तू गिर जितना गिर सकता है , गिरना तो है ही तुझे , तू मर जितना मर सकता है | अफवाह नही चहिऐ , सच में रो तू जितना रो सकता है | आदते सच नही है तभी तो , तुम सच को झुठ बना सकता है | जा जा अब गिर जा , मरो या जाऔ , बस आंखो से दूर जाऔ ना , मत दिख मुझे , जो कर सकता कर के देख ले , उममीद नही है तो सब कर के देख ले , जिंदगी को थोडा आगे और थोडा पीछे पड के देख ले || गिर जा जहाँ गिरना वहाँ गिर मरना है तुझे मर , मुझे कोई उम्मीद नही , दिन में रात ,और रातो को दिन करके देखा है || Buy Now Offer 30% off अब तु जा यहाँ से , आया था मेरे पास तारे दिखाने के लिये| खुद को जीना नही पर दिखाता है जीने की काहानी , बस बंद कर दे ये मतलब की काहानी , कयोकि ये खुल्ले रास्ते को बंद करते देखा है मैने || अब बस ये ही कहूंगा , तू जा जहाँ , है तुझे जाना ,, तू गिर ना तुझे गिरना है वहाँ | मत फिर आगे और पीछे , जाल डालने की कोशिश कर ले ना दोबारा , शरीफ बंदो की उम्मीद पर पानी फेरने का जाला सज ले ना , अब रो कयो रहा है , गिर ना मेरे पैरो में , उम्मीद नही तो टिका दे घ...
वो गांव की गलियो वाला कल कदम निकला घर से तो गली मे आ गये गांव से निकले से हम शहर चले आऐ, जब शहर से निकले तो परदेश चले आऐ, परदेशो से निकले तो विदेश पहुँच गये || बाद में पता चला कि हम तो अपना घर छोड आऐ| जहाँ बीता कल ,वो संसार छोड आऐ, सुनते थे कहानियां ,सुनाते थे अपने गीत वो गांव की गलियां छोड आऐ , हम तो अपना घर छोड आऐ | आऐ कुछ कमाने तो कभी मन को भाने , पर सच में हम तो एक दिल छोड आऐ , गांव. मे वो अपना घर , गांव की वो गली जिसमे खेलता था मेरा दोस्त ओर वो सब बहने अब पता चला कि हम तो अपना एक बहुत बडा संसार छोड आऐ | आती है एक पल याद जब जाती है शाम , आती है एक पल याद जब जाती है शाम ,,थण थण मन तो करती है तंग तो कभी मन को रहती है उलझन, सदा सदा वो याद तो आती है , गलियो की मस्ती , वो जोडड वाले किनारे , भैसो के साथ पशुओ को खेतो में चराने , साईकिल की सवारी से खेतो की रखवाली , घर आते वकत साईकल के साथ दौड , यही रहते रहते करते थे , शाम के इंतजार वाला पल , गांव की गलियो में रहते थे Buy Now . वो बडे बुढो के साथ रहते थे छोटे -2 प...