सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बेटी की विदाई की एक सुंदर कविता

 बेटी की विदाई की एक सुंदर कविता 

 

कन्यादान जब पूरा हुआ, 

आया समय विधाई का ||

हंसी-खुशी सब काम हुआ था ,

 सारी रस्म अदाई  का |

 बेटी के कातर स्वर ने ,

बाबुल को झकझोर दिया |

पूछ रही थी पापा तुमने ,

क्या सचमुच में छोड़ दिया ||

बेटी की विदाई की एक सुंदर कविता


 अपने आंगन की फुलवारी ,

मुझको सदा कहा तुमने ,

 मेरे रोने को पल भर भी ,

 बिल्कुल नहीं सहा तुमने ||

 क्या इस आंगन के कोने में ,

मेरा कुछ स्थान  नहीं , 

अब मेरे रोने का पापा,

 तुमको बिल्कुल ध्यान नहीं,

 देखो अंतिम बार देहरी ,

लोग मुझे पुजवाते  हैं ||

👉Buy NoW👈 

ladies underwear best underwear,


आकर के पापा क्यों इनको ,

आप नहीं धमकाते हैं  ||

नहीं रोकते चाचा, ताऊ, भैया से भी ,

आस नहीं ऐसी भी क्या निशठूरता है ,

बेटी की विदाई की एक सुंदर कविता    ,beti ki vidai


 कोई आता पास नहीं ||

बेटी की बातों को सुनके ,

 पिता नहीं रह सकता खड़ा , 

उमड़ पड़े आंखों से आंसू ,

बदहवास का दौड़ पड़ा ,

कातर बछिया सी वह बेटी ,

लिपट पिता से रोती थी ,

जैसे यादों के अक्सर वह ,

अश्रु बिंदु से धोती थी ||

मां  को लगा गोद से कोई , 

मानो सब कुछ छीन चला ||

 फूल सभी घर की फुलवारी से ,

क्यों कोई क्यों बिन चला ||

 छोटा भाई भी कोने में,

 बैठा बैठा सुबक रहा || 

उसको कौन करेगा चुप ,

अब कोने में दुबक रहा ||

 बेटी के जाने पर घर ने , जाने क्या-क्या खोया है ||

 कभी  ना रोने वाला बाप फूट-फूट कर रोया है,

 बेटी की विदाई पर इस बाप ने 

अपने को बहुत कुछ दुख झेला है,

 अपने को  बहुत कुछ दुख झेला है ||

 घर मे होती है बेटियाँ तो घर चमक जाता है ||

घर से उठ जाऐ डोली तो सब कुछ बिछर. जाता है |

 Buy Now 👈 

Suitcase


एक बाप ही समझ सकता बेटी की विदाई ,

एक भाई ही समझ सकता बहन की लडाई,

एक मां ही समझ सकती बेटी की तहनाई,

एक बहन ही समझ सकती है बहन की परछाई |||

  

काहानी अच्छी लगे तो सभी को शेयर किजिऐ ||



🙏🏾🙏🏾🙏🏾


यहाँ पर Click करके और कहानियां भी पढे

और कहानियां भी पढे





✍🏻✍🏻✍🏻 अनिल हटरिया



...

..

.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक माँ की सच्ची दर्द भरी कहानी घटना! एक मां की दुखभरी कहानी सच मे रो जाओगे

एक माँ की सच्ची दर्द भरी कहानी घटना एक काहानी ऐसी ही है जो कि ऐसी पर थोडी अलग है वो भी देखे .. Click Here यदि काहॎनी  सुन के आंखो मे आंसू ना आये तो आप अपनी मां को बोल देना मां तुम मुझे पंसद नही हो !           😪😴😓🤤😥     मेरी माँ की सिर्फ एक ही आँख थी और इसीलिए मैं उनसे बेहद नफ़रत करता था | वो फुटपाथ पर एक छोटी सी दुकान चलाती थी |   उनके साथ होने पर मुझे शर्मिन्दगी महसूस होती थी | एक बार वो मेरे स्कूल आई और मै फिर से बहुत शर्मिंदा हुआ | वो मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है ? अगले दिन स्कूल में सबने मेरा बहुत मजाक उड़ाया | मैं चाहता था मेरी माँ इस दुनिया से गायब हो जाये | मैंने उनसे कहा, 'माँ तुम्हारी दूसरी आँख क्यों नहीं है? तुम्हारी वजह से हर कोई मेरा मजाक उड़ाता है |   तुम मर क्यों नहीं जाती ?' माँ ने कुछ नहीं कहा | पर, मैंने उसी पल तय कर लिया कि बड़ा होकर सफल आदमी बनूँगा ताकि मुझे अपनी एक आँख वाली माँ और इस गरीबी से छुटकारा मिल जाये | उसके बाद मैंने म्हणत से पढाई की | माँ को छोड़कर बड़े शहर आ गया | यूनिविर्सिटी की डिग्री ली | शादी की | अपना

बहन की 😭विदाई 😓😭

  बहन की 😭विदाई 😓😭   बहन बहुत याद आती है जब मैने अपने हाथ से तेरा हाथ  दुसरे के हाथो मे पकडा दिया |  बस एक बात सोचकर की मेरी बहन खुश रहेगी और कोई कभी दुख नहीं देखेगी |        बहन की शादी से पहले मे ये बोलता था कि मै नही रोऊगा , नही शादी मे ,आखिर कयो वो दिन  कयो आ जाता है | कि एक कदम और एक सांस तक नही बोली जाती |     बहन  बस अब वो दिन ही याद आता है कि आपको अपने घर से जब स्टेज तक चार भाई आपको किसी के हवाले कर देते है |       आप कैसे चल रहे थे  ये तो पता नही पर मेरे पाव आगे नही फट रहे थे| और 20 कदम चलना इतना मुशिकल था | जैसे कि हम कहा और किस रास्ते पर जा रहै है |       जब हमने अपनी बहन को किसी के हाथ मे हाथ रखवाकर उनको स्टेज पर बिठा दिया | ये नही पता था कि वो कैसे होगे और किस तरह के होगे | पर कैसे रहेगी मेरी बहन 😥|       बहन जब वो मंडप पर सात चक्कर लगवाना तब तब ये लगता था कि कितना सच करेगे और कितने सच रहेगी|     बहन एक  वो जब पडिंत के दवारा चार वर को मनवाना कि आप इनके बिना बोले कही नही जाऔगी एक बार ना बोल दिया तो नही |       बहन और आपने एक इटके मे हां कर दिया और मै देखते ही देखते रह ग

पापा की उम्मीद ,मेरा कंधे पर मेरा बेटा |

पापा की उम्मीद ,मेरा कंधे पर मेरा बेटा | हर मां बाप अपनी औलाद को इतने लाड प्यार से बडा करते है| हर शौक अपने साथ पूरा करते है|    नजर एक जगह से दूसरी जगह जाती है  उसकी नजर भी हमारे उपर रहती है|   मां बाप हमारे सबसे बडे भगवान है|  आज इस काहानी मे आज मेरे पापा की उम्मीद ,सोच व लगन पर कलम लिखता हू,    पापा औ मेरे पापा ?? जब मे बचपन मे था |कया कया उममीदे जागा करती थी|   बोला करते  थे हमेशा कंधे  पर पड के ,,,, पापा ,कंधा तोड दिया चल नीचे पड😁😁,   अब मेरा बेटा मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा | जब कंधे पर खडा हो गया | ओर मुझे कहने लगा | देखो पापा, मे तुमसे बडा हो गया |    कया मजाक ओर कया हंसी थी | मेरे पापा ने मुझे कहा | बेटा इस खुबशुरत गलतफहमि को भले ही जकडे रखना|   मगर मेरा बेटा मेरा हाथ पकडे रखना|  जिस दिन ये हाथ छुट जाऐगा | उस दिन बेटा तेरा ये रंगीन सपना भी पूरा हो जाऐगा|    अब मेरे पापा मेरे को मुझे समझाते है|  दुनिया वासतव मे उतनी हसीन नही|  देख बेटा ये रंगीन सपना ना टूट जाऐ, देख तेरे पाल तले जमी नही है| अभी कंधा का सहारा है,   बाप तो खुश है इस बात से की बेटा