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मैं बोझ नहीं हूं पापा ,दुनिया को समझो ना पापा ||

 मैं बोझ नहीं हूं पापा ,दुनिया को समझो ना पापा ||


शाम हो गई अभी तो घूमने चलो ना पापा |

चलते-चलते थक गई कंधे पर बिठा लो ना पापा |

अंधेरे से डर लगता सीने से लगा लो ना पापा |

 मम्मी तो सो गई आप ही थपकी देकर सुलाओ ना पापा स्कूल तो पूरी हो गई अब कॉलेज जाने दो ना पापा,

 पाल पॉस्कर कर बडा कर  दिया बाद ,

अब जुदा तो मत करो ना पापा ,

अब डोली में बिठा ही दिया तो आंसू तो मत बहाना पापा, आपकी एक मुस्कुराहट अच्छी है ,

मैं बोझ नहीं हूं पापा ,दुनिया को समझो ना पापा ||



 एक बार ओर मुस्कुराओ ना पापा ,

आपने मेरी हर बात मानी एक बात और मान लो ना पापा |

मान लिया है मेनै इस धरती पर ,

तेरे से बडा कोई नही है पापा,

पर कयो ये लोग छोटा दिखाते है पापा,

अपनी बेटी आपका मान है |

ये सबको समझाओ ना पापा,

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तसल्ली नही अब मुझे इस गैर जिम्मेदार दुनिया का ,

कुछ अलग से कर दिखाओ ना पापा |

तरक्की बहुत की है आपने ,

किसी को भी ये समझाओ ना पापा |

आप और हम है बस इस दुनिया  मे ,

सबको बैठकर समझाओ ना पापा ||

तेरी बेटी हूँ बेटा बना के रखो ना पापा ,

आपका हर काम  किया अब एक बात ओर 

मानो ना पापा ||

तेरा बेटा हू बेटा बना के रखो ना पापा |

पागल नही हूँ 

इस दूनिया को समझाओ ना 

पापा ||


इस धरती पर बोझ  नहीं,  दुनिया को समझो ना पापा,

 दुनिया को समझो ना पापा ||


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✍🏻✍🏻✍🏻 अनिल हटरिया


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