तू भूल मत जाना
इज्जत है मेरी ,
तू शर्म करना
अपने रूप की
तू कदर करना उसकी
जो तेरे लिये जिये |,
तू भूल मत जाना
अपनी जिंदगी अभी ,
पिंजरा बंद है पर ये मत सोचना की
सपने अभी पूरे हो गये है मेरे |
तू भूल मत जाना
इज्जत है मेरी ,
तू शर्म करना इस दुनिया की ,
अपने बनाकर आपको
बेसहारा छोड देंगे |
तू कर्म अच्छे करना ,
तू बस एक शर्म करना ||
अभी तो ज़िंदा हूँ ,
शर्म कर ना ||
तु भूल मत जाना |
इज्जत है मेरी ,
सपने आधे नही हुऐ ,
अधूरे हुऐ ,
लोग अपने नही ,
आपके हुऐ ||
तू शर्म करना बस ,
तू इज्जत है मेरी ,
मतलब निकालकर लोग भाग जाऐगे |
बात याद रखना तू मेरी ,
मां -बाप तुझे एक बार ही
मिलेगे |
पर प्यार करने वाले तुझे हजार मिलेगे |
बस तू इज्जत करना
उस प्यार की जिसने
बस तेरे को ही चाहा
तू इज्जत करना उस
रब की जिसने
तुझे अपना समझा ,
तू इज्जत करना ,
भूल मत जाना
इज्जत है मेरी
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