ऐसा ना समझना कि ऐसा ना समझना कि मैं एहसास मानना छोड़ दिया | हां पुराने याद है मुझे पर नए लेना छोड़ दिया |
ऐसा ना समझना कि
ऐसा ना समझना कि मैं एहसास मानना छोड़ दिया |
हां पुराने याद है मुझे पर नए लेना छोड़ दिया |
ऐसा ना समझना कि मैं साथ चलना छोड़ दिया
हां ,बस थक जाता हूं इसलिए दूर जाना छोड़ दिया |
ऐसा ना समझना की मै मैने उम्मीदो के साथ नई उम्मीदे
बनाना छोड दिया |
हां थोडा तंग तो हू पर ये मत सोचना की मेने तंग रास्तो
पर आना छोड दिया ||
गुजार दिया वक्त एक रात रोकर भी , ये मत समझना कि
वक्त एक रात मे निकल गया |
सपने उम्मीद के भी है पर ये मत समझना की उम्मीदे करना
छोड दिया ||
परछाई को फालो किया पर ये मत समझना की परछाई पहचानना छोड दिया ||
ऐसा ना समझना कि दोस्तों का साथ छोड़ दिया|
हां, ये हसरतें दूरियां बढ़ा देते हैं तो मैं दिखावे का डोगं छोड़ दिया |
ऐसा ना समझना कि मैं रिश्तो को निभाना छोड़ दिया |
हां ,
थोड़ा अकेला तो हूं पर का भीड़ में रहना छोड़ दिया |
ऐसा ना समझना कि मैं परवाह करना छोड़ दिया |
हां पर अब इतनी करता हूं यह बताना छोड़ दिया |
ऐसा ना समझना कि मैं विश्वास करना छोड़ दिया |
हां , खुद कुछ खुदगर्ज ऐसे मिले थे |
जिसे मैं ऐसे से जालसाजों का साथ छोड़ दिया ||
ऐसा ना समझना कि वक्त ने अपने साथ मुझे भी बदल दिया ||
हां , पर घर मैं अभी भी उम्मीद में भी नई उम्मीद के साथ जीना सीख लिया ||
हा बच्चा हू नादान सा ,पर फिर भी मुझे ये मत समझना कि
बडा बनना छोड दिया ||
समझ लेता हूँ अहंकार को भी ,पर ये मत समझना की अहंकारी परखना भूल गया ||
और ये मत सोचना की रिश्ते को ये मजबूरी मे भी चलाएगा पर ये कभी भूल के मत सोचना भी ऐसे ही अपमान सह जाऊगा ||
मत समझना अपना यार को भी ,
पर मैने तेरे कहने पर वो यारी मे रहना छोड दिया ||
ये मत समझना की बोतल उठा ली इसने तो ,
बोतल का रंग भूल गया ||
भूला नही हू जिंदगी मे अपना नाम ,
और ये मत समझना की मैने तेरे कहने पर अपने मां बाप से रिश्ता तोड दिया |
समझ है मुझे अब सबको समझना छोड दिया ||
हां ,हां |
ऐसा ना समझना कि मैंनै ऐहसास मानना छोड़ दिया |
ऐसा एहसास मानना छोड़ दिया ||
पकि्तिया अच्छी लगे तो शेयर करे और अपनी राय देने के लिऐ नीचे कामेंट मे अपनी राय सांझा करे |
यहाँ से पढे और कविता एवं कहानियां Click Now
...
..
.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें