सपने तो बहुत है |
और खवाब भी बहोत ,
दिल एक है और
दिलदार भी अनेक ,
अपने दिल की काहानी भी एक ,
अपने जिगर की रूह भी एक ,
सपने तो बहुत है |
पर दिल है ही एक ,
काहानी भी लिखी है , इसने
दिल की भी ,और बाहर की भी अनेक,
ये काहानी ,है ना
ना सुनी इसमे बेमतलब किसी की डाट ,
मतलबी नही बस सुनी है दिल की हजारो बार,
खुद. दिल से डाट ,
सपने तो बहोत है ,
पर सुनता है ये दिल की बात ,
मोड मोड पर पढा है ,
कर्मो में भाग्य लिखा पडा है ,
अपने से नाता जौडा है |
ना रखा किसी से दवेश ,
और ना दिल में कोई मतभेद |
सपने तो बहुत है और
खवाब भी अनेक ,
सुन रहा हे ये दिल आपकी ,
मानता ना की भी एक ,
चार चांद नही ,
दिल को समझाता है ये
दिमाग ,
खेलता है फिर फरिशतो
की बडी ढोल से ,
दिल नही बुरा चाई पाई
की निपाई तक अपने ये आयाम ,
सपने तो बहुत है |
और खवाब भी बहोत ,
दिल एक है और
दिलदार भी अनेक ,
रखा है सच्चा ये ईमान ,
ना कर रहा है किसी के साथ
बुरा ये प्रचार ||
सपने तो बहुत है |
पर अपने सपने अपने होते है |
ना रखो किसी पर आश ,पर रखो सदा विश्वास
सपने तो आते रहते है |
जब साकार हो जाते है ये
तब दिल खुश हो जाता ,
सपने तो सच हो रहे है |
अब अपने तो अपने हो रहे है |
जा जाकर दुसरो के दिलो में ,
अब वो पास आ रहे है |
सपने तो साकार हो रहे है |
मेरी नाव तो चल रही है |
पानी को उपर नीचे उढाल रही है |
दिलो में हंसी और मन में खुशी ला रही है |
जिंदगी में बडी मस्ती आ रही है |
सपने तो बहौत है |
अब सपने भी साकार होते जा रहे है |
अब खवाब तो बहुत , आ रहे है |
रातो के सपने अब दिनो में ही नही ,
रातो में जगा रहे ||
सपने तो बहुत है |
और खवाब भी बहोत ,
दिल एक है और
अब दिलदार भी अनेक ,
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