🤬जलन🤬करना बुरा होता है?
एक बार की बात है| एक नगरी मे कूृर राजा था|
वह अपनी प्रजा को तंग करता था|
वे सभी गरीब थे| पर कुछ ना बोल पाते थे|
जहाँ पर गरीबी रहती है वहा पर लोग खामोश ही रहते हे|
एक वयकित उसकी प्रजा मे बहुत दुखी था|
पर अंतयनत कुछ ना कर पाता था|
एक दिन, वो एक नदी के किनारे किनारे जा हा था| तब उसने एक मतसयवृहगन फंसी हुई मिली|
वह उसके पास गया ओर उसको आजादी दिलाई|
उसके यह काम देखकर मतसयवॄहगन बहुत खुश हुई| फिर उसने उस वयकित से बौला कोई वरदान मांगो|
तब उसने अपने आपबीती बताई |उसने अपनी नगरी के कू्रता से व्यवहार के बारे मे बताया|
मे गरीब हू इसलिए सब ऐसे से व्यवहार करते है|
तब उस मतसयवॄहगन ने उसको एक चककी दी जिसका नाम जादूई चककी था|
फिर उसने उसके प्रयोग मे कैसे ले उसके बारे मे बताया|
कि जब भी आपको कोई भी चीज की जरुरत हो तौ मांग लो जैसे इसका काम हो जाए तो हरे कपडे से ढक देना|
वो बहुत खुश हुआ|
वह भागा भागा घर आया ओर उसने घर पर ये बात बताई|
वो बहुत खुश हुऐ|
फिर सबको भूख लगी हूई थी| तब उस चककी से खाना मांगा| उसी समय खाना बनाकर दे दिया| सभी घर के सदस्य ने अचछी तरह से खाना खाया ओर बहुत खुश थे|
अतः धीरे धीरे वो ऐसे अनाज बनाते ओर मार्केट मे बेचने लगे| अब वो मार्केट मे प्याज,आलु ,टमाटर ,चावल व गेहूं बेचने लगे| वो बहुत खुश थे|
पर वो निर्दयी राजा इसकी आमदनी देखकर बिल्कुल भी खुश ना था|
वो इसका इतना वयापार कहां से होता है इसका पता करना चाहता था| एक रात वो इसके घर मे घूस गया|
उसने देखा कि जो वो चककी से मांग रहा है वही वो बना के दे रही है|
अतः उसने उसको चोरने का प्लान बनाया|
फिर कया हुआ उसी रात वो वहा से चककी चुराकर भाग गया| वो ओर उसकी फैमिली रातो रात अपनी नाव से निकल गये ताकि किसी को उसका पता तक ना चले|
फिर कया हुआ वो अब चलती नाव मे उस चककी को निकाला ओर अब उसने उससे अनाज मागा|
होना कया था||||
चककी ने तो आनाज निकालना शुरू कर दिया |अब आनाज इतना हो गया कि अनाज रखने के लिये जगह नही बची|
अब वो देख रहे है कि इसको कैसे रोके ,नाव बहुत भारी होने लगी | नाव अब डूबने लगी| कया करे ,अब कुछ भी ना कर सकते थै,
नाव अब डूब गई|
.....
उन्होने पानी मे छंलाग लगा ली|
...
..
कैसै ना कैसे करके वो किनारे तक पहुंचे|
अंत मे वो बच निकले |
ओर कभी वापस उस गाँव में कभी नही गये|
अंत सीख मिलती है कि अच्छे कर्म किजिऐ अच्छा फल मिलेगा|
ओर यदि आप ने किसी चीज को पा लिया है तो उसका समय व ठीक टाईम पर उपयोग करे ,ना की जैसे जादुई चककी को चलाना व, उसको बंद करने का उपाय भी जानना की कैसे रोका जाऐ ||
अंत: किसी से जलन /ईसया ना करे बलिक यदि आप किसी की रीस कर सकते हो तो ,रीस करे|
अंत आपको ये पोस्ट अच्छी लगे तो जरूर जरूर शेयर करे|
मेरी सारी कहानियां पढने के लिऐ Click करे!
______✍✍✍ अनिल हटरिया_________
एक बार की बात है| एक नगरी मे कूृर राजा था|
वह अपनी प्रजा को तंग करता था|
वे सभी गरीब थे| पर कुछ ना बोल पाते थे|
जहाँ पर गरीबी रहती है वहा पर लोग खामोश ही रहते हे|
एक वयकित उसकी प्रजा मे बहुत दुखी था|
पर अंतयनत कुछ ना कर पाता था|
एक दिन, वो एक नदी के किनारे किनारे जा हा था| तब उसने एक मतसयवृहगन फंसी हुई मिली|
वह उसके पास गया ओर उसको आजादी दिलाई|
उसके यह काम देखकर मतसयवॄहगन बहुत खुश हुई| फिर उसने उस वयकित से बौला कोई वरदान मांगो|
तब उसने अपने आपबीती बताई |उसने अपनी नगरी के कू्रता से व्यवहार के बारे मे बताया|
मे गरीब हू इसलिए सब ऐसे से व्यवहार करते है|
तब उस मतसयवॄहगन ने उसको एक चककी दी जिसका नाम जादूई चककी था|
फिर उसने उसके प्रयोग मे कैसे ले उसके बारे मे बताया|
कि जब भी आपको कोई भी चीज की जरुरत हो तौ मांग लो जैसे इसका काम हो जाए तो हरे कपडे से ढक देना|
वो बहुत खुश हुआ|
वह भागा भागा घर आया ओर उसने घर पर ये बात बताई|
वो बहुत खुश हुऐ|
फिर सबको भूख लगी हूई थी| तब उस चककी से खाना मांगा| उसी समय खाना बनाकर दे दिया| सभी घर के सदस्य ने अचछी तरह से खाना खाया ओर बहुत खुश थे|
अतः धीरे धीरे वो ऐसे अनाज बनाते ओर मार्केट मे बेचने लगे| अब वो मार्केट मे प्याज,आलु ,टमाटर ,चावल व गेहूं बेचने लगे| वो बहुत खुश थे|
पर वो निर्दयी राजा इसकी आमदनी देखकर बिल्कुल भी खुश ना था|
वो इसका इतना वयापार कहां से होता है इसका पता करना चाहता था| एक रात वो इसके घर मे घूस गया|
उसने देखा कि जो वो चककी से मांग रहा है वही वो बना के दे रही है|
अतः उसने उसको चोरने का प्लान बनाया|
फिर कया हुआ उसी रात वो वहा से चककी चुराकर भाग गया| वो ओर उसकी फैमिली रातो रात अपनी नाव से निकल गये ताकि किसी को उसका पता तक ना चले|
फिर कया हुआ वो अब चलती नाव मे उस चककी को निकाला ओर अब उसने उससे अनाज मागा|
होना कया था||||
चककी ने तो आनाज निकालना शुरू कर दिया |अब आनाज इतना हो गया कि अनाज रखने के लिये जगह नही बची|
अब वो देख रहे है कि इसको कैसे रोके ,नाव बहुत भारी होने लगी | नाव अब डूबने लगी| कया करे ,अब कुछ भी ना कर सकते थै,
नाव अब डूब गई|
.....
उन्होने पानी मे छंलाग लगा ली|
...
..
कैसै ना कैसे करके वो किनारे तक पहुंचे|
अंत मे वो बच निकले |
ओर कभी वापस उस गाँव में कभी नही गये|
अंत सीख मिलती है कि अच्छे कर्म किजिऐ अच्छा फल मिलेगा|
ओर यदि आप ने किसी चीज को पा लिया है तो उसका समय व ठीक टाईम पर उपयोग करे ,ना की जैसे जादुई चककी को चलाना व, उसको बंद करने का उपाय भी जानना की कैसे रोका जाऐ ||
अंत: किसी से जलन /ईसया ना करे बलिक यदि आप किसी की रीस कर सकते हो तो ,रीस करे|
अंत आपको ये पोस्ट अच्छी लगे तो जरूर जरूर शेयर करे|
मेरी सारी कहानियां पढने के लिऐ Click करे!
______✍✍✍ अनिल हटरिया_________
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें