उनसे बेहद नफ़रत करता था | वो फुटपाथ पर एक छोटी सी दुकान चलाती थी |   उनके साथ होने पर मुझे शर्मिन्दगी महसूस होती थी | एक बार वो मेरे स्कूल आई और मै फिर से बहुत शर्मिंदा हुआ | वो मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है ? अगले दिन स्कूल में सबने मेरा बहुत मजाक उड़ाया | मैं चाहता था मेरी माँ इस दुनिया से गायब हो जाये | मैंने उनसे कहा, 'माँ तुम्हारी दूसरी आँख क्यों नहीं है? तुम्हारी वजह से हर कोई मेरा मजाक उड़ाता है |   तुम मर क्यों नहीं जाती ?' माँ ने कुछ नहीं कहा | पर, मैंने उसी पल तय कर लिया कि बड़ा होकर सफल आदमी बनूँगा ताकि मुझे अपनी एक आँख वाली माँ और इस गरीबी से छुटकारा मिल जाये | उसके बाद मैंने म्हणत से पढाई की | माँ को छोड़कर बड़े शहर आ गया | यूनिविर्सिटी की डिग्री ली | शादी की | अपना

सबको खुश नही किया जा सकता ?

सबको खुश नही किया जा सकता ?   एक बार की बात है| एक परिवार एक दिन गांव से बाहर गधे को खरीदने के लिये बाजार गये |   वहाँ उनहोने एक गधा पसन्द किया | फिर वो गधा लेकर घर की तरफ आने लगे |    तभी वो एक कस्बे को पार करने वाले थे | ओर आवाज आई |   हा हा हा !!!!   !!!!   कितने पागल लोग है | गधा होते हुऐ भी पैदल चल रहे है| तभी वो सोचे की चलो गधे के उपर बैठकर चलते है|   ___ __ फिर अगले गांव पहुचने वाले थे तब गांव वाले बोले देखो देखो कैसे बेचारे गधे को बेहाल कर रखा है|    तभी वो सभी वही उतर गये | फिर उनहोने अपने साथ बच्चे को गधे के उपर बैठा दिया|   फिर चौक से आवाज आई | देखो देखो बेचारा बूढा तो पैदल रहा है| वो हटठा कटठा गधे की सवारी कर रहा है|    फिर वो बच्चा उतर गया ओर बुढढे को बिठा दिया |   जैसे जैसे अगले कस्बे मे गये तो बोला कि बुढढा कितना सवारथी है|  कि उसका बैटा तो पैदल चल रहा है| ओर सभी पैदल चले जा रहे है|   अभी वो सब परेशान थे |   अत: उन्होने सुझाव किया कि गधे को हम उठा के लेकर चलते है| फिर उनहोने गधे की टाँगे बाधकर गधे को उठा लिया |   गाव मे जैसे ही घूसे सब हसने लगे |

हर जगह का प्यार हर जगह की जीत !! तो कया है 💕प्यार😍

हर जगह का प्यार हर जगह की जीत !! तो कया है 💕प्यार😍 नमस्कार दोस्तों ,   आज की इस काहानी मे आपको बताऊगा की प्यार कया होता है | कैसे प्यार जताते है ,कैसे प्यार मे झगडा होता है |   कया प्यार करना चहिऐ | इस काहानी को मैने बहुत बार सोचा फिर मैने सोचा कि लिख दू |  अंत मे फिर ये काहानी आप सब के साथ मिल बाट कर बताऊगा|  मेरे परिवार ओर मेरे साथी -सहपाठी !!     प्यार दो ओर दो से जयादा लोगो का बंधन है | ये कोई लडका - लडकी ,पति -पत्नी ,भाई -बहन ओर नाते  -संबंधी के बीच होता है |   प्यार कया होता हे ये मे शुरुआत अपने माता-पिता से शुरु करता हूँ कि जब कोई छोटा सा इगडा हो ओर बात आ जाऐ उनके बेटा -बेटी पर तब बहुत ही मजा आता है |   पापा बोलते हे कि मेरा बेटा है ओर मम्मी बोलती है कि मेरा बेटा है |   आपस मे बहुत बार तक बहस चलती है | पर बेटा कया बोले????   अब बात आ जाती है कि मां को अपनी काहानी बताने की कि मैने पेट मे रखकर इसे पाला पोसा है |  ऐसे ही नही हुआ ठीक है ना!!   फिर पापा कहाँ कम रहते हे पापा बोलते है कि मेरे बिना ओर कर के दिखाओ | अब हंसी रूकती नही |  अब मां कया बोले ??  मां

मजदूर हरि की कहानी !!

 मजदूर हरि की कहानी !! ये काहानी आपको रुला देगी प्रणाम सभी को ,                                   नमस्कार दोस्तों मैं अनिल हटरिया आज आपके लिए नई कहानी लेकर आया हूँ | यह कहानी है हरि नाम के एक मजदूर की, हरि की उम्र तकरीबन 7 साल थी |  हरि रामपुर नामक के गांव में रहता था| रामपुर उस समय काफी खुशहाल गावँ था|  गावँ  के लोग बड़े खुशमिजाज थे|  हर कोई अपनी मजदूरी,  खेती, व्यापार इन्हीं चीजों में व्यस्त रहता था| हर साल गांव में मेला होता था,  नए-नए त्योहार मनाए जाते थे|  करीबन 10 साल की उम्र में हरि के माता-पिता उसे छोड़ स्वर्ग सिधार गए थे, तब से हरि अकेला ही जीता था| जहां मिले वहां खाता था, जहां मिले वहां सो जाता था|    हरि के पिता ने गांव के साहूकार से काफी कर्ज़ लेकर रखा था| वह कर्जा चुकाने के लिए साहूकार ने हरि को अपने यहां काम पर रख लिया था,  हरि के पास ना अपनी खेती थी ना कोई व्यापार था| हरि साहूकार के नीचे काम करते-करते न जाने कब बड़ा हो गया,  अब हरि की उम्र तकरीबन 20 साल थी | पूरी जिंदगी हरि ने अकेले काटी थी| अब उसका मन शादी कर घर बसाने का था| पर मुश्किल तो यह थी हरि जैसे