लोग अकेले होते जा रहे है |
दिन छोटे होते जा रहे है |
कही गामो में उजाला आ रहा है तो
कही शहरो मे तमाशे हो रहे है |
दिल के सूकुन घटते जा रहे है |
अपने ही लोग रोड पर आ रहे है |
सच्चे को झूठा बौलकर शमशान की तरफ जा रहे हे |
कुछ लोग अकेले होते जा रहे है |
शहर में तमाशे हो रहे है |
कुछ लोग रिल बनाते फिर रहे है
तो कुछ रियल जिंदगी का सफर जी रहे है |
कुछ गांव के गरीब मरते जा रहे है |
तो कई अमीर हस्पताल में रो रहे है
कैसा हो गया ये संसार ,
अपनौ को छोडकर लोग ,
दूसरों से राय से लेने जा रहे है |
कई लोग अकेले होते जा रहे है
क ई तो अपने शहर छोडकर जा रहे है |
घर घर में विवाद होते जा रहे है |
वही लोग पुलिस थाने में अपमान बता रहे है |
कर्मो की देन है भगवान ,
कुछ लोग ना चाहते हुऐ भी दूर जा रहे है |
दिन छोटे होते जा रहे है |
अपने लोग किसी और के पास जा रहे है |
बादल की छारो से कांप रहा है
ये मौसम ,
क ई तौ बेमौसम बरसात लेकर आ रहे है |
जा रहे दूर लोग ,
गैरो को अपना बना रहे है |
मोहब्बत लाखो से कर ली ,
पर वो दिल एक से भी नही लगा रहे हे |
लोग अकेले होते जा रहे है और
दिन छोटे होते जा रहे है |
मेहनत करने वाले गरीब होते जा रहे है ,
और बेईमान तिजाोरी के हाथ लगा रहे है |
कुछ लोग दुर होते जा रहे है |
मजबूरी का फायदा उठाकर लोग ,
अपने घर से रातो को ही घर से भाग रहे है |
अंधेरी रातो में बुढे मा - बाप की
आँखो मे धूल छोककर निकल के जा रहे है |
पढने में मन नही लग रहा ,
बेमतलब मां बाप के सामने
झूठी उम्मीद जता रहे है |
कुछ लोग अकेले होते जा रहे है |
कुछ लोग झूठी उमीद जता रहे है |
कही कही तो रातो में ही नही
बल्कि दिन दडादे लूट पाट कर रहे है |
हम किस तरह अपने को अच्छा बता रहे है |
जहां उम्मीद ही नही वहाँ
हम एक उम्मीद जता रहे है ||
पढकर आगे जाऐगे ,
सपने लेकर सुबह गाडी की
स्पीड बढा रहे है !
समय पर जाने के लिऐ ,
अपना काम दूसरो से करवा रहे है |
जहां उम्मीद ही नही वहाँ
भी हम एक उम्मीद जता रहे है |
कुछ लोग अकेले होते जा रहे है ||
कुछ लोग सो नही पा रहे है |
कोई अपना ही नही औरौ से भी बैर
करवा रहे है |
कुछ उम्मीद को पानी में डुबो रहे है |
कुछ लोग अपने आप दिल से जा रहे है |
कुछ लोग अपने आप ही अकेले होते जा रहे है |
...
..
.
टिप्पणियाँ