पता नही कयू तुमसे प्यार किया ||
पता नही कयू तुमसे प्यार किया ,
पता नही कयू तुझसे इजहार किया ,
इस दिल पर कयू इतना दर्द लिया |
कयू माना में तेरी हर बात ,
कयू हर बार तूने मुझे झुठा बना दिया |
शर्त थी एक कि जुदा नही होगे ,
शर्त थी कि एक और कि कभी गुस्सा नहीं होगे ,
पर कयू आज कयू अकेला बना दिया |
कयू प्यार किया ,
कयू इंतज़ार किया ,
एक दिल को जोडकर फिर उस दिल को सीने से
कयो निकाल दिया |
बहुत समझाया मैने इस दिल को फिर भी इस दिल ने
कयू इजहार नही किया |
कयू मैने तुमसे प्यार किया |
कयू मै अपने दिल को तुझे दे बैठा |
कयू मै इस खुशी को तेरे लिये खोै बेठा |
प्यार किया था तुझसे कयू में इसे
अलग कर बैठा ||
आकर तुम रोऐ थे एक पल
तो मेरा दिल छोटी सी आपकी चिख से आपा खो बैठा ||
जब आई नही इस मर्द की बार बार सताने वाली आवाज
तो कयू किसी से मे प्यार कर बैठा |
दिल लगा तुझसे ,फिर दिल में विशवास बना ,
फिर दिल को परे ही कयो कर बैठा |
पता नही में कयो दिल दे बैठा |
हां पता नही में कयो में रो बेैठा |
वहम है तो रखो कि अब अनिल हटरिया तो
किसी और का हो बैठा ,
साल में 13 बिमारी के चलते वो कयो
वो सो बैठा |
पता नही में कयो दिल दे बैठा |
गुस्सा नही मुझे तो प्यार हुआ ,
अनजान से नही पर आप से प्रेम हुआ |
पर प्यार की राह में कयू ये अब
इमतिहान हुआ |
चलो सकंट की घडी में फिर कयो ये
तुझसे दुबारा प्यार रहा ||
फिर भी मुझे तुझसे से ही कयो
प्यार हुआ |
पता नही कयू तुमसे ही प्यार किया ,
पता नही कयू तुझसे ही इजहार किया ,
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