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दिल को छू लेने वाली काहानी इंसानियत अभी तक जिंदा है..

दिल को छू लेने वाली काहानी    इंसानियत अभी तक जिंदा है.. एक सज्जन रेलवे स्टेशन पर बैठे गाड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे तभी जूते पॉलिश करने वाला एक लड़का आकर बोला~ ‘‘साहब! बूट पॉलिश कर दूँ ?’’ उसकी दयनीय सूरत देखकर उन्होंने अपने जूते आगे बढ़ा दिये, बोले- ‘‘लो, पर ठीक से चमकाना।’’ लड़के ने काम तो शुरू किया परंतु अन्य पॉलिशवालों की तरह उसमें स्फूर्ति नहीं थी। वे बोले~ ‘‘कैसे ढीले-ढीले काम करते हो? जल्दी-जल्दी हाथ चलाओ !’’  वह लड़का मौन रहा।  इतने में दूसरा लड़का आया। उसने इस लड़के को तुरंत अलग कर दिया और स्वयं फटाफट काम में जुट गया। पहले वाला गूँगे की तरह एक ओर खड़ा रहा। दूसरे ने जूते चमका दिये। Buy Now 🤙    ‘पैसे किसे देने हैं?’ इस पर विचार करते हुए उन्होंने जेब में हाथ डाला। उन्हें लगा कि ‘अब इन दोनों में पैसों के लिए झगड़ा या मारपीट होगी।’ फिर उन्होंने सोचा, ‘जिसने काम किया, उसे ही दाम मिलना चाहिए।’ इसलिए उन्होंने बाद में आनेवाले लड़के को पैसे दे दिये। उसने पैसे ले तो लिये परंतु पहले वाले लड़के की हथेली पर रख दिये। प्रेम से उसकी पीठ थपथपायी और चल दिया। वह आदमी विस्मित नेत्रों से देखता रहा। उसने लड़क

मैं बोझ नहीं हूं पापा ,दुनिया को समझो ना पापा ||

 मैं बोझ नहीं हूं पापा ,दुनिया को समझो ना पापा || शाम हो गई अभी तो घूमने चलो ना पापा | चलते-चलते थक गई कंधे पर बिठा लो ना पापा | अंधेरे से डर लगता सीने से लगा लो ना पापा |  मम्मी तो सो गई आप ही थपकी देकर सुलाओ ना पापा स्कूल तो पूरी हो गई अब कॉलेज जाने दो ना पापा,  पाल पॉस्कर कर बडा कर  दिया बाद , अब जुदा तो मत करो ना पापा , अब डोली में बिठा ही दिया तो आंसू तो मत बहाना पापा, आपकी एक मुस्कुराहट अच्छी है ,  एक बार ओर मुस्कुराओ ना पापा , आपने मेरी हर बात मानी एक बात और मान लो ना पापा | मान लिया है मेनै इस धरती पर , तेरे से बडा कोई नही है पापा, पर कयो ये लोग छोटा दिखाते है पापा, अपनी बेटी आपका मान है | ये सबको समझाओ ना पापा, Buy Now Click Here   तसल्ली नही अब मुझे इस गैर जिम्मेदार दुनिया का , कुछ अलग से कर दिखाओ ना पापा | तरक्की बहुत की है आपने , किसी को भी ये समझाओ ना पापा | आप और हम है बस इस दुनिया  मे , सबको बैठकर समझाओ ना पापा || तेरी बेटी हूँ बेटा बना के रखो ना पापा , आपका हर काम  किया अब एक बात ओर  मानो ना पापा || तेरा बेटा हू बेटा बना के रखो ना पापा | पागल नही हूँ  इस दूनिया को समझाओ

तुम्हें देखे बिना मेरी ये जिंदगी  ( माय लव) मेरी जान 

  तुम्हें देखे बिना मेरी ये जिंदगी   ( माय लव) मेरी जान  मेरी बैचैन आँखो का ,ये  इंतजार जाता नहीं है | तुम्हें देखे बिना ' प्रीत' का करार आता नहीं है | हवा भी छेडती है , दस्तक ए दहलीज से हमें  तेरी यादों की कैद से  फरार होना आता नहीं है |  कर लाख सजदे कितनी मन्नतों  के बांधो  ताबीज , तेरी शिद्दत ऐ  मोहब्बत सा खुमार आता नहीं है  | दुनिया की भरी महफिल में , रिश्तों की भीड़ में  तुझसा  दिलकश   प्यार किसी पर आता नहीं है  | Buy Now Click Here 🖐🏻 तुमसे कभी रूठ भी नही पाऊगा | कह कह थकता नही हूँ प्यार हूँ बस तेरा , फिर किसी को बता भी नही पाऊगा | समझता हूँ हर बात तेरी पर , कुछ बात मे भी अलग ना रह पांउगा | बात मान मेरी मुझे रूला के मत जा फिर  तेरे जैसा प्यार और किसी से ना कर पाउंगा | Buy Now     पूछोगे तो कह भी ना पाऊंगा , और बिना कहे रह भी नहीं पाऊंगा  तू दरिया , तू ही कश्ती मेरी ,  तुम्हारे  बिन मैं ढह नहीं पाऊंगा ... मेरे घर की दर और दीवार तुम ,  तुम्हारे बिना ढह भी नहीं पाऊंगा  | पी गया मैं तल्खी जमाने की ,  तुम्हारी बेरुखी सह  भी ना पाऊंगा  तुम्हारी बेरुखी सह भी नहीं पाऊंगा || तुम

ऐसा ना समझना कि ऐसा ना समझना कि मैं एहसास मानना छोड़ दिया | हां पुराने याद है मुझे पर नए लेना छोड़ दिया |

  ऐसा ना समझना कि  ऐसा ना समझना कि मैं एहसास मानना छोड़ दिया | हां पुराने याद है मुझे पर नए लेना छोड़ दिया | ऐसा ना समझना कि मैं साथ चलना छोड़ दिया  हां ,बस थक जाता हूं इसलिए दूर जाना छोड़ दिया |  ऐसा ना समझना की मै मैने उम्मीदो के साथ नई उम्मीदे  बनाना छोड दिया | हां थोडा तंग तो हू पर ये मत सोचना की मेने तंग रास्तो  पर आना छोड दिया || गुजार दिया वक्त एक रात रोकर भी ,  ये मत समझना कि वक्त एक रात मे निकल गया | सपने उम्मीद के भी है पर ये मत समझना की उम्मीदे करना  छोड दिया || परछाई को फालो किया पर ये मत समझना की परछाई पहचानना छोड दिया ||   ऐसा ना समझना कि दोस्तों का साथ छोड़ दिया|  हां, ये हसरतें दूरियां बढ़ा देते हैं तो मैं दिखावे का डोगं छोड़ दिया | Buy Now .   ऐसा ना समझना कि मैं रिश्तो को निभाना छोड़ दिया |  हां , थोड़ा अकेला तो हूं पर का भीड़ में रहना छोड़ दिया |    ऐसा ना समझना कि मैं परवाह करना छोड़ दिया |  हां पर अब इतनी करता हूं यह बताना छोड़ दिया |  ऐसा ना समझना कि मैं विश्वास करना छोड़ दिया |  हां , खुद कुछ खुदगर्ज ऐसे मिले थे | जिसे मैं ऐसे से जालसाजों का साथ छोड़ दिया ||  ऐसा

छोड़ दीजिए एक दो बार समझाने से कोई नहीं समझ रहा तो, सामने वाले को समझाना छोड़ दीजिए !!

                   छोड़ दीजिए जो आपको छोड गये |     एक दो बार समझाने से कोई नहीं समझ रहा तो,  सामने वाले को समझाना छोड़ दीजिए !!    बच्चे बड़े होने पर वह खुद निर्णय लेने लगे तो , उनके पीछे लगा छोड़ दीजिए !!!     गिने चुने लोगों से आपके विचार मिलते हैं , एक दो से  नहीं जुड़े तो उन्हें छोड़ दीजिए !!      एक उम्र के बाद कोई आपको ना पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है , तो दिल पर लेना छोड़ दीजिए !!    अपने हाथ कुछ नहीं यह अनुभव आने पर ,  भविष्य की चिंता करना छोड़ दीजिए !!     इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ता है , तो अपने आप की  अपेक्षा करना छोड़ दीजिए ||     हर किसी का जीवन अलग कद, रंग सब अलग है , इसलिए तुलना करना छोड़ दीजिए !!   बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए. ,  रोज जमा खर्च की चिंता करना छोड़ दीजिए  |||       अच्छा लगे तो ठीक ना लगे तो  ,  हल्के में लेकर छोड़ दीजिए || छोड दिजिये उनको जो तुम्हे छोडने से खुश हो | छोड दिजिये उन्हे जो आपने देखने से दुखी हो | छोड दिजिये उन्हे भी जो अलग से बसा कर अलग रहना सीख गया हो |||   Buy Now    छोड दिजिये उन्हे भी जो बडो -बूदढो को आदर

कजूंस सेठ के घर की काहानी

  कजूंस सेठ के घर की काहानी         एक दिन एक बहुत बड़े कजूंस सेठ के घर में कोई मेहमान आया!! कजूंस ने अपने बेटे से कहा, आधा किलो बेहतरीन मिठाई ले आओ। बेटा बाहर गया और कई घंटों बाद वापस आया। कंजूस ने पूछा मिठाई कहाँ है। बेटे ने कहना शुरू किया-" अरे पिताजी, मैं मिठाई की दुकान पर गया और हलवाई से बोला कि सबसे अच्छी मिठाई दे दो। हलवाई ने कहा कि ऐसी मिठाई दूंगा बिल्कुल मक्खन जैसी। फिर मैंने सोचा कि क्यों न मक्खन ही ले लूं। मैं मक्खन लेने दुकान गया और बोला कि सबसे बढ़िया मक्खन दो। दुकान वाला बोला कि ऐसा मक्खन दूंगा बिल्कुल शहद जैसा।|  मैने सोचा क्यों न शहद ही ले लूं। मै फिर गया शहद वाले के पास और उससे कहा कि सबसे मस्त वाला शहद चाहिए। वो बोला ऐसा शहद दूंगा बिल्कुल पानी जैसा साफ। एक दम मस्त | Buy Now   तो पिताजी फिर मैंने सोचा कि पानी तो अपने घर पर ही है और मैं चला आया खाली हाथ। कंजूस बहुत खुश हुआ और अपने बेटे को शाबासी दी। लेकिन तभी उसके मन में कुछ शंका उत्पन्न हुई। "लेकिन बेटे तू इतनी देर घूम कर आया। चप्पल तो घिस गयी होंगी।" "पिताजी ये तो उस मेहमान की चप्पल हैं जो घर पर आय

फर्क एक बेटा बेटी में,बेटा भाग्य से व बेटी सौभाग्य से होती है |

  फर्क एक बेटा बेटी में, फर्क एक बेटा बेटी में, ak bata ,beta born by luck and beti born by luckilly  बेटा तन है  तो बेटी मन है | बेटा वंश है  तो बेटी अंश है |  बेटा ऑन है  तो बेटी शान है |  बेटा मन है  तो बेटी गुमान है |  बेटा वारिस है  तो बेटी पारस है | बेटा संस्कार है  तो बेटी संस्कृति है | बेटा भाग्य है  तो बेटी विधाता है|  बेटा दवा है  Buy Now   तो बेटी दुआ है |  बेटा शब्द है  तो बेटी अर्थ है | बेटा राज है  तो बेटी भाग है  बेटा गीत है  तो बेटी संगीत है | बेटा एक प्रेम है  तो बेटी पूजा है ||  बेटा हथियार  है  तो बेटी हाथ है || बेटा सुंगध  है  तो बेटी फूल है || बेटा है तो बेटी है | अन्यथा जीवन एक शब्द है || बेटा भी , बेटियों से कम नही  यहाँ बेटा नही | तो वहाँ बेटी भी नही |  याद रखे बेटा ही सब कुछ नही || बेटिया भी हमारी जीवन दाता है || पर बेटा नही तो बेटी भी नही | ये एक जोडी है बेटा बेटी की,  जहाँ एक बेटा ,बेटी से परिवार बनता है  उस परिवार से ही बनते है वो रिशते नाते || अतं काहानी का अर्थ यह है कि बेटा ,बेटी समान है | बेटा ,बेटी में अंतर ना समझे || ये पंक्तियां अच्छी लगे तो अपने बेटा