मेरी जिंदगी अलग है यार, मुझे नही चहिऐ ज्यादा यार -प्यार || मै अकेला ही सही हूँ मेरी जिंदगी अलग है यार,
मेरी जिंदगी अलग है यार,
मुझे नही चहिऐ ज्यादा यार -प्यार ||
मै अकेला ही सही हूँ
मेरी जिंदगी अलग है यार,
मै अकेला ही सही हूँ
कयोकि इससे अच्छा ही है मेरा उदार ,
यही है जीवन का उदार ,
मानता हूँ किस्मत अजमानी चहिऐ ,
पर मे किस्मत नही कर्मो में विशवास रखता हूँ |
अपने हजार नही सिर्फ एक रखता हूँ |
मालिक नही बना तो सिर्फ
अपना एक परिवार रखता हूँ |
मेरी जिंदगी अलग है यार ,
में बहुत कम यार प्यार रखता हूँ |
जीवन को उत्सुक बनाने के लिऐ बस में
अपनी प्रेरणा रखता हूँ |
बस एक बात अच्छी है मेरे में कयोकि
में बहुत कम यार प्यार रखता हूँ |
जीवन ने सिखाआ है |
बचपन ने पढाया है
गुरूओ को अपनाया है |
अपने रास्ते को खुद बनाया है |
किसी का लिया साथ ,
बस भगवान से आस लगाया है ,
जिक्र नही किया किसी छोटे -बडे का
अपने घर पर,
घर आऐ महमानो को भोग लगाया है |
केवल अपना मेहनत दिल दिमाम से लगाया है |
मेरी जिंदगी अलग है यार,
मुझे नही चहिऐ ज्यादा यार -प्यार ||
केवल दो घडी की रोटी -सब्जी ,
का रहता है मुझे इंतजार ,
केवल जी लेता उन्हे देखकर
जो रहता है मेरे दिल के करीब ,
मुझे नही चहिऐ ,
ज्यादा यार -प्यार ,
मुझे नही चहिऐ ,
ज्यादा यार -प्यार ,
मेरी जिंदगी अलग है यार,
कविता / काहानी जरा सी भी अच्छी लगे तो टिपण्णी करे ,और अपने दोस्त ,सहेली व मित्र को शेयर जरूर करे ||
..
.
.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें