मैरी स्टोरी कया सुनोगी तुम || मेरी स्टोरी कया तुम सुनोगी , अब सहन नही होती वो राते कया तुम मेरे से बात करोगी ||
मैरी स्टोरी कया सुनोगी तुम ||
मेरी स्टोरी कया तुम सुनोगी ,
अब सहन नही होती वो राते
कया तुम मेरे से बात करोगी ||
मेरी स्टोरी कया तुम सुनोगी ,
काहानी नही ये जिंदगी हैं
असली में ये हमारी जुबानी है |
वकत मांगा तुमने तो फिर मेनै मेरा वकत
तेरे नाम कर दिया |
मुझे नही था किसी को आंख उठाकर भी
देख लेना ,अब तुमने वो
मेरा वकत बर्बाद कर दिया ||
वकत दिया था तुझे अब तुमने वो वकत बर्बाद कर दिया |
मेरी स्टोरी कया तुम सुनोगी |
जो तुने मेरा वकत बर्बाद कर दिया |
अब समय नही रहा है
वो पल भी याद कहा रहा ,
अधेंरा आँखो के पास से जा चुका है |
अधेरी रातो का वो काल भी बीत चूका है |
वकत पर तुम साथ नही थे
अब तुम वक्त बर्बाद कर रहे हो ,
काहानी लिखी मैने
बस एक वकत ,के लिऐ और
एक मौका तुझे दे दिया |
अब सुन सुन के पक चुका हूँ कि
बदल जाऐगा दिन,साल और वो महीना
कयोकि हर साल मे एक नया साल आ रहा हैं |
नये आयाम के साथ नये मौके ला रहा है |
काहानी कया तुम मेरी सुनोगी |
यो वकत की बात बता रहा है |
काहानी तुम कया मेरी सुनोगी |
नई शब्दो की लाईन लिखी ,
नई साईन की कई काहानियां लिखी ,
नये वो सपने लिखे जिससे
मेरे दिल के दुखडे बीते||
काहानी कया तुम सुनोगी ,
जो इस दिल के करीब से गुजरे ||
बहुत मेहनत कि अब
निडर बन गया हू ,
टूट टूट कर फिर से मजबूत बन गया हूँ |
एक मौका दिया था उस दिन में मैने
जब
आखरी बात की थी मैने ,
शायद तुझे याद नही कया कहाँ था मैने ,
आखिरी बार बोल रहा हू
मान ले मेरी बात ,
आखिरी बार समझा रहा हूँ ,
सुन ले मेरी बात ||
तुमने सुना नही बहुत बडा घंमड था
अब काहानी बन रही है तेरी और मेरी ,
तू लौट जा वापिस मेरे पास ,
नही तो इस दिलो की धडकन को विश्राम कैसे कर लूंगा |
बार बार बोला ,बार बार समझाया |
अब वो आखिरी बार थी |
अब वो आखिरी बात थी ,
काहानी लिखी थी मैने ,
कया वो काहानी अब सुनोगी मेरी |
मेरी स्टोरी कया तुम सुनोगी ,
अब सहन नही होती वो राते
कया तुम मेरे से बात करोगी ||
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